Friday, 26 July 2024

धनतेरस पर कब करें खरीदारी अभी कर लें नोट, कहीं बीत न जाए शुभ समय 

वैसे तो इस दिन आप पूरे दिन ही खरीदारी कर सकते हैं. किंतु यदि फिर भी कुछ विशेष समय पर खरिदारी करने से शुभता ओर अधिक प्राप्त होती है.

धनतेरस पर कब करें खरीदारी अभी कर लें नोट, कहीं बीत न जाए शुभ समय 

Dhanteras 2023 date and time: कार्तिक मास में आने वाली कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है. धन तेरस का समय अत्यंत ही शुभ समय होता है. मुहूर्त शास्त्र के अनुसार धन तेरस के दिन को आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति के लिए बहुत ही विशेष माना गया है. इस दिन को अनेक रुपों में मनाए जाने का विधान रहा है. धन तेरस के दिन पर ही भगवान धनवंतरी का पूजन भी किया जाता है. इस दिन को आरोग्य की प्राप्ति हेतु भी शुभ माना गया है.

धन तेरस जीवन में शुभता के आगमन का समय 

धनतेरस का समय नई वस्तुओं की खरीदरी से संबंधित भी होता है. इस दिन पर लोग अपनी सामर्थ्य अनुसार घर में नई चीजों को लाते हैं. यह वस्तुएं आभूषण, वाहन, घर, संपत्ति, बर्तन स्वर्ण चांदी इत्यादि किसी भी रुप में हो सकती है. छोटे मोट सामान की खरीदारी के साथ साथ बड़े बड़े कार्य भी इस दौरान पर करने को प्राथमिकता दी जाती है. मान्यताओं के अनुसर इस समय पर की जाने वाली खरिदारी को बहुत ही शुभ माना जाता है. नए सामान के साथ ही घर में समृद्धि का भी वास होता है. इसके साथ ही इस समय लाया गया सामान लंबे समय तक जीवन में शुभता को प्रदान करने वाला होता है.

कब करें धनतेरस की खरीदारी 

हर साल की तरह इस वर्ष भी धनतेरस के सिन कुछ शुभ मुहूर्तों की प्राप्ति होती है. वैसे तो इस दिन आप पूरे दिन ही खरीदारी कर सकते हैं. किंतु यदि फिर भी कुछ विशेष समय पर खरिदारी करने से शुभता ओर अधिक प्राप्त होती है. कार्तिक मास पर कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ तो 10 नवंबर के दिन दोपहर को होगा 12:35 बजे ही इसकी शुरूआत होगी. 11 नवंबर को यह तिथि दोपहर 13:57 पर समाप्त होगी. ऎसे में धनतेरस का समय 10 नवंबर के दिन मनाया जाने का विधान होगा क्योंकि प्रदोष काल 10 तारिख को प्राप्त होगा. धनतेरस तिथि के दिन प्रदोष काल को बहुत विशेष माना गया है यह समय धनतेरस पूजा के लिए उत्तम होता है. इस कारण से 10 नवंबर को आने वाला प्रदोष काल ही धनतेरस की पूजा के लिए भी उपयुक्त रहने वाला है.

धनतेरस 10 नवंबर के दिन मनाया जाएगा इस दिन पूजा का समय संध्या समय पर होगा . धन तेरस की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष काल पूजन के लिए शाम 17:30 बजे शुरू हो जाएगा जो रात्रि 20:08 तक रहने वाला है. इस समय पर स्थिर लग्न की भी प्राप्ति होगी ओर स्थिर लग्न में पूजा करने को बेहद शुभ समय माना जाता है.  इस दिन स्थिर लग्न के रुप में वृषभ काल प्रदोष समय प्राप्त होगा. स्थिर लग्न का समय 17:47 से आरंभ होकर लगभग 19:34 तक रहने वाला है. अत: यह सभी समय पूजा तथा खरीदारी के लिए भी रहने वाला होगा.

एस्ट्रोलॉजर राजरानी

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