Chandra Grahan Aaj : चंद्र ग्रहण के दौरान रहें सावधान, ये गलतियां पड़ सकती हैं भारी

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Chandra Grahan Aaj
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 08:49 PM
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Chandra Grahan Aaj : 28 अक्टूबर 2023 को लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा, ऐसे में ग्रहण का सूतक काल प्रभावी तथा असरदायक होगा। एक माह में बहुत कम समय अंतराल पड़ने वाले दो ग्रहण बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इस समय पर कई तरह के नियम मानना भी जरूरी होता है तथा कुछ लोगों को विशेष रुप से सावधान रहने की जरुरत होती है। शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के दौरान नियम इत्यादि का पालन जरुर करना चाहिए। लापरवाही करना घातक हो सकता है।

चंद्रग्रहण का ज्योतिषिय प्रभाव

ज्योतिषीय दृष्टि से चंद्र ग्रहण एक ऐसी घटना है, जिसका प्रभाव हर व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है। ऐसे में कुछ लोगों को बेहद सतर्क रहना चाहिए। खासकर गर्भवती महिलाओं को अपना अधिक ध्यान रखना चाहिए। ग्रहण का उनके साथ-साथ गर्भस्थ शिशु पर भी इसका असर पड़ता है। ग्रहण पर कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। इस समय पर केवल मंत्र जाप ध्यान के कार्य करने चाहिए।

चंद्र ग्रहण का समय और सूतक काल

आपको बता दें कि 28 अक्टूबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण वर्ष 2023 का अंतिम ग्रहण है। भारत में चंद्र ग्रहण का समय रात 1:06 बजे से रात 2:22 बजे तक है। इसका सूतक काल 9 घंटे पूर्व ही प्रारंभ हो जाएगा। ग्रहण काल के दौरान देवताओं की प्रतिमाओं को स्पर्श नही करना चाहिए। आज लग रहा चंद्र ग्रहण रात्रि समय समाप्त होगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा तो सूतक काल पूर्ण रुप से मान्य होगा। ग्रहण काल के दौरान कई बातों का ध्यान रखना जरुरी है और साथ में आचार व्यवहार पर नियंत्रण रखने की जरूरत होती है।

ग्रहण के दौरान चंद्रमा को नंगी आखों से नहीं देखना चाहिए इससे बुरा असर पड़ता है।

गर्भवती स्त्रियों को इसय के दौरान ग्रहण की छाया में जाने से बचना चाहिए। इस समय के दौरान किसी भी नुकूली वस्तु या चाकू, कैंची, सुई आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

ग्रहण के दौरान कुछ भी न खाने पीने से बचना चाहिए। इस समय वातावरण में अशुद्धियां प्रबल होती हैं ऎसे में इस दौरान भोजन की वस्तुओं को ग्रहण करना उचित नही माना जाता है।

ग्रहण के समय पर माना जाता है कि तुलसी को मुंह में रखकर प्रभु का नाम स्मरण करना चाहिए ऎसा करना शुद्धि एवं शुचिता को प्रदान करने वाला होता है।

ग्रहण के समय तथा ग्रहण के समाप्त होने पर शुद्ध जल से स्नान करना चाहिए ऎसा करने से ग्रहण से प्राप्त होने वाले खराब प्रभाव समाप्त होते हैं।

माना जाता है कि ग्रहण के दौरान नकारात्मक चीजों का आकर्षण भी अधिक बढ़ जाता है ऎसे में इस स्थिति के दौरान नाम जप की महिमा का उल्लेख मिलता है जिसके द्वारा मन शांत रहता है।

ग्रहण का सूतक काल समय 2023

शास्त्रों में ग्रहण के आरंभ होने से पूर्व सूतक काल का विचार होता है। इस समय पर देवस्थानों या देव मूर्ति पूजन इत्यादि को करना अनुकूल नहीं माना जाता है। इस बार लगने वाले चंद्र ग्रहण का सूतक समय 28 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 5 मिनिट से आरंभ हो जाएगा। ग्रहण के सूतक काल के समय पर स्नान दान जप मंत्र जाप सिद्धि तीर्थ स्नान ध्यान इत्यादि करना शुभ होता है। इस समय पर जातकों को अपनी राशि अनुसार दान कार्य करना चाहिए। सूतक काल के समय पर खाना पीना, संभोग, निंद्रा करना, नाखून काटना, तेल लगाना,  बिना वजह का संवाद करना, मूर्ति इत्यादि का स्पर्श मना होता है।

एस्ट्रोलॉजर राजरानी

इन राशि वालों के लिए भाग्यशाली साबित होगा चंद्र ग्रहण, चमकेगी किस्मत

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इन राशि वालों के लिए भाग्यशाली साबित होगा चंद्र ग्रहण, चमकेगी किस्मत

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chandra grahan 2023
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Oct 2023 04:40 PM
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chandra grahan 2023 horoscope: आगामी 28 अक्टूबर को वर्ष 2023 का अंतिम चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। खास बात यह है कि यह चंद्र ग्रहण भारत समेत दुनिया के कई देशों में दिखाई देगा। वैदिक ज्योतिष के अनुसार यह चंद्र ग्रहण कई राशि वालों के लिए बेहद ही लाभदायक रहने वाला है। इस चंद्र ग्रहण से कई लोगों की किस्मत का सितारा भी चमेगा। आईए जानते हैं कि वो कौन कौन सी राशि हैं, जिनके जातकों को इस चंद्र ग्रहण से लाभ मिलने वाला है।

chandra grahan 2023 horoscope

आपको बता दें कि 28 अक्टूबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण वर्ष 2023 का अंतिम ग्रहण है। भारत में चंद्र ग्रहण का समय रात 1:06 बजे से रात 2:22 बजे तक है। इसका सूतक काल 9 घंटे पूर्व ही प्रारंभ हो जाएगा। यह चंद्र ग्रहण सभी लोगों के जीवन पर प्रभाव डाल सकता है, लेकिन कुछ राशि के जातकों के लिए चंद्र ग्रहण शुभ साबित होगा। करियर में तरक्की होगी, धन लाभ, सुख और सौभाग्य में बढ़ोत्तरी हो सकती है। इसके अलावा कुछ लोगों को बड़ा पद भी मिल सकता है।

मिथुन राशि यह चंद्र ग्रहण मि​थुन राशि के लोगों के लिए शुभ फलदायी हो सकता है। आपके सुख और सौभाग्य में वृद्धि की उम्मीद है। नौकरीपेशा लोगों के लिए समय अच्छा होगा। आपके काम का प्रभाव बढ़ेगा, जिससे आपको कोई बड़ा पद मिल सकता है। आपके सम्मान में भी वृद्धि होगी। बिजनेस करने वालों को भी तरक्की के अवसर मिलेंगे। अचानक धन लाभ का योग बन रहा है।

सिंह राशि चंद्र ग्रहण आपके लिए अच्छा और शुभ संकेत देने वाला है। आपकी किस्मत बुलंद रहेगी, जिससे भाग्य का साथ मिलेगा। नौकरी करने वालों को नई जिम्मेदारी मिल सकती है। आगे चलकर इससे आपकी उन्नति की राह आसान होगी। व्यापारी वर्ग को मुनाफा कमाने का अवसर प्राप्त होगा। आपका आर्थिक पक्ष मजबूत रहेगा, धन की कमी दूर होगी। कुल मिलाकर इस ग्रहण के आपके करियर के लिए अच्छा रहने की संभावना है।

तुला राशि आपकी राशि के जातकों के लिए साल का अंतिम चंद्र ग्रहण लाभ पहुंचाने वाला हो सकता है। आप पर किस्मत मेहरबान रहेगी, जिससे आपके अटके हुए पुराने काम बनेंगे। मेहनत का पूरा फल प्राप्त होगा। व्यापारी वर्ग के हाथ कोई बड़ी डील लग सकती है। पारिवारिक जीवन सुखमय होगा। आपको कोई खुशखबर मिल सकती है।

धनु राशि इस चंद्र ग्रहण के प्रभाव से आपको धन लाभ होने की संभावना है। नौकरीपेशा लोगों से उनके बॉस खुश रहेंगे और आपके काम की तारीफ होगी। आपको प्रमोशन भी मिल सकता है। आपकी राशि के जातक अपनी आय ​को बढ़ाने के लिए आय के नए स्रोत विकसित करने में सफल हो सकते हैं।

मकर राशि चंद्र देव की कृपा से आपके जीवन में आने वाले संकट दूर होंगे। समस्याओं का तेजी से समाधान मिल सकता है। इससे आपका मन खुश होगा और तनाव दूर होगा। आपके पद और प्रतिष्ठा में वृद्धि भी हो सकती है। करियर की दृष्टि से इस चंद्र ग्रहण का प्रभाव आपके लिए सकारात्मक रहेगा। आपको तरक्की के अवसर प्राप्त हो सकते हैं।

कुंभ राशि चंद्र ग्रहण के कारण आपकी वित्तीय स्थिति पहले से बेहतर हो सकती है। आपको निवेश का अच्छा प्रस्ताव मिल सकता है, जो आपको भविष्य में बड़ा मुनाफा दिला सकता है। आपका मन पूजा पाठ में लगेगा। दांपत्य जीवन खुशहाल होगा। कार्यों में परिजनों की मदद मिलेगी, विशेषकर पिता का सहयोग प्राप्त होगा।

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नवरात्रि के पांचवें दिन माँ स्कंदमाता के साथ करें देवी ललिता का पूजन बनी रहेगी सुख समृद्धि 

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar19 Oct 2023 01:23 PM
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Navratri Fifth day of skandamata Maa: शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन स्कंदमाता के रुप में पूजा जाता है. इस दिन माता का यह रुप ममतामयी स्वरुप के साथ साथ ज्ञान प्रदान करने वाला होता है. इस दिन माता के पूजन द्वारा भक्त अपने जीवन में प्रेम और समर्पण का गुण लाता है. माता ने अपनी गोद में भगवान कार्तिकेय को बिठा रखा है. अपने पुत्र कार्तिकेय जिनका एक नाम स्कंद भी है उन्हीं के नाम पर उन्हें स्कंदमाता कहा जाता है. स्कंदमाता का पूजन शास्त्रों के अनुसार जीवन में स्नेह एवं प्रेम को प्रदान करता है. व्यक्ति के भीतर उन गुणों का संचार होता है जिनके द्वारा जीवन पोषण प्राप्त होता है. इस दिन में परंपरा के अनुसार माता का नियम अनुसार पूजन होता है. इस दिन मां ने यह रूप विशेष कारणों से लिया और माता का यह रुप ही सृष्टि के संचालन में शुभता लाने वाला बना. आईये जानें माता के पूजन एवं स्वरुप के बारे में विस्तार पूर्वक-

स्कंदमाता नवरात्रि पूजन 2023 मुहूर्त

पंचांग अनुसार तृतीया तिथि का नवरात्रि 19 अक्टूबर 2023 के दिन व्याप्त रहेगी. बृहस्पतिवार, को सौभाग्य एवं शोभन नामक शुभ योगों की प्राप्ति होगी.  इस दिन रवि योग की प्राप्ति होने से शुभ फल प्राप्त होंगे. शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन प्रात:काल से 06:20 से 12:45 तक शुभ योग पूजन होगा. इसके बाद 13:10 से 1540 का समय पूजा के लिए उत्तम होगा.

स्कंदमाता मंत्र पूजा विधि 

नवरात्रि के इस दिन देवी के मंत्र जाप के साथ आहवान किया जाता है. 'ॐ स्कन्दमात्रै नम: के साथ ही 'या देवी सर्वभू‍तेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: नामक मंत्रों का जाप बेहद सकारात्मक माना जाता है. पंचमी के दिन भक्त प्रात:काल उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर माता का स्मरण करते हैं. इसके बाद माता के स्वरुप का ध्यान करते हुए पूजन आरंभ होता है. माता को सिंदूर, चंदन, अक्षत, पुष्प इत्यादि अर्पित करते हैं. धूप दीप के द्वारा आरती एवं मंत्र से पूजन संपन्न होता है. माता के पूजन के साथ ही भगवान शिव गणेश एवं कार्तिकेय कापूजन भी किया जाता है. शिव परिवार का पूजन करने से शुभता प्राप्त है. उपांग ललिता पूजन  नवरात्रि के पांचवें दिन नवरात्रि पूजन के साथ ही देवी ललिता का पूजन भी होगा. इस दिन उपांग ललिता पूजन द्वारा भक्तों को धन समृद्धि का सुख प्राप्त होगा. मान्यताओं के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन का समय उपांग ललिता का व्रत एवं पूजन शुभ होता है. देवी ललिता का पूजन व्यक्ति को धन धान्य देने वाला होता है.

नवरात्रि का पंचम दिन देगा संतान एवं संपत्ति का सुख 

शारदीय नवरात्रि के पंचम दिन पर देवी स्कंदमाता की पूजा द्वारा संतान सुख की प्राप्ति का आशीर्वाद प्रदान होता है. स्कंदमाता का स्वरुप बहुत ही शुभ माना जाता है. माता की चार भुजाएं हैं. जिनमें माता अपने पुत्र स्कंद को उठाए हैं तथा अन्य भुजाओं में पुष्प सुशोभित हैं तथा अन्य भुजा द्वारा माता भक्तों पर स्नेह का सुख बरसाती हैं. एस्ट्रोलॉजर राजरानी राशिफल 19 अक्टूबर 2023- मेष से लेकर मीन राशि के जातकों के लिए कैसा बीतने वाला है आज का दिन, जानें आज के राशिफल में