Paush Month News : पौष माह को खर मास का समय भी माना जाता है, उस समय मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। शादी विवाह इत्यादि कार्यों को तब तक के लिए रोक दिया जाता है जब तक सूर्य उत्तरायण स्थिति में नहीं चला जाता है।
यह समय भक्ति कार्यों के लिए बहुत ही शुभ
इस माह के संदर्भ में धर्म शास्त्रों में विस्तार पूर्वक उल्लेख मिलता है। जिसके अनुसार इस समय को भक्ति कार्यों के लिए बहुत ही शुभ माना गया है। इसी के साथ इस माह के दौरान सूर्य की पूजा को विशेष माना गया है। शास्त्रों के अनुसार इस समय पर सूर्य देव का रथ खर खिंचते हैं जिस कारण इस माह को इस नाम से जाना गया है। आइए जानते हैं पौष माह में क्यों रुक जाते हैं मांगलिक कार्य और क्या है माह का महत्व।
Paush Month News in hindi
ज्योतिष अनुसार पौष माह की महत्ता
ज्योतिष शास्त्र में माना जाता है कि जब सूर्य धनु राशि में होता है तब उस समय से खर मास की अवधि आरंभ होती है और इसी के साथ पौष माह का आगमन होना इसी समय पर होता है। तो दोनों ही स्थिति को ज्योतिष अनुसार सूर्य की कमजोर स्थिति के रूप में देखा जाता है। पौष माह के कई नियम हैं जिनमें से एक है सूर्य पूजा का नियम।
पौष माह में की जाती है भगवान सूर्यदेव की पूजा
इनकी पूजा करने से हर प्रकार की सुख-समृद्धि और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। इस माह के सभी दिनों पर नियमित रूप से सूर्य की पूजा को विशेष पूजा के रूप में जाना जाता है। सूर्यदेव एवं चंद्र देव को प्रत्यक्ष देवता के रूप में स्थान प्राप्त हैं। पौष माह में भगवान सूर्यदेव की पूजा की जाती है।
पूजा-पाठ के लिए यह समय होता है सर्वोत्तम
पौष माह श्राद्ध कर्म के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस समय शुभ कार्य बंद हो जाते हैं लेकिन पूजा-पाठ के लिए यह समय सर्वोत्तम माना जाता है। इस समय पर किया जाने वाला पितरों के निमित्त कार्य अत्यंत शुभ होता है। हर माह का विशेष महत्व माना जाता है और इसमें पौष माह सबसे महत्वपूर्ण है। क्योंकि यह महीना पूजा-पाठ से लेकर पिंडदान तक के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। पंचांग के अनुसार पौष माह की शुरुआत के साथ ही सूर्य की पूजा का कार्य विशेष हो जाता है। यह महीना भक्ति का समय है। इस माह में भगवान सूर्य की पूजा करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है।
मांगलिक कार्यों पर लग जाती है रोक
इस समय पर सूर्य की शक्ति में बदलाव के चलते जीवन पर भी इसका असर स्पष्ट रूप से देखा जाता है। ज्योतिष अनुसार इस समय पर मांगलिक कार्यों को नहीं करने का विधान रहा है। इस समय पर विवाह, गृह प्रवेश, कार्य आरंभ करने इत्यादि को करने का शुभ समय कमजोर होता है। इसी कारण इस समय पर इन चीजों की रोक होती है। लेकिन इस समय पर पूजा पाठ एवं साधना से जुड़े कार्यों को करना अत्यंत अनुकूल माना गया है। शास्त्रों के अनुसार अगर पौष माह में सूर्य पूजा के साथ कुछ उपाय किए जाएं तो जीवन में तरक्की मिलती है। पौष माह में सूर्य पूजा बेहद खास हो जाता है।
अचार्या राजरानी
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