Tuesday, 8 October 2024

इस शुभ मुहूर्त में करें महाशिवरात्री की पूजा, बन रहे हैं ये 3 शुभ योग

Mahashivratri 2024 : हिंदू पंचांग के मुताबिक हर साल फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन महाशिवरात्रि…

इस शुभ मुहूर्त में करें महाशिवरात्री की पूजा, बन रहे हैं ये 3 शुभ योग

Mahashivratri 2024 : हिंदू पंचांग के मुताबिक हर साल फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन महाशिवरात्रि का त्योहर देशभर में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन  भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। ऐसे में इस दिन व्रत रखने से और शिव-पार्वती की विधि-विधान से पूजा करने पर उनकी कृपा प्राप्त होती है। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ पृथ्वी पर मौजूद सभी शिवलिंग में विराजमान होते हैं, इसलिए महाशिवरात्रि के दिन की गई शिव की उपासना से कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है।

Mahashivratri 2024 का शुभ दिन 

इस साल 8 मार्च 2024 को महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा। महाशिवरात्रि पर इस साल 3 शुभ योग का संयोग भी बन रहा है। इस दिन शिव, सिद्ध और सर्वार्थ सिद्ध का योग बन रहा है। कहते हैं कि शिव योग साधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है, जबकि सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए हर कार्य में सफलता मिलती है।

Mahashivratri 2024 का शुभ मुहूर्त

महाशिवरात्री 8 मार्च को संध्याकाल 09 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी। जिसका समापन अगले दिन 09 मार्च को संध्याकाल 06 बजकर 17 मिनट पर होगा। शिव जी की पूजा प्रदोष काल में की जाती है, इसलिए उदया तिथि देखना जरूर नहीं होता है। ऐसे में इस साल महाशिवरात्रि का व्रत 8 मार्च 2024 को रखा जाएगा।

क्या है Mahashivratri 2024 की पूजा विधि ?

  • महाशिवरात्रि के दिन सुबह उठकर स्नान करके पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव शंकर के आगे व्रत का संकल्प लें।
  • संकल्प के दौरान उपवास की अवधि पूरा करने के लिए शिव जी का आशीर्वाद लें।
  • इसके अलावा आप व्रत किस तरह से रखेंगे यानी कि फलाहार या फिर निर्जला ये भी संकल्प लें।
  • फिर शुभ मुहूर्त में पूजा प्रारंभ करें।
  • सबसे पहले भगवान शंकर को पंचामृत से स्नान कराएं।
  • साथ ही केसर के 8 लोटे जल चढ़ाएं और पूरी रात्रि का दीपक जलाएं। इसके अलावा चंदन का तिलक लगाएं।
  • बेलपत्र, भांग, धतूरा भोलेनाथ का सबसे पसंदीदा चढ़ावा है।
  • इसलिए तीन बेलपत्र, भांग, धतूरा, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र और दक्षिणा चढ़ाएं।
  • सबसे बाद में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर सबको प्रसाद बांटें।

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