Utpanna Ekadashi 2023: इस वर्ष 8 और 9 दिसंबर 2023 को उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखा जाएगा. 8 तारीख को स्मार्त और 9 दिसंबर को वैष्णव द्वारा एकादशी के व्रत का पालन किया जाएगा. उत्पन्ना एकादशी मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर मनाई जाती है. इस एकादशी को मोक्ष प्रदान करने वाली तथा संतान सुख प्रदान करने वाली एकादशी के रुप में विशेष स्थान प्राप्त है. भगवान श्री कृष्ण के इस प्रिय माह में आने वाली पहली एकादशी उत्पन्न एकादशी होती है. हर माह दो एकादशी आती हैं और इसमें से एक एकादशी कृष्ण पक्ष में आती है और दूसरी एकादशी शुक्ल पक्ष के समय पर मनाई जाती है.
हिंदू पंचांग गणना अनुसार इस समय मार्गशीर्ष माह का कृष्ण पक्ष चल रहा है अत: इस माह की पहली एकादशी उत्पन्ना एकादशी के रुप में पूजी जाएगी. इस एकादशी के महात्म्य को भगवान स्वयं अपने भक्त के समक्ष रखते हैं. इस तिथि के दिन पर श्री कृष्ण का पूजन किया जाता है. आइये जानें कब और किस शुभ मुहूर्त में होगा उत्पन्न एकादशी का व्रत एवं पूजन
उत्पन्ना एकादशी तिथि मुहूर्त 2023
Utpanna Ekadashi In Hindi
इस वर्ष उत्पन्ना एकादशी दो दिन मनाई जाएगी. 8 दिसंबर और 9 दिसंबर को इस एकादशी का व्रत अलग अलग संप्रदाय एवं विचारों के मानने वालों के द्वारा रखा जाएगा. उत्पन्ना एकादशी तिथि का आरंभ 08 दिसम्बर 2023 को प्रात: काल समय 05:06 बजे होगा और एकादशी तिथि की समाप्ति 09 दिसम्बर 2023 को प्रात:काल 06:31 पर होगी.
08 दिसम्बर 2023 को उत्पन्ना एकादशी का व्रत शुक्रवार के दिन रखने पर इसके पारण का समय 09 दिसम्बर को संपन्न किया जाएगा. पारण का समय दोपहर 13:16 से 15:20 तक रहेगा. उत्पन्न एकादशी पारण तिथि के दिन 12:41 पर हरि वासर की समाप्ति होगी.
09 दिसम्बर 2023 को उत्पन्ना एकादशी का व्रत शनिवार के दिन होने पर पारण का समय 10 दिसम्बर को संपन्न होगा. एकादशी के लिए पारण का समय सुबह 07:03 से 07:13 तक रहेगा इस दिन द्वादशी समाप्त होने का समय सुबह 07:13 का रहने वाला है.
उत्पन्ना एकादशी पर उपाय एवं लाभ
उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान श्री विष्णु पूजन के साथ श्री लक्ष्मी जी का पूजन भी किया जाता है. प्रात:काल समय पर स्नान इत्यादि कार्यों से निवृत्त होकर भगवान के नामों का स्मरण किया जाता है. इस दिन भगवान का षोडषोपचार द्वारा पूजन करने से जीवन में सुख समृद्धि का आगमन होता है.
आचार्या राजरानी