Monday, 17 February 2025

माघ मास के साथ आरंभ हुआ कल्पवास,श्री हरि पूजन से पूरे होंगे सभी मनोरथ 

Magh Maas 2024 Prarambh :26 जनवरी 2024 शुक्रवार के दिन से आरंभ हुआ माघ माह का जिसके साथ ही शुरु…

माघ मास के साथ आरंभ हुआ कल्पवास,श्री हरि पूजन से पूरे होंगे सभी मनोरथ 

Magh Maas 2024 Prarambh :26 जनवरी 2024 शुक्रवार के दिन से आरंभ हुआ माघ माह का जिसके साथ ही शुरु होगा कल्पवास.

माघमज्जनमात्रेण यथा प्रीणाति केशवः॥
माघस्नानं प्रकुर्वीत स्वर्गलाभायमानवः॥

पौष माह पूर्णिमा के बाद से शुरू हो जाता है माघ माह का. इस माघ माह के दौरान शुभ धार्मिक कार्यों का आरंभ भी होता है. इस समय पर कल्पमास का आरंभ होता है तथा धार्मिक मेलों में भक्तों का आगमन शुरु हो जाता है.
इस साल माघ माह के आरंभ के साथ ही देश भर के धर्म स्थलों पर भक्तों का जमावड़ा लगना शुरु होगा. इस समय पर विशेष रुप से किया जाता है पवित्र स्नान.

माघ माह में होता है मेलों का आयोजन

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भारतीय पंचांग अनुसार माघ माह को बेहद विशेष माना जाता है. इस माह में मघा नक्षत्र युक्त पूर्णिमा होने के कारण इसका नाम माघ कहलाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ महीने में किया जाने वाला पूजन सभी प्रकार के शुभ फलों को देने वाला होता है. इस समय पर किया जाने वाला पूजन एवं स्नान करने से ही स्वर्ग की प्राप्ति होती है. माघ माह का बहुत अधिक धार्मिक महत्व है.

कल्पवास की महत्ता 

शास्त्रों में बताया जाता है कि इस समय पर देश भर में धार्मिक मेलों का आयोजन भी होता है. इस समय पर भक्त दूर दूर से पवित्र स्थानों के दर्शनों की यात्रा करते हैं. इस समय पर हरिद्वार, नासिक, काशी इत्यादि स्थानों पर मेले आयोजित किए जाते हैं. इन मेलों में प्रयाग में लगने वाला मेला कल्पवास के रुप में बहुत महत्व रखता है. इस समय किया जाने वाला धार्मिक उपवास एवं आचरण संपूर्ण माघ मास में विशेष होता है. भक्त इस समय पर विशेष पूजा अर्चन करते हैं तथा भक्ति के मार्ग में चलते चले जाएंगे.

माघ माह में स्नान दान की महिमा

माघ माह के दौरान स्नान दान करने से मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है. शास्त्रों के अनुसार ‘माघे निमग्नाः सलिले सुशीते विमुक्तपापास्त्रिदिवं प्रयान्ति.’ इस समय पर किया जाने वाला स्नान एवं दान इत्यादि से संबंधित कार्य भगवान का आशिर्वाद दिलाता है. श्रीहरि का विशेष शुभ आशीष भक्तों को मिलता है. श्री विष्णु पुराण, हरिवंश पुराण एवं पद्मपुराण इत्यादि में माघ माह की महिमा का उल्लेख मिलता है.

इस माह की शुभता एवं महात्म्य के द्वारा शुभ गुणों को प्रदान करने वाला होता है. इस समय पर किए जाने वाले दान की महिमा को पापों का शमन करने वाला तथा मोक्ष प्रदान करने वाला माना गया है.

माघ माह में तिल के दान की विशेषता बहुत अधिक मानी गई है कहा जाता है. कि इस माह किया जाने वाला दान तिल रुप में यदि किया जाए तो अक्षय फलों की प्राप्ति होती है अर्थात जिन पुण्य फलों की कभी क्षति न हो ऎसे फल इस समय के दान  से मिलते हैं.
आचार्या राजरानी

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