UP News : चाचा ही बन गया अपने 7 वर्षीय भतीजे की जान का दुश्मन, कर दिया ये काम

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UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 12:26 PM
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UP News: उत्तर प्रदेश के बागपत से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। कहते हैं कि बालक ईश्वर का रुप होता है। उसे अच्छे बुरे को कोई ज्ञान नहीं होता है, बच्चे की इसी मासूमियत का फायदा उसके चाचा ने उठाया। ऐसा काम किया, जिसका किसी को अंदाजा तक नहीं था कि एक चाचा ऐसा काम कर सकता है क्या।

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यूपी के बागपत जिले में करीब पांच दिन से लापता सात साल के बच्चे शौर्य का शव पुलिस ने बरामद कर लिया है। घटना के संबंध में पुलिस ने बच्चे के सगे चाचा समेत तीन लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस के अनुसार बच्चे के चाचा और चचेरे भाई ने अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर उसके परिजनों से 30-40 लाख रुपये फिरौती के रूप में वसूलने के लिए घटना को अंजाम दिया।

पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन ने बुधवार को बताया कि 15 दिसंबर 2022 की शाम फखरपुर निवासी सोहनबीर का सात वर्षीय पुत्र शौर्य उर्फ सूर्यांश ट्यूशन से वापस लौटते समय लापता हो गया था। सूचना पर पुलिस ने तत्काल गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर बच्चे की तलाश शुरू की।

उन्होंने बताया कि जांच के दौरान कुछ लोगों के नाम प्रकाश में आए थे। इनमें शौर्य का चाचा विनीत, चचेरा भाई अक्षित तथा इनका एक अन्य साथी डैनी शामिल हैं। इन लोंगो को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो इन्होंने शौर्य को अगवा कर उसकी हत्या करने का अपराध कुबूल कर लिया। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने शौर्य के शव को मंगलवार को गांव से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर एक गन्ने के खेत से बरामद कर लिया। परिवार वालों के आग्रह पर रात में बच्चे के शव का पोस्टमाटर्म कराया गया है।

जादौन के अनुसार पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया की शौर्य को मोटरसाइकिल पर बैठने का बहुत शौक था। वह 15 दिसंबर की शाम करीब सवा पांच बजे जब ट्यूशन पढ़ कर लौट रहा था, तभी अभियुक्त मोटरसाइकिल पर घुमाने के बहाने शौर्य को अपने साथ ले गये और उसकी गला दबा कर हत्या कर दी। इसके बाद शव को गांव से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर गन्ने के खेत में ठिकाने लगा दिया। किसी को अभियुक्तों पर शक ना हो इसलिए वे बच्चे के परिजनों के साथ बच्चे की तलाशी के लिए चलाए जा रहे पुलिस के अभियान में शामिल हो गए।

हत्या की वजह के बारे में पूछे जाने पर पुलिस अधीक्षक ने अभियुक्तों से हुई पूछताछ के आधार पर बताया कि शौर्य के दादा करीब एक साल पहले ही सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त हुए थे। सेवानिवृत्ति के दौरान उन्हें काफी धन मिला था। इस पैसे से शौर्य के दादा ने कुछ जमीन खरीदी थी। अभियुक्तों की मंशा यह थी कि पुलिस का अभियान समाप्त होने के बाद वे परिजनों से बच्चे को अपने कब्जे में बताकर 30-40 लाख रुपये की मांग करेंगे। अभियुक्तों के मुताबिक शौर्य को मारना इसलिए जरूरी था क्योंकि वह सबको पहचानता था।

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Shraddha Murder Case: अब कैसे बचोगे पुलिस वालों, स्पेशल टीम पहुंचाएगी जेल

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Shraddha Murder Case:
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 01:16 AM
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Shraddha Murder Case: नागपुर। श्रद्धा वालकर हत्या मामले में अब लापरवाह व निकम्मी पुलिस वालों की खैर नहीं। क्योंकि, श्रद्धा की शिकायत पर यदि पुलिस वालों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आफताब को गिरफ्तार किया होता तो आज उसकी मौत नहीं होती। लोगों की मांग तो यह है कि इन निष्क्रिय पुलिस वालों पर 302 की वही धारा लगे जो आम हत्यारों पर लगती है।

Shraddha Murder Case

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि मीरा-भायंदर पुलिस द्वारा नवंबर 2020 में आफताब पूनावाला के खिलाफ श्रद्धा वालकर की शिकायत पर कार्रवाई न किये जाने की जांच एक विशेष टीम करेगी। श्रद्धा की कथित तौर पर उसके ‘लिव-इन पार्टनर’ पूनावाला ने इस साल मई में दिल्ली स्थित फ्लैट में हत्या कर दी थी। पिछले महीने दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने से पहले वह कथित तौर पर श्रद्धा के शव के कई टुकड़े कर इन्हें कई हफ्तों तक जंगल में फेंकता रहा था। दिल्ली जाने से पहले पूनावाला के साथ वसई क्षेत्र में रहने वाली श्रद्धा ने 23 नवंबर, 2020 को वसई पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी और कहा था कि पूनावाला छह महीने से अधिक समय से उसका शारीरिक शोषण कर रहा है तथा उसे जान से मारने तथा उसके टुकड़े-टुकड़े करने की धमकी दे रहा है। पुलिस ने कहा था कि कोई कार्रवाई इसलिए नहीं की गई थी, क्योंकि बाद में श्रद्धा ने यह कह दिया था कि पूनावाला के माता-पिता आए थे और उससे बात की थी तथा उसे अब और कोई शिकायत नहीं है। इसके साथ ही 19 दिसंबर, 2020 को शिकायत वापस ले ली गई थी। इस बीच, अंतर-धार्मिक विवाह करने वाले युगलों के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए एक समिति गठित करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले की पृष्ठभूमि में, फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार ऐसी शादियों के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा, लेकिन समय के साथ यह महसूस किया गया है कि कोई साजिश चल रही है। कुछ जिलों में ऐसी शादियां बड़ी संख्या में हो रही हैं। उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि संबंधित समिति का गठन इसी उद्देश्य के लिए किया गया है। संबंधित समिति एक मंत्री के नेतृत्व में काम करेगी और यह निगरानी के साथ ही अंतर-धार्मिक विवाहों, विवाहित जोड़ों और उनके परिवारों का रिकॉर्ड रखेगी। फडणवीस ने कहा, यह समिति उसी उद्देश्य के लिए है। जब श्रद्धा वालकर के पिता ने कहा कि हमें समझ नहीं आया कि कहां जाएं और यदि कोई उससे बात करा पाता तो हम उसे बचा सकते थे। लोग नहीं जानते कि ऐसी स्थिति में कहां जाएं और समिति इसी सुविधा के लिए है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने श्रद्धा मामले को लेकर तत्कालीन महा विकास आघाड़ी सरकार पर हमला बोला। श्रद्धा की शुरुआती शिकायत पर पुलिस की कथित निष्क्रियता का मुद्दा उठाते हुए विधानसभा में भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने कहा कि जब श्रद्धा वसई में रह रही थी तो उसने तुलिंज थाने में शिकायत दर्ज कराई थी और फिर उसे वापस ले लिया था। उन्होंने कहा, उसके पिता ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि पुलिस पर दबाव था। आफताब के माता-पिता ने भी उस पर दबाव डाला, इसलिए उसने शिकायत वापस ले ली। भातखलकर ने कहा, शिकायत मिलने पर क्या पुलिस पर कार्रवाई न करने का राजनीतिक दबाव था? जब ऐसा हुआ, उसी दौरान (अमरावती के फार्मासिस्ट उमेश) कोल्हे की हत्या कर दी गई और तबलीगी जमात का नाम आज आरोप पत्र में आया। भाजपा के एक अन्य विधायक आशीष शेलार ने भी यही मुद्दा उठाया। फडणवीस ने कहा कि शिकायत दर्ज कराने (श्रद्धा द्वारा) और इसे वापस लेने के बीच एक महीने का अंतर था। उसने 23 नवंबर, 2020 को शिकायत दर्ज कराई और 19 दिसंबर, 2020 को इसे वापस ले लिया। शेलार ने सवाल किया कि क्या यह समझने के लिए जांच की जाएगी कि श्रद्धा द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद और इसे वापस लिये जाने की अवधि के बीच पुलिस ने क्या किया। जवाब में, फडणवीस ने कहा कि एक विशेष टीम का गठन किया जाएगा। फडणवीस ने कहा, मैंने माना है कि एक समय अंतराल है। आशीष शेलार की मांग के अनुसार, एक विशेष टीम इस बात की जांच करेगी कि श्रद्धा पर हमला क्यों किया गया, (क्यों) शिकायत वापस ले ली गई और बीच के समय में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अगर श्रद्धा की शिकायत पर संज्ञान ले लिया गया होता तो बाद में हुई घटना (हत्या) टल सकती थी। उन्होंने कहा, पुलिस को महानिदेशक के माध्यम से निर्देश दिया गया है कि जब हिंसा का मामला सामने आए, खासकर अंतर-धार्मिक विवाह में, तो उसे तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए, या कम से कम महिला की बात सुननी चाहिए।

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Cyber Crime: साइबर अपराध की 6 लाख शिकायतें दर्ज: मंत्री

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar21 Dec 2022 12:37 AM
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Cyber Crime: नई दिल्ली। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि वर्ष 2019 में ‘सिटिजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम’ शुरू होने के बाद से अब तक साइबर अपराध की छह लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं। मिश्रा ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।

Cyber Crime

उन्होंने कहा, देश में ‘सिटिजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम’ अमल में आने के बाद से 12 दिसंबर, 2022 तक साइबर अपराध की छह लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं तथा 1.11 लाख से अधिक शिकायतों से जुड़े मामलों में 188 करोड़ रुपये से अधिक की बचत की गई। मंत्री ने बताया कि सभी तरह के साइबर अपराधों से निपटने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की स्थापना की गई है।

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