Saturday, 27 July 2024

काल भैरव जयंती पर करें भैरव बीज मंत्रों के जाप, मिलेगा चमत्कारिक लाभ 

काल भैरव जयंती का पर्व उन विशेष दिनों में से है जिनका संबंध भगवान शिव के विशेष अवतारों में से रहा है

काल भैरव जयंती पर करें भैरव बीज मंत्रों के जाप,  मिलेगा चमत्कारिक लाभ 

Kaal Bhairav Jayanti 2023: काल भैरव जयंती का पर्व उन विशेष दिनों में से है जिनका संबंध भगवान शिव के विशेष अवतारों में से रहा है। रुद्र का अवतार होने के कारण ही भैरव पूजन जीवन में सभी प्रकार की नकारात्मकता को जड़ समूल नष्ट देने वाला है। मार्गशीर्ष माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का संबंध काल भैरव के अवरतण से रहा है। शिव पुराण एवं अन्य धर्म ग्रंथों में काल भैरव को भगवान शिव का स्वरूप माना गया है जो अत्यंत उग्र एवं क्रोध से संपन्न स्वरूप माना गया है।

भक्तों के लिए कृपा प्रदान करने वाले हैं काल भैरव

जितना काल भैरव दुष्टों के लिए संहारक हैं उतना ही भक्तों के लिए कृपा प्रदान करने वाले हैं। मार्गशीर्ष माह में आने वाली अष्टमी काल भैरव जयंती एवं कालाष्टमी के रूप में पूजी जाती है। इस दिन भक्त काल भैरव बाबा की भक्ति भाव के साथ पूजा करते हैं। यह दिन तंत्र मार्ग में भी विशिष्ट स्थान रखता है। इस दिन बाबा का पूजन करने से सभी प्रकार के कष्ट शांत हो जाते हैं। रोग हो या जीवन में किसी प्रकार का नजर दोष या कोई काला जादू इन सभी चीजों का नाश केवल भैरव बाबा के नाम मात्र से हो जाता है।

भैरव जयंती पूजा मुहूर्त 2023

इस वर्ष मार्गशीर्ष माह में आने वाली कालभैरव जयन्ती 05 दिसम्बर 2023 को मंगलवार के दिन मनाई जाएगी। मंगलवार के दिन मनाई जाने कालाष्टमी पर्व बेहद विशेष होगा क्योंकि यह मंगलवार के दिन मनाई जाएगी। इस दिन विशेष फलों की प्राप्ति होती है तथा शक्ति के साथ भक्ति का फल प्राप्त होता है। काल भैरव अष्टमी तिथि का प्रारम्भ 04 दिसम्बर 2023 को रात 21:59 से होगा। काल भैरव अष्टमी तिथि की समाप्ति 05 दिसम्बर 2023 को रात्रि 24:38 पर होगी। पंचांग अनुसार 5 दिसंबर को मंगलवार के दिन धूम धाम के साथ काल भैरव जयंती का उत्सव मनाया जाएगा।

Kaal Bhairav Jayanti 2023 in hindi

काल भैरव जयंती मंत्र अनुष्ठान 

काल भैरव जयंती के दिन विशेष रूप से पूजा अनुष्ठान किए जाते हैं। इस दिन किया जाने वाला पूजन राहु केतु के पाप प्रभाव को खत्म करने वाला होता है। शनि के कष्ट से मुक्ति मिलती है, कुंडली में मौजूद ग्रह दोषों की शांति के लिए काल भैरव जयंती का पूजन बेहद शुभ माना गया है। इस दिन भैरव मंत्रों के जाप से जीवन में अकाल मृत्यु तक का भय समाप्त हो जाता है।

जयंती पर भैरव बाबा के बीज मंत्र एवं स्त्रोत को पढ़ना विशेष रूप से प्रभावी

काल भैरव जयंती पर भैरव बाबा के बीज मंत्र एवं स्त्रोत को पढ़ना विशेष रूप से प्रभावी होता है।  काल भैरव की पूजा में “ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरू कुरू बटुकाय ह्रीं” मंत्र अथवा ” ॐ ह्रां ह्रीं ह्रों ह्रीं ह्रों क्षं क्षेत्रपालाय कालभैरवाय नम: का जाप करने से व्यक्ति के कष्ट समाप्त होते हैं। इन मंत्रों को 108 बार अथवा एक हजार बार जाप करने से बाबा की कृपा प्राप्त होती है। तो इस मार्गशीर्ष काल भैरव जयंती पर काल भैरव की कृपा पाने हेतु अवश्य करें बाबा का पूजन और पाएं शुभ फल।

आचार्या राजरानी 

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