दरिंदगी: साधु के वेश में छिपा हुआ पूर्णानंद स्वामी निकला हैवान, लांघी दरिंदगी की सारी सीमाएं

दरिंदगी :
कौन है पूर्णानंद स्वामी ? आपको बता दें आंध्र प्रदेश की पुलिस ने विशाखापटनम के कोंथा कस्बे में स्थित ज्ञानानंद आश्रम के संचालक पूर्णानंद स्वामी को गिरफ्तार किया है। इस तथाकथित स्वामी के विरूद्ध 15 वर्ष की एक नाबालिग लडक़ी ने बलात्कार के बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। जिस बच्ची ने रिपोर्ट लिखवाई है वह अनाथ बच्ची है। बचपन में ही उस बच्ची के मां-बाप मर गए थे। तभी से वह बच्ची आश्रम में शरण लिए हुई थी। उसी आश्रम में उसके पिता समान पूर्णानंद ने उसके जीवन को रौंद डाला। प्रताडऩा की चर्म सीमा आंध्र प्रदेश के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अनाथ होने के बाद लडक़ी कुछ समय तक अपने रिश्तेदारों के साथ रही, लेकिन फिर उसे ज्ञानानंद आश्रम में भेज दिया गया था. यहांं लडक़ी को गायों की देखभाल का काम दिया गया था। पीडि़त नाबालिग का आरोप है कि पूर्णानंद स्वामी एक रात उसे अपने कमरे में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया. इसके बाद स्वामी ने उसे जंजीरों से बांधा और उसकी इच्छा पूरी करने को कहा। इस पर जब लडक़ी ने इनकार किया तो स्वामी ने उसके साथ जबरदस्ती की। खाने में बस दो चम्मच चावल पीडि़त नाबालिग लडक़ी ने बताया कि स्वामी ने उसके साथ मारपीट की और इस दौरान उसे केवल 2 चम्मच चावल में पानी मिलाकर खाने के लिए दे दिया जाता था। 15 दिनों में केवल एक बार नहाने दिया जाता था। उसने यह भी आरोप लगाया कि उसे वॉशरूम में नहीं जाने दिया गया और बाल्टी में पेशाब करने के लिए मजबूर किया गया। आश्रम से मुक्त हुई नाबालिग ने अपनी शिकायत में कहा है कि उसे 2 साल तक इसी तरह प्रताडि़त किया गया. इस बीच पीडि़त नाबालिग, आश्रम से किसी तरह भागने में सफल रही और वह तिरुमाला एक्सप्रेस में जा बैठी. यहां उसने एक महिला यात्री को अपनी आपबीती सुनाई। इस महिला ने दो दिन पहले कृष्णा जिले के कांकीपाडू में एक छात्रावास में लडक़ी को भर्ती कराने की कोशिश की, लेकिन छात्रावास ने पुलिस थाने के पत्र के बिना लडक़ी को लेने से इनकार कर दिया।Gorakhpur News : हॉकी का नेशनल प्लेयर बना रहा पंक्चर, कभी करता था दनादन गोल
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कौन है पूर्णानंद स्वामी ? आपको बता दें आंध्र प्रदेश की पुलिस ने विशाखापटनम के कोंथा कस्बे में स्थित ज्ञानानंद आश्रम के संचालक पूर्णानंद स्वामी को गिरफ्तार किया है। इस तथाकथित स्वामी के विरूद्ध 15 वर्ष की एक नाबालिग लडक़ी ने बलात्कार के बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। जिस बच्ची ने रिपोर्ट लिखवाई है वह अनाथ बच्ची है। बचपन में ही उस बच्ची के मां-बाप मर गए थे। तभी से वह बच्ची आश्रम में शरण लिए हुई थी। उसी आश्रम में उसके पिता समान पूर्णानंद ने उसके जीवन को रौंद डाला। प्रताडऩा की चर्म सीमा आंध्र प्रदेश के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अनाथ होने के बाद लडक़ी कुछ समय तक अपने रिश्तेदारों के साथ रही, लेकिन फिर उसे ज्ञानानंद आश्रम में भेज दिया गया था. यहांं लडक़ी को गायों की देखभाल का काम दिया गया था। पीडि़त नाबालिग का आरोप है कि पूर्णानंद स्वामी एक रात उसे अपने कमरे में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया. इसके बाद स्वामी ने उसे जंजीरों से बांधा और उसकी इच्छा पूरी करने को कहा। इस पर जब लडक़ी ने इनकार किया तो स्वामी ने उसके साथ जबरदस्ती की। खाने में बस दो चम्मच चावल पीडि़त नाबालिग लडक़ी ने बताया कि स्वामी ने उसके साथ मारपीट की और इस दौरान उसे केवल 2 चम्मच चावल में पानी मिलाकर खाने के लिए दे दिया जाता था। 15 दिनों में केवल एक बार नहाने दिया जाता था। उसने यह भी आरोप लगाया कि उसे वॉशरूम में नहीं जाने दिया गया और बाल्टी में पेशाब करने के लिए मजबूर किया गया। आश्रम से मुक्त हुई नाबालिग ने अपनी शिकायत में कहा है कि उसे 2 साल तक इसी तरह प्रताडि़त किया गया. इस बीच पीडि़त नाबालिग, आश्रम से किसी तरह भागने में सफल रही और वह तिरुमाला एक्सप्रेस में जा बैठी. यहां उसने एक महिला यात्री को अपनी आपबीती सुनाई। इस महिला ने दो दिन पहले कृष्णा जिले के कांकीपाडू में एक छात्रावास में लडक़ी को भर्ती कराने की कोशिश की, लेकिन छात्रावास ने पुलिस थाने के पत्र के बिना लडक़ी को लेने से इनकार कर दिया।Gorakhpur News : हॉकी का नेशनल प्लेयर बना रहा पंक्चर, कभी करता था दनादन गोल
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