इतिहास की परतों में छुपा डर - क्या है भूली भटियारी का रहस्य ?

Bhuli Bhatiyari
Bhuli Bhatiyari
locationभारत
userचेतना मंच
calendar12 Jun 2025 07:28 PM
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Bhuli Bhatiyari :  दिल्ली की गलियों और इतिहास में कुछ ऐसे राज़ छुपे हुए हैं जो दिलचस्प तो है लेकिन अपने अंदर एक डरावनी हकीकत को छुपाए हुए हैं। कुछ जगह आज भी अपने इतिहास की वजह से लोगों के दिल में बसी हुई हैं तो कुछ को लोग भूल चुके हैं । एक ऐसी ही जगह दिल्ली के बीचों बीच बसी है - जिसे लोग भूली भटियारी के महल के नाम से जानते है , दरअसल ये जगह करोल बाग के पास अर्जनगढ़ के रिज एरिया (Ridge Forest) में स्थित है। ये जगह भले ही अनसुनी लगती हो लेकिन इतिहास के पन्नो में इसे उतनी ही रहस्यमयी और डरावनी माना जाता है।

क्या है भुली भटियारी का इतिहास ?

भूली भटियारी का ये महल 19 शताब्दी में बनाया गया था , जिसे  तुगलक वंश के सुल्तान फिरोज शाह तुगलक ने बनवाया था। कहा जाता है कि ये महल शिकार के समय आराम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन समय के साथ ये जगह वीरान होती चली गई और आज एक खंडहर में बदल चुकी है। इसके नाम को लेकर भी दो कहानियां हैं - पहली कि भटियारी समुदाय की एक महिला यहां रहती थी जो अचानक ही एक दिन गायब हो गई।  किसी को नहीं पता कि वो कहां गायब हुई , इसीलिए इसे भूली भटियारी का महल कहा जाने लगा।  तो वहीं कुछ लोग मानते हैं यहां पर भटकती हुई आत्माएं वास करती है जिसे दूसरी भाषा में भूली कहते हैं और भटियारी नाम एक रहस्य्मयी रानी से जुड़ा हुआ है।

क्या ये किला सच में हॉन्टेड है?

पुराने इतिहास की गवाही देता ये किला आज के समय में  एक पर्यटक स्थल कम और डरावनी जगह ज़्यादा बन चुका है। लोग दिन में तो यहां घूमने के लिए आते हैं, लेकिन शाम के बाद ये जगह वीरान और डरावनी हो जाती है जिस वजह से  पुलिस भी यहां आने की सलाह नहीं देती। किले के आस पास मोबाइल के नेटवर्क तक नहीं आते और कुछ लोगों का कहना है कि उन्होंने यहां पर काले साए और चलती हुई परछाइयां देखी हैं।  कोई इसके इतिहास को रहस्य मानता है तो कोई इसे हॉन्टेड कहता है।  जो भी Youtubers यहां वीडियो शूट करने के लिए आते है वो यही कहते हैं कि यहां की हवा में कुछ तो अजीब है।

कहां है लोकेशन ?

ये किला झंडेवालान (ब्लू लाइन) और करोल बाग मेट्रो स्टेशन के एकदम करीब है।  मेट्रो स्टेशन से ये किला सिर्फ 10 मिनट की दुरी पर है।  बाहर से आपको ऑटो मिल जाएगा या फिर आप पैदल भी चलकर जा सकते हैं।  इसके अंदर जाने के लिए कोई एंट्री टिकट नहीं है , लेकिन शाम के बाद यहां ना जाने की सलाह दी जाती हैं।  अगर आप भी हिस्ट्री , थ्रिल या रहस्य के शौकीन है तो भुली भटियारी का महल ज़रूर विजिट करें। लेकिन याद रखिये ये जगह जितनी दिलचस्प है , उतनी ही रहस्य्मयी और डरावनी भी है।      Bhuli Bhatiyari  

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पहाड़ों के ऐसे पांच खतरनाक कोने, जो आपके लिए बन सकती हैं मौत की दहलीज

अगर आप मानसून में पहाड़ों की सैर करने का मन बना रहे हैं तो पहले इस खबर को ध्यान से पढ़ लें, क्योंकि हम आपको उत्तराखंड और हिमाचल की ऐसी पांच जगहों के बारे में बताएंगे, जहां मानसून में जाना आपके लिए मौत के मुंह में जाने के बराबर हो सकता है।

Dangerous Moutains
Five Most Dangerous Mountains
locationभारत
userचेतना मंच
calendar08 Jun 2025 09:00 PM
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Five Most Dangerous Mountains : बारिश का मौसम कई लोगों को हरी-भरी वादियों, ठंडी हवा और मनमोहक नजारों की ओर खींचता है। खासकर पहाड़ों की सैर का तो अलग ही मजा होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही खूबसूरत नजारे मानसून में कई बार मौत का साया बन जाते हैं? बारिश के दिनों में पहाड़ों की चोटियां और रास्ते जो आमतौर पर रमणीय होते हैं वे अचानक खतरनाक हो जाते हैं। भूस्खलन, लैंडस्लाइड और बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाएं इन मौसमों में जानलेवा साबित हो सकती हैं। इसलिए अगर आप मानसून में पहाड़ों की सैर करने का मन बना रहे हैं, तो इस खबर को ध्यान से पढ़ें। हम आपको उत्तराखंड और हिमाचल की ऐसी पांच जगहों के बारे में बताएंगे, जहां मानसून में जाना आपके लिए मौत के मुंह में जाना साबित हो सकता है। इन इलाकों में तेज बारिश और भूस्खलन के कारण हर साल कई पर्यटक और स्थानीय लोग फंस जाते हैं या उनकी जान चली जाती है। तो चलिए जानते हैं कौन-कौन सी वो खौफनाक जगहें हैं जिनसे दूर रहना आपके लिए जरूरी है।

1. केदारनाथ – मौत का मेहमान बना खूबसूरत धाम


साल 2013 की भीषण आपदा ने केदारनाथ को मानसून के सबसे खतरनाक स्थानों में शामिल कर दिया। 11,755 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह धार्मिक स्थल बारिश के मौसम में बेहद असुरक्षित हो जाता है। मानसून में यहां के रास्ते टूटने लगते हैं, बहते नदियाँ उफान पर आ जाती हैं और कई जगह भूस्खलन होने का खतरा रहता है। ट्रेकिंग के दौरान फिसलन के कारण यहां जाने वाले पर्यटकों को भारी जोखिम उठाना पड़ता है। इसलिए मानसून में केदारनाथ की यात्रा करना जानलेवा साबित हो सकता है।

2. नैनीताल – खूबसूरत झील के पीछे छुपा खतरा


उत्तराखंड का यह प्रसिद्ध हिल स्टेशन मानसून में भीड़भाड़ के लिए जाना जाता है, लेकिन बारिश के बाद यहां के पहाड़ी रास्ते बेहद खतरनाक हो जाते हैं। अक्सर भारी बारिश के कारण सड़कें बंद हो जाती हैं और भूस्खलन के कारण यातायात पूरी तरह ठप हो सकता है। कई बार बारिश के दौरान नैनीताल के आसपास की सड़कें और ट्रेल्स फिसलने लगती हैं, जिससे पर्यटकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसलिए मानसून में नैनीताल का दौरा टालना बेहतर रहता है।

3. मसूरी – पहाड़ों की रानी का मानसून पर खौफ


मसूरी की हरियाली और ठंडी हवा मानसून में भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है लेकिन ये खूबसूरती छुपा रही है खतरों को। बारिश के दिनों में मसूरी की सड़कें फिसलन और लैंडस्लाइड के लिए प्रसिद्ध हो जाती हैं। कई बार तेज बारिश के चलते पहाड़ी रास्ते टूट जाते हैं या बंद हो जाते हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी होती है। इसलिए मसूरी की यात्रा मानसून में सावधानी के बिना नहीं करनी चाहिए।

4. अल्मोड़ा – शांति और खतरे का संगम


उत्तराखंड का अल्मोड़ा एक शांत और कम प्रसिद्ध हिल स्टेशन है जो मानसून में बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। यहां कम लोग पहुंचते हैं, इसलिए अगर कोई समस्या हो जाए तो मदद पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है। मानसून में बादल फटना, भूस्खलन और बारिश के कारण रास्ते अक्सर जाम हो जाते हैं। खासतौर पर बस या किसी वाहन से यात्रा करना यहां एक बड़ा चैलेंज बन जाता है। इस कारण अल्मोड़ा के मानसून वाले दिनों में जाने से बचना चाहिए।

5. पिथौरागढ़ – बरसात में जानलेवा सफर


पिथौरागढ़ भी मानसून के दौरान यात्रा के लिए जोखिम भरा इलाका है। भारी बारिश के कारण यहां भूस्खलन की घटनाएं आम हैं, जिससे रास्ते बंद हो जाते हैं और यात्री फंस जाते हैं। पहाड़ों पर बारिश में घूमना असुरक्षित माना जाता है, खासकर जब अचानक बादल फटने लगते हैं। इस क्षेत्र में मौसम के अनिश्चित व्यवहार के कारण किसी भी समय आपदा आ सकती है।

मानसून में पहाड़ी सफर पर इन बातों का रखें ध्यान

मौसम की खबरें देखें


यात्रा शुरू करने से पहले मौसम विभाग के अलर्ट और स्थानीय प्रशासन की सलाह जरूर पढ़ें।

रात में सफर न करें


लैंडस्लाइड या भूस्खलन की आशंका वाले इलाकों में रात का सफर बिल्कुल टालें।

नदी और झरनों के किनारे न जाएं


मानसून में अचानक जलस्तर बढ़ने का खतरा रहता है, इसलिए इन जगहों से दूर रहें।

ये सामान साथ रखें


फोन चार्ज रखें, पावर बैंक और आवश्यक दवाइयां अपने पास रखें।

स्थानीय लोगों की सलाह मानें


जो लोग वहां रहते हैं, उनकी सलाह सबसे महत्वपूर्ण होती है। 

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भारत की पांच ऐसी सबसे खतरनाक सड़कें जो मौत को देती है खुली दावत

Patratu Valley
Five Most Dangerous Roads of India
locationभारत
userचेतना मंच
calendar04 Jun 2025 10:23 PM
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India's Most Dangerous Roads : भारत की वादियों में जहां एक ओर सुंदरता बसी है वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे भी रास्ते हैं जो खूबसूरत कम, खतरनाक ज्यादा हैं। ये वो पहाड़ी रास्ते हैं जहां हर मोड़ पर मौत आंखें गड़ाए बैठी रहती है। जरा सी चूक और जिंदगी पलक झपकते ही खाई में गुम हो सकती है। ऐसे ही हमने देश के कुछ सबसे डरावने लेकिन मशहूर और रोमांच से भरे रास्तों की जानकारी जुटाई है। अगर आप सफर की तैयारी में हैं तो एक बार इन रास्तों के बारे में जरूर जान लें जिससे आपको इस बात का अंदाजा लग सके कि कहीं आपके रास्ते में ये खतरनाक मोड़ तो नहीं! और अगर हैं तो निकलें पूरी तैयारी और सावधानी के साथ क्योंकि जान है तो जहान है। हालांकि अगर आप एडवेंचर के दीवाने हैं तो ये रास्ते आपको चुनौती देंगे और रोमांच से भर देंगे। लेकिन अगर आप कमजोर दिल वाले हैं तो यकीन मानिए  ये रास्ते आपकी रातों की नींद छीन सकते हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से देश के सबसे खतरनाक रास्तों से रुबरू कराने जा रहे हैं जिसे सुनकर आपकी भी सांसे अटक सकती हैं।

पतरातू घाटी (Patratu Valley)

वैसे तो झारखंड की खूबसूरत जगहों में बहुत सी पहाड़ियों पर घुमावदार सड़कें हैं लेकिन रामगढ़ से रांची के बीच की पतरातू घाटी का रास्ता सबसे खतरनाक माना जाता है। यह रास्ता लगभग 35 किलोमीटर लंबा है और इसमें बहुत सारे घुमावदार मोड़ आते हैं जो ड्राइविंग के लिए जोखिम भरे हो सकते हैं। इस घाटी की सड़क के एक तरफ हरे-भरे जंगल और पहाड़ हैं वहीं दूसरी तरफ गहरी खाई है। इसलिए पतरातू घाटी में गाड़ी चलाते समय बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है क्योंकि पतरातू घाटी में आपकी एक छोटी सी गलती भी भारी पड़ सकती है।

गंगटोक नाथुला दर्रा (Gangtok Nathula Pass)

गंगटोक नाथुला दर्रा सिक्किम का ऊंचा और ऐतिहासिक दर्रा है जहां तक जाना रोमांच से भरा है। नाथुला दर्रा भारत के सिक्किम राज्य में स्थित है जो हिमालय की डोगेक्या पर्वत श्रृंखला में आता है। यह दर्रा भारत को दक्षिण तिब्बत के चुम्बी घाटी से जोड़ता है। इसकी ऊंचाई समुद्री तल से करीब 14,200 फीट है। नाथुला दर्रे से होकर कैलाश मानसरोवर की यात्रा भी की जाती है। कुछ समय पहले चीन ने इस रास्ते को फिर से खोल दिया है। यह दर्रा पुराने रेशम मार्ग का भी हिस्सा रहा है जिससे पहले व्यापार होता था। गंगटोक नाथुला दर्रा गंगटोक से लगभग 54 किलोमीटर दूर है। गंगटोक से नाथुला तक जो सड़क जाती है, वह बहुत ऊँचाई और तीखे मोड़ों वाली है इसलिए यह दुनिया की सबसे खतरनाक सड़कों में से एक मानी जाती है।

मसूरी रोड (Mussoorie Road)

देहरादून से मसूरी तक का रोमांचक और खतरनाक सफर जाने वाला रास्ता ऊंची-ऊंची पहाड़ियों के बीच से होकर गुजरता है। करीब 33 किलोमीटर लंबा सफर हरे-भरे पेड़ों और घने जंगलों से भरा हुआ है। यह रास्ता उन लोगों के लिए बहुत खास है जो रोमांच और प्रकृति का मजा लेना चाहते हैं। अगर आप पुणे से पहाड़ियों के रास्ते होकर मसूरी आते हैं तो सफर का अनुभव जीवन भर याद रहेगा। इसी तरह धनोल्टी से मसूरी तक का रास्ता भी बहुत संकरा, घुमावदार और रोमांच से भरपूर है। इसी के साथ उत्तराखंड जिसे देवभूमि कहा जाता है, प्राकृतिक सुंदरता से भरा हुआ है लेकिन यहां के कई रास्ते खतरनाक और सावधानी से चलने लायक होते हैं।

रोहतांग पास (Rohtang Pass)

हिमाचल प्रदेश में स्थित रोहतांग पास जाने वाली सड़क बहुत ही खतरनाक है। जिस पर किसी भी प्रकार का वाहन चलाना खतरे से खेलने के बराबर है। यहां पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। आपको बता दें कि, पहले रोहतांग को भृगु तुंग कहते थे। यहां उत्तर में मनाली से दक्षिण के कुल्लू शहर से 51 किलोमीटर दूर यह स्थान मनाली-लेह के मुख्यमार्ग में पड़ता है। पूरा साल यहां पर बर्फ की चादर बिछी रहती है। यह रोहतांग दर्रा और सोलांग वैली देखने के लिए कई पर्यटक रोहतांग पास की यात्रा करते हैं। लोगों का रोहतांग सफर बहुत ही सुहाना और रोमांचकारी होता है लेकिन यहां के खतरनाक मोड़ और घाटियां दिल दहला देने वाली है। रोहतांग दर्रा समुद्री तल से 4111 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। यह हिमालय का एक प्रमुख दर्रा है। हाइवे पर व्यास नदी के साथ चलते हुए सारा रास्ता प्राकृतिक नजारों से भरा पड़ा हुआ है

किश्तवाड़-किलाड़ (Kishtwar-Killar)

किश्तवाड़-किलाड़ रोड दुनिया के सबसे खतरनाक सड़कों में से एक है। यह 114 किलोमीटर लंबी सड़क हैं जो की जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ इलाके को हिमाचल प्रदेश की पांगी घाटी से जोड़ती है। यह बहुत ही कम चौड़ाई वाला कच्चा रोड है जहां सिर्फ एक गाड़ी के गुजरने की जगह होती है। सड़क के किनारे सुरक्षा के लिए रेलिंग भी नहीं है और दूसरी तरफ करीब 2000 फीट से अधिक नीचे चेनाब नदी बहती है। अगर ऊंचाई में जाने से आपके भी हाथ पैर फूल जाते हैं तो एक बार इस रास्ते पर जाने से पहले अच्छे से सोच लें। ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।