Nuh Violence Update: नूंह में कैसे पढ़ी जाएगी जुम्मे की नमाज़ , गृह मंत्री अनिल विज ने जारी किया बयान

Danga 1
Nuh Violence Update
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calendar04 Aug 2023 08:26 PM
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Nuh Violence Update: हरियाणा के जिले नूंह में हुई हिंसा लगातार भयानक रूप लेती जा रही है । हरियाणा सरकार से लगातार सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल पूछे जा रहे है । हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बयान जारी किया है कि नूंह में जुम्मे की नमाज पर लोगों को शांति बनाए रखने के लिए कहा है । नूंह में इन दिनों चप्पे चप्पे पर पुलिस की तैनाती की गई है। दंगाइयों पर पुलिस की पैनी नजर है । अनिल विज ने सख्त होकर कहा कि नूंह में हुई हिंसा में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जायेगा और उन पर सख्त कार्रवाई होगी । विज ने कहा कि जिन भी लोगों ने पत्थर चलाए , लाठियां चलाई , गोलियां चलाई उन सभी लोगों को बख्शा नहीं जायेगा । इसके चलते कई लोगों ने अपनी जान गवा दी ।

सोशल मीडिया पर होगी नजर - विज

[caption id="attachment_105837" align="aligncenter" width="259"]Nuh Violence Update Nuh Violence Update[/caption] हिंसा होने से पहले सोशल मीडिया पर मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी ने एक वीडियो जारी किया था । हिंसा भड़कने का कारण यही वायरल वीडियो को बताया जा रहा है । जिसके बाद विज ने कहा कि सोशल मीडिया पर हमारी पूरी नजर है । विज ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि लोगों को सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट नहीं डालनी चाहिए । अब सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए जांच समिति बनाई गई है जो हर एक पोस्ट पर नजर रखेगी । विज ने कहा कि पकड़े हुए आरोपियों का रिमांड लिया जायेगा और उनसे जो सूचनाएं मिलेगी उस पर कार्रवाई की जाएगी ।

हरियाणा हिंसा में बड़ी संख्या में लोगों का पलायन

नूंह में हुई हिंसा के बाद एक बड़ी संख्या में लोग पलायन कर रहे है । कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लोगों ने डर के कारण घर खाली करने का निर्णय लिया । गुरुग्राम में कई घरों में ताला लटका हुआ नजर आ रहा है । कर्फ्यू लगने की वजह से नूंह में लोगों के खाने की व्यवस्था नहीं हो पा रही है, जिसकी वजह से हालात बिगड़े हुए है । लोगों ने अपनी जान बचाने का एक मात्र रास्ता सुझा वो था पलायन । इस तरह का सांप्रदायिक दंगा दोनों ही समाज के लोगों के लिए नुकसानदेय है । दंगाई दंगा करके निकल जाते है लेकिन बीच मे आम व्यक्ति पिस रहा है ।

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Rahul Gandhi Breaking: राहुल गांधी की सजा पर "सुप्रीम रोक",बहाल होगी सांसदी

Raga
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calendar04 Aug 2023 07:20 PM
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Rahul Gandhi Breaking: सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मिली सजा के निलंबन की याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने राहुल गांधी के विरोध में दलीलें दे रहे शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी के वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी से पूछा कि अदालत ने अधिकतम सजा देने के क्या ग्राउंड दिए हैं. कम सजा भी तो दी जा सकती थी. उससे संसदीय क्षेत्र की जनता का अधिकार भी बरकरार रहता. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को सुनाई सजा के फैसले पर रोक लगा दी है. Rahul Gandhi Breaking

सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सज़ा पर रोक लगाई 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गुजरात हाई कोर्ट के न्यायाधीश का आदेश पढ़ने में बहुत दिलचस्प है. उन्होंने इसमें बहुत उपदेश दिया है. वहीं सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि मैं बता दूं कि कई बार कारण न बताने पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा आलोचना की जाती है, इसीलिए हाई कोर्ट ने विस्तृत कारण बताता है. ऐसी टिप्पणियां थोड़ी हतोत्साहित करने वाली हो सकती हैं .Rahul Gandhi Breaking

क्या कहा कोर्ट ने :

इतनी बड़ी सज़ा की जरूरत नहीं थी

राहुल गांधी की सज़ा पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राहुल को इतनी बड़ी सज़ा कि जरूरत नहीं थी । कम सज़ा भी दी जा सकती थी । अधिकतम सज़ा देने का क्या कारण था,ट्रायल कोर्ट ने सज़ा सुनाई,कारण नहीं बताया। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ने कहा कि जब तक अपील लंबित है तब तक सज़ा पर रोक है।

बहाल हो सकती है सांसदी

मोदी सरनेम मामले में आज सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को बड़ी राहत मिलने के बाद अब उनकी लोकसभा सदस्यता भी बहाल हो सकती है। और राहुल गांधी एक सांसद के रूप में संसद जा सकेंगे। राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से लोकसभा सांसद थे। ट्रायल कोर्ट से सज़ा सुनाये जाने के बाद उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी और उन्हे संसद कोटे से मिला बंगला भी खाली करना पड़ा था।  

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Nuh Violence: किसने लगाई नूंह में आग, क्यों जल रहा है हरियाणा ,पढ़े पूरी पड़ताल

Danga
Nuh Violence
locationभारत
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calendar02 Dec 2025 04:52 AM
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  Nuh Violence: 31 जुलाई, सोमवार को हरियाणा के नूंह में एक धार्मिक यात्रा के दौरान हिंसा भड़क उठी। इस हिंसा का असर राज्य के कई और जिलों में भी हुआ। आखिर इस हिंसा के क्या कारण थे? इसके पीछे कौन लोग थे? क्या इस हिंसा को भड़कने से रोका जा सकता था? आखिर क्यों मेवात के इस क्षेत्र को मिनी पाकिस्तान भी कहा जाता है और ये क्षेत्र बार-बार क्यों सुलग उठता है? आइए इन सवालों के जवाब ढूंढते हैं।

आखिर क्यों भड़की नूंह में हिंसा? कौन लोग हैं इस घटना के पीछे?

Nuh Violence: नूंह में हुई हिंसा (Nuh Violence) के पीछे कारणों की बात करें, तो इसके पूर्व नियोजित होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। इस बात के कुछ सबूत भी मिलते हैं, जिससे ये हिंसा सुनियोजित लगती है। इसमें बाहरी ताकतों के हाथ होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता। साथ ही आने वाले चुनावों के मद्देनजर इस हिंसा के राजनीतिक मायने भी हो सकते हैं! ये सारी बातें जांच का विषय हैं। इस हिंसा में भीड़ के पास भारी मात्रा में हथियार होना, उसका बेखौफ होकर फायरिंग करना, भारी मात्रा में पथराव के लिए पत्थर का पहले से जमा होना और पुलिस बल और थानों पर भी निडरता के साथ हमला करना, ये सारी चीजें इस हिंसा के पूर्व नियोजित होने के संकेत देते हैं। ये सारी बातें ये साबित करती हैं, ये हिंसा अचानक से नहीं भड़की, बल्कि ये एक सुनियोजित और संगठित साजिश थी। [caption id="attachment_105635" align="aligncenter" width="600"]Nuh Violence: Nuh Violence:[/caption] Nuh Violence: इस हिंसा के भड़कने का एक कारण ब्रजमंडल जलाभिषेक भगवा यात्रा में शामिल होने के लिए मोनू मानेसर उर्फ मोहित यादव और बिट्टू बजरंगी जैसे विवादित छवि वाले लोगों के आने की सूचना को भी माना जा रहा है। मोनू दो मुस्लिम युवकों की हत्या का आरोपी भी है। इन दोनों ने इस यात्रा में शामिल होने की जानकारी खुद सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर दी थी। हालांकि मोनू को पुलिस ने इस यात्रा में शामिल होने से रोक दिया था, लेकिन बिट्टू इस यात्रा में शामिल हुआ था। बताया जा रहा है कि इन दोनों ने अपने वीडियो में इस यात्रा में शामिल होने को लेकर दूसरे समुदाय को उकसाने वाली कुछ बातें भी कहीं थीं, जिससे दूसरे पक्ष के लोग भड़क गए। उन्होंने इन दोनों को सबक सिखाने की प्लानिंग कर ली, जिसका परिणाम इस हिंसा के रूप में सामने आया। हालांकि इन दोनों का तो कुछ नहीं बिगड़ा, लेकिन बेकसूर और मासूम लोगों को अपनी जान और माल से हाथ धोना पड़ा।

क्या हिंसा को भड़कने से रोका जा सकता था?

Nuh Violence: विवादास्पद छवि वाले मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी के इस धार्मिक यात्रा में शामिल होने की जानकारी खुफिया तंत्र को जरूर रही होगी। सभी जानते हैं कि हमारे देश का खुफिया तंत्र बहुत मजबूत है, जिस कारण ये माना जा रहा है कि उसके पास इस साजिश की आशंका की जानकारी जरूर रही होगी और उनसे राज्य सरकार को ये जानकारी दी भी होगी। लेकिन फिर भी इस तरह की घटना घट गई क्यों? स्थानीय प्रशासन ने क्या इस चेतावनी को नजरंदाज कर दिया? लगता तो कुछ यही है, क्योंकि यदि प्रशासन मुस्तैद होता, तो इतनी बड़ी घटना नहीं घटती। यदि सरकार सचेत रहती तो इस घटना को रोका जा सकता था। यदि प्रदेश सरकार समय से जागरूक हो जाती तो इस जान-माल के नुकसान को कम तो किया ही जा सकता था। इसलिए इस मामले में कोताही बरती गई, संभावना तो यही लग रही है। आखिर चूक कहाँ हुई? इसकी निष्पक्षता से पूरी जांच होनी चाहिए। [caption id="attachment_105636" align="aligncenter" width="299"]Nuh Violence: Nuh Violence:[/caption]

इसे मिनी पाकिस्तान क्यों कहा जाता है? और क्यों ये बार-बार सुलग उठता है?

Nuh Violence: मेवात (Mewat) का ये क्षेत्र मिनी पाकिस्तान के नाम से भी प्रसिद्ध है, इसकी वजह यहाँ की लगभग 80 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है, जबकि हिन्दू आबादी लगभग 20 प्रतिशत ही है। गुरूग्राम से लगभग 50 किमी दूर स्थित ये क्षेत्र राजस्थान बॉर्डर से भी सटा हुआ है, इस क्षेत्र का उपयोग तस्करी के लिए भी किया जाता है, इसलिए इसे एक संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है।

इस क्षेत्र के पिछड़े होने के कारण, यहाँ अशिक्षा और बेरोजगारी भी बहुत है, जिस के कारण भी इस क्षेत्र को गलत कम करने वाले लोग आसानी से टारगेट बना लेते हैं। पिछले कुछ समय से ये गौ तस्करी के कारण भी बदनाम है। असामाजिक तत्व अपने फायदे के लिए इस संवेदनशील इलाके को निशाना बनाकर सुलगाते रहते हैं।

इस हिंसा का प्रभाव

Nuh Violence: नूंह की इस हिंसा में 5 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा। काफी सारे लोग घायल भी हुए। इस हिंसा में नूंह में 5 लोगों की मृत्यु के बाद गुरूग्राम में भी 1 व्यक्ति की मृत्यु होने के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 6 जा पहुंची। इस हिंसा का असर राज्य के कई और जिलों में भी हुआ। राज्य के गुरूग्राम, फरीदाबाद और पलवल जिले भी इस हिंसा की चपेट में आ गए। गुरूग्राम के सोहना इलाके में भी स्थिति काफी खराब हो गई। पुलिस-प्रशासन स्थ्ति को नियंत्रण में करने के प्रयास में लगा हुआ है।

Haryana Nuh Violence: मोनू मानेसर की गिरफ्तारी को लेकर मनोहर लाल खट्टर और अशोक गहलोत आमने सामने