Nag Panchami 2023: सावन के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि नाग पंचमी के रुप में मनाई जाती है. सावन के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को राजस्थान एवं बंगाल इत्यादि क्षेत्रों में मुख्य रुप से नाग पंचमी के पर्व रुप में मनाया जाता है तथा शुक्ल पक्ष की पंचमी का असर उत्तर भारत इत्यादि क्षेत्रों में अधिक दिखाई देता है. इस वर्ष सावन कृष्ण पक्ष की नाग पंचमी 7 जुलाई 2023 को मनाई जाएगी.
Nag Panchami 2023 :
नाग पंचमी का ये समय मौना पंचमी के रुप में जाना जाता है. मान्यताओं के अनुसार इस समय पर भक्त मौन रुप से भगवान का पूजन करते हैं. इस दिन नागों के पूजन का समय होता है तथा नाग देवताओं को समर्पित मंदिरों एवं शिवालयों में विशेष पूजा अर्चना का आयोजन संपन्न होता है. देश भर में इस दिन विशेष रुप से यज्ञ अनुष्ठानों एवं रुद्राभिषेक जैसे धार्मिक कार्यों को किया जाता है.
नाग पंचमी तिथि शुभ मुहूर्त 2023
इस वर्ष, सावन माह के कृष्ण पक्ष की नाग पंचमी 7 जुलाई 2023 को मनाई जाएगी.
नाग पंचमी तिथि का आरंभ 06 जुलाई को 27:13 पर होगा
नाग पंचमी तिथि की समाप्ति 07 जुलाई 2023 को 24:18 पर होगी.
नाग पंचमी के दौरान अयुष्मान नामक शुभ योग रहेगा. इसके साथ ही
ब्रह्म मुहूर्त का समय 04:08 से 04:49 तक रहेगा.
अभिजित मुहूर्त 11:58 से 12:54 तक रहेगा.
विजय मुहूर्त 14:45 से 15:40 तक रहेगा.
प्रदोष मुहूर्त समय 19:21 से 19:42 तक रहेगा.
सावन कृष्ण की नाग पंचमी का महत्व
सावन माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी से आरंभ होकर 12 से 15 दिनों तक लगातार नागों का पूजन किया जाता है. पौराणिक रुप से ही इस दिन का महत्व विशेष रहा है. धर्म ग्रंथों के अनुसार पंचमी तिथि के देवता हैं नाग देवता है, और सावन में पंचमी तिथि पर नाग देवता की पूजा करने से समस्त प्रकार के सर्प दोष शांति पाते हैं. कुछ स्थानों पर इस दिन को मौन व्रत के रुप में भी मनाया जाता है. मौन रहते हुए व्रत का पन करते हुए भगवान शिव का पूजन होता है तथा नाग देवता का पूजन किया जाता है.
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नाग पंचमी का व्रत करने से कई तरह के लाभ भक्तों को प्राप्त होते हैं. यह समय प्रकृति से जुड़ाव का भी समय होता है और इसी समय पर नागों को सबसे अधिक देख सकते हैं, अत: इस दिन से नागों के प्रति एवं अन्य जीव जन्तुओं के प्रति संवेदनाओं का समय शायद ही कहीं ओर दिखाई देखा जा सकता है. मौना पंचमी व्रत के लाभ द्वारा व्यक्ति शक्ति एवं ऊर्जा को प्राप्त करता है. अन्न-धन की प्राप्ति होती है तथा जीवन में धन धान्य की कमी नहीं रहती है.
आचार्या राजरानी