इतिहास की परतों में छुपा डर - क्या है भूली भटियारी का रहस्य ?



अगर आप मानसून में पहाड़ों की सैर करने का मन बना रहे हैं तो पहले इस खबर को ध्यान से पढ़ लें, क्योंकि हम आपको उत्तराखंड और हिमाचल की ऐसी पांच जगहों के बारे में बताएंगे, जहां मानसून में जाना आपके लिए मौत के मुंह में जाने के बराबर हो सकता है।

Five Most Dangerous Mountains : बारिश का मौसम कई लोगों को हरी-भरी वादियों, ठंडी हवा और मनमोहक नजारों की ओर खींचता है। खासकर पहाड़ों की सैर का तो अलग ही मजा होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही खूबसूरत नजारे मानसून में कई बार मौत का साया बन जाते हैं? बारिश के दिनों में पहाड़ों की चोटियां और रास्ते जो आमतौर पर रमणीय होते हैं वे अचानक खतरनाक हो जाते हैं। भूस्खलन, लैंडस्लाइड और बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाएं इन मौसमों में जानलेवा साबित हो सकती हैं। इसलिए अगर आप मानसून में पहाड़ों की सैर करने का मन बना रहे हैं, तो इस खबर को ध्यान से पढ़ें। हम आपको उत्तराखंड और हिमाचल की ऐसी पांच जगहों के बारे में बताएंगे, जहां मानसून में जाना आपके लिए मौत के मुंह में जाना साबित हो सकता है। इन इलाकों में तेज बारिश और भूस्खलन के कारण हर साल कई पर्यटक और स्थानीय लोग फंस जाते हैं या उनकी जान चली जाती है। तो चलिए जानते हैं कौन-कौन सी वो खौफनाक जगहें हैं जिनसे दूर रहना आपके लिए जरूरी है।
साल 2013 की भीषण आपदा ने केदारनाथ को मानसून के सबसे खतरनाक स्थानों में शामिल कर दिया। 11,755 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह धार्मिक स्थल बारिश के मौसम में बेहद असुरक्षित हो जाता है। मानसून में यहां के रास्ते टूटने लगते हैं, बहते नदियाँ उफान पर आ जाती हैं और कई जगह भूस्खलन होने का खतरा रहता है। ट्रेकिंग के दौरान फिसलन के कारण यहां जाने वाले पर्यटकों को भारी जोखिम उठाना पड़ता है। इसलिए मानसून में केदारनाथ की यात्रा करना जानलेवा साबित हो सकता है।
उत्तराखंड का यह प्रसिद्ध हिल स्टेशन मानसून में भीड़भाड़ के लिए जाना जाता है, लेकिन बारिश के बाद यहां के पहाड़ी रास्ते बेहद खतरनाक हो जाते हैं। अक्सर भारी बारिश के कारण सड़कें बंद हो जाती हैं और भूस्खलन के कारण यातायात पूरी तरह ठप हो सकता है। कई बार बारिश के दौरान नैनीताल के आसपास की सड़कें और ट्रेल्स फिसलने लगती हैं, जिससे पर्यटकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसलिए मानसून में नैनीताल का दौरा टालना बेहतर रहता है।
मसूरी की हरियाली और ठंडी हवा मानसून में भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है लेकिन ये खूबसूरती छुपा रही है खतरों को। बारिश के दिनों में मसूरी की सड़कें फिसलन और लैंडस्लाइड के लिए प्रसिद्ध हो जाती हैं। कई बार तेज बारिश के चलते पहाड़ी रास्ते टूट जाते हैं या बंद हो जाते हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी होती है। इसलिए मसूरी की यात्रा मानसून में सावधानी के बिना नहीं करनी चाहिए।
उत्तराखंड का अल्मोड़ा एक शांत और कम प्रसिद्ध हिल स्टेशन है जो मानसून में बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। यहां कम लोग पहुंचते हैं, इसलिए अगर कोई समस्या हो जाए तो मदद पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है। मानसून में बादल फटना, भूस्खलन और बारिश के कारण रास्ते अक्सर जाम हो जाते हैं। खासतौर पर बस या किसी वाहन से यात्रा करना यहां एक बड़ा चैलेंज बन जाता है। इस कारण अल्मोड़ा के मानसून वाले दिनों में जाने से बचना चाहिए।
पिथौरागढ़ भी मानसून के दौरान यात्रा के लिए जोखिम भरा इलाका है। भारी बारिश के कारण यहां भूस्खलन की घटनाएं आम हैं, जिससे रास्ते बंद हो जाते हैं और यात्री फंस जाते हैं। पहाड़ों पर बारिश में घूमना असुरक्षित माना जाता है, खासकर जब अचानक बादल फटने लगते हैं। इस क्षेत्र में मौसम के अनिश्चित व्यवहार के कारण किसी भी समय आपदा आ सकती है।
यात्रा शुरू करने से पहले मौसम विभाग के अलर्ट और स्थानीय प्रशासन की सलाह जरूर पढ़ें।
लैंडस्लाइड या भूस्खलन की आशंका वाले इलाकों में रात का सफर बिल्कुल टालें।
मानसून में अचानक जलस्तर बढ़ने का खतरा रहता है, इसलिए इन जगहों से दूर रहें।
फोन चार्ज रखें, पावर बैंक और आवश्यक दवाइयां अपने पास रखें।
जो लोग वहां रहते हैं, उनकी सलाह सबसे महत्वपूर्ण होती है।
Five Most Dangerous Mountains : बारिश का मौसम कई लोगों को हरी-भरी वादियों, ठंडी हवा और मनमोहक नजारों की ओर खींचता है। खासकर पहाड़ों की सैर का तो अलग ही मजा होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही खूबसूरत नजारे मानसून में कई बार मौत का साया बन जाते हैं? बारिश के दिनों में पहाड़ों की चोटियां और रास्ते जो आमतौर पर रमणीय होते हैं वे अचानक खतरनाक हो जाते हैं। भूस्खलन, लैंडस्लाइड और बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाएं इन मौसमों में जानलेवा साबित हो सकती हैं। इसलिए अगर आप मानसून में पहाड़ों की सैर करने का मन बना रहे हैं, तो इस खबर को ध्यान से पढ़ें। हम आपको उत्तराखंड और हिमाचल की ऐसी पांच जगहों के बारे में बताएंगे, जहां मानसून में जाना आपके लिए मौत के मुंह में जाना साबित हो सकता है। इन इलाकों में तेज बारिश और भूस्खलन के कारण हर साल कई पर्यटक और स्थानीय लोग फंस जाते हैं या उनकी जान चली जाती है। तो चलिए जानते हैं कौन-कौन सी वो खौफनाक जगहें हैं जिनसे दूर रहना आपके लिए जरूरी है।
साल 2013 की भीषण आपदा ने केदारनाथ को मानसून के सबसे खतरनाक स्थानों में शामिल कर दिया। 11,755 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह धार्मिक स्थल बारिश के मौसम में बेहद असुरक्षित हो जाता है। मानसून में यहां के रास्ते टूटने लगते हैं, बहते नदियाँ उफान पर आ जाती हैं और कई जगह भूस्खलन होने का खतरा रहता है। ट्रेकिंग के दौरान फिसलन के कारण यहां जाने वाले पर्यटकों को भारी जोखिम उठाना पड़ता है। इसलिए मानसून में केदारनाथ की यात्रा करना जानलेवा साबित हो सकता है।
उत्तराखंड का यह प्रसिद्ध हिल स्टेशन मानसून में भीड़भाड़ के लिए जाना जाता है, लेकिन बारिश के बाद यहां के पहाड़ी रास्ते बेहद खतरनाक हो जाते हैं। अक्सर भारी बारिश के कारण सड़कें बंद हो जाती हैं और भूस्खलन के कारण यातायात पूरी तरह ठप हो सकता है। कई बार बारिश के दौरान नैनीताल के आसपास की सड़कें और ट्रेल्स फिसलने लगती हैं, जिससे पर्यटकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसलिए मानसून में नैनीताल का दौरा टालना बेहतर रहता है।
मसूरी की हरियाली और ठंडी हवा मानसून में भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है लेकिन ये खूबसूरती छुपा रही है खतरों को। बारिश के दिनों में मसूरी की सड़कें फिसलन और लैंडस्लाइड के लिए प्रसिद्ध हो जाती हैं। कई बार तेज बारिश के चलते पहाड़ी रास्ते टूट जाते हैं या बंद हो जाते हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी होती है। इसलिए मसूरी की यात्रा मानसून में सावधानी के बिना नहीं करनी चाहिए।
उत्तराखंड का अल्मोड़ा एक शांत और कम प्रसिद्ध हिल स्टेशन है जो मानसून में बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। यहां कम लोग पहुंचते हैं, इसलिए अगर कोई समस्या हो जाए तो मदद पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है। मानसून में बादल फटना, भूस्खलन और बारिश के कारण रास्ते अक्सर जाम हो जाते हैं। खासतौर पर बस या किसी वाहन से यात्रा करना यहां एक बड़ा चैलेंज बन जाता है। इस कारण अल्मोड़ा के मानसून वाले दिनों में जाने से बचना चाहिए।
पिथौरागढ़ भी मानसून के दौरान यात्रा के लिए जोखिम भरा इलाका है। भारी बारिश के कारण यहां भूस्खलन की घटनाएं आम हैं, जिससे रास्ते बंद हो जाते हैं और यात्री फंस जाते हैं। पहाड़ों पर बारिश में घूमना असुरक्षित माना जाता है, खासकर जब अचानक बादल फटने लगते हैं। इस क्षेत्र में मौसम के अनिश्चित व्यवहार के कारण किसी भी समय आपदा आ सकती है।
यात्रा शुरू करने से पहले मौसम विभाग के अलर्ट और स्थानीय प्रशासन की सलाह जरूर पढ़ें।
लैंडस्लाइड या भूस्खलन की आशंका वाले इलाकों में रात का सफर बिल्कुल टालें।
मानसून में अचानक जलस्तर बढ़ने का खतरा रहता है, इसलिए इन जगहों से दूर रहें।
फोन चार्ज रखें, पावर बैंक और आवश्यक दवाइयां अपने पास रखें।
जो लोग वहां रहते हैं, उनकी सलाह सबसे महत्वपूर्ण होती है।
