आपरेशन सिंदूर ने तोड़ दी आतंकवादियों की कमर, सबक पाक को सीखना होगा

Operation sindoor 15
Operation Sindoor
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 09:25 AM
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Operation Sindoor : 'आपरेशन सिंदूर' भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा 6-7 मई 2025 को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में आतंकी ठिकानों पर की गई एक सटीक और तीव्र सैन्य कार्रवाई थी। यह आपरेशन 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के प्रतिशोध में किया गया, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।

यहाँ 6 प्रमुख बिंदुओं में आपरेशन सिंदूर की पूरी जानकारी दी गई है :

1. आपरेशन का उद्देश्य और पृष्ठभूमि

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसरन घाटी में आतंकियों ने हिंदू पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई। इस हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों का हाथ माना गया। भारत ने इस हमले के प्रतिशोध में 'आपरेशन सिंदूर' शुरू किया।

2. लक्ष्य और रणनीति

आपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पीओके POK में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर 24 मिसाइल हमले किए। इन हमलों में राफेल लड़ाकू विमानों से एससीएएलपी और एएएसएम हैमर मिसाइलों का उपयोग किया गया। इसके अलावा, ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों और स्कायस्ट्राइकर जैसे स्वदेशी ड्रोन का भी इस्तेमाल हुआ। हमले 23 मिनट की अवधि में किए गए और भारतीय वायुसेना ने दावा किया कि इस दौरान उनके विमान पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं किए।

3. प्रमुख आतंकियों का सफाया

आपरेशन में कई उच्च-प्रोफाइल आतंकियों को मार गिराया गया, जिनमें शामिल हैं: यूसुफ अजहर : 1999 के आईसी-814 विमान अपहरण का मास्टरमाइंड और मौलाना मसूद अजहर का साला। अबू जुंदाल : लश्कर-ए-तैयबा का वरिष्ठ कमांडर। मोहम्मद हसन खान : जैश-ए-मोहम्मद का आपरेशनल कमांडर। खालिद उर्फ अबू आकाशा : हथियार तस्करी और आतंकी हमलों में शामिल लश्कर का सदस्य। इन आतंकियों की मौत पाकिस्तान समर्थित आतंकी नेटवर्क के लिए बड़ा झटका है।

4. प्रमुख आतंकी ठिकानों का विध्वंस

भारतीय वायुसेना ने बहावलपुर और मुरिदके जैसे स्थानों में स्थित आतंकी प्रशिक्षण केंद्रों को निशाना बनाया। इनमें जैश-ए-मोहम्मद का मरकज सुभान अल्लाह और लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय शामिल थे। इन ठिकानों का नष्ट होना आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति का प्रतीक है।

5. पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय स्थिति

पाकिस्तान ने इन हमलों को युद्ध की कार्यवाही करार दिया और जवाबी कार्रवाई में भारत पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिन्हें भारतीय रक्षा प्रणालियों ने विफल कर दिया। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से अमेरिका और ब्रिटेन, ने दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने की अपील की।

6. आपरेशन की सफलता और आगे की स्थिति

भारतीय वायुसेना ने आॅपरेशन सिंदूर को "सफलतापूर्वक निष्पादित" बताया और कहा कि यह आॅपरेशन अभी भी जारी है। सरकार ने कहा कि यह कार्रवाई केंद्रित, मापी गई और गैर-उत्तेजक थी, जिसका उद्देश्य केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था। 'आपरेशन सिंदूर' भारत की आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति और त्वरित प्रतिक्रिया का उदाहरण है। इसने पाकिस्तान समर्थित आतंकी नेटवर्क को गहरा आघात पहुँचाया और यह संदेश दिया कि भारत अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं करेगा। Operation Sindoor

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कांग्रेस ने उठाए सीजफायर पर सवाल, आखिर क्या थी मजबूरी

Rahul
Indo-Pak War
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 02:37 AM
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Indo-Pak War : कांग्रेस द्वारा उठाए गए सवाल और मांगें भारत-पाकिस्तान सीजफायर को लेकर काफी गंभीर हैं, और इनका मूल उद्देश्य सरकार से पारदर्शिता और राजनीतिक संवाद की मांग करना है। कांग्रेस का कहना है कि आखिर सीजफायर एकाएक क्यों करना पड़ा। हालांकि सीजफायर का उद्देश्य सीमा पर बढ़ते तनाव, सैनिक और नागरिक हताहतों को रोकना और शांति प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की कोशिश हो सकता है। हालांकि सरकार ने अभी तक इसकी आधिकारिक वजह विस्तार से नहीं बताई है, लेकिन इसे अमेरिका की मध्यस्थ भूमिका और क्षेत्रीय स्थिरता की जरूरत से जोड़कर देखा जा रहा है।

किसके कहने पर हुआ?

डोनाल्ड ट्रंप ने खुद कहा कि अमेरिका ने इसमें एक मददगार की भूमिका निभाई है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने तटस्थ मंच की बात कहकर यह संकेत दिया कि अमेरिका ने कुछ कूटनीतिक पहल की है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या भारत ने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार की है, जबकि अब तक भारत का रुख यही रहा है कि सभी मुद्दे द्विपक्षीय रूप से हल किए जाएंगे (शिमला समझौते के तहत)।

किस आधार पर हुआ?

इस पर कोई स्पष्ट और सार्वजनिक दस्तावेज या वक्तव्य भारत सरकार की तरफ से अब तक नहीं आया है। इसलिए कांग्रेस का सवाल है कि क्या पाकिस्तान से कुछ गारंटी ली गई? आखिर भारत ने क्या शर्तें रखीं? क्या कोई गुप्त बातचीत हुई? क्या यह बातचीत अमेरिका की निगरानी में हुई?

कांग्रेस की मांगें क्या हैं?

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक होनी चाहिए। संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए। जनता को बताया जाए। सीजफायर की पृष्ठभूमि क्या है? पहलगाम हमला और आॅपरेशन सिंदूर से इसका क्या संबंध है? क्या राजनयिक चैनल फिर से शुरू हो गए हैं? अमेरिका को पहले जानकारी कैसे और क्यों मिली? अमेरिका द्वारा तटस्थ मंच का उल्लेख क्या भारत की परंपरागत नीति से विचलन है?

चिंता की मुख्य बातें

क्या सरकार ने शिमला समझौते के सिद्धांत से हटकर कोई नया रास्ता अपनाया है? क्या भारत अब तीसरे पक्ष की भूमिका स्वीकार कर रहा है? क्या यह सीजफायर भारत की किसी मजबूरी का परिणाम है? इस तरह कांग्रेस ने अपने सवाल सरकार से पूछे हैं। ताकि जो भी बातचीत या समझौता हुआ है वह देश के सामने आना चाहिए। अगर कोई शिमला समझौते से अलग कोई नया समझौता हुआ है तो उसे देश को बताना चाहिए। Indo-Pak War

भारत की मार के बाद पाकिस्तान गिड़गिड़ाया, सीजफायर पर आया

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संघर्षविराम को अमेरिका ने वैश्विक शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया

Tramp 5
Indo-Pak War
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 02:58 PM
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Indo-Pak War : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष विराम की घोषणा के बाद दोनों देशों की नेतृत्व क्षमता की सराहना की है और इसे वैश्विक शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने इस संघर्षविराम को मध्यस्थता के माध्यम से संभव बनाया और वह दोनों देशों के साथ मिलकर कश्मीर मुद्दे का समाधान खोजने के लिए तैयार हैं।

ट्रंप ने दोनों देशों के साथ व्यापार को काफी बढ़ाने की बात कही

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर लिखा, मैं दोनों महान देशों के साथ व्यापार को काफी बढ़ाने जा रहा हूं। इसके अलावा, मैं आप दोनों के साथ काम करूंगा ताकि 'हजार वर्षों' के बाद, कश्मीर के मुद्दे का समाधान निकाला जा सके। भारत और पाकिस्तान के नेतृत्व को इस अच्छे कार्य के लिए बधाई।

भारत सरकार ने इस संघर्षविराम को द्विपक्षीय प्रयासों का परिणाम बताया

हालांकि, भारत सरकार ने इस संघर्षविराम को द्विपक्षीय प्रयासों का परिणाम बताया है और अमेरिकी मध्यस्थता की भूमिका को स्वीकार नहीं किया है। संघर्षविराम के बावजूद, दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। भारत ने पाकिस्तान पर संघर्षविराम के उल्लंघन का आरोप लगाया है, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों से इनकार किया है।

पीएम ने अपने आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई

इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस अनिल चौहान, तीनों सेनाओं के प्रमुख, एनएसए अजीत डोभाल, आईबी और रॉ के प्रमुख शामिल हैं। बैठक का उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करना और आगे की रणनीति तय करना है।

ट्रंप की ओर से कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश नई नहीं

ट्रंप की ओर से कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश नई नहीं है, लेकिन भारत ने हमेशा इस मुद्दे को द्विपक्षीय मानते हुए किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को अस्वीकार किया है। इसलिए, ट्रंप की हालिया टिप्पणी पर भारत सरकार की आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतजार है। संघर्षविराम की सफलता और क्षेत्र में स्थायी शांति की संभावना इस पर निर्भर करेगी कि दोनों देश कितनी गंभीरता से इस समझौते का पालन करते हैं और आपसी विश्वास को कैसे बढ़ाते हैं। Indo-Pak War

सेना का संयुक्त बयान जारी: पाकिस्तान को किया बेनकाब, एक-एक करके गिनाए सारे झूठ

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