'दोस्ती हो तो ऐसी’, वफदार डॉगी ने बेहोश मालिक की ऐसे बचाई जान...

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locationभारत
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calendar30 Nov 2025 05:00 PM
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Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सहारनपुर (Saharanpur) से एक दिल को छू देने वाली खबर सामने आई है। जहां एक व्यक्ति रविवार यानी 3 मार्च को बीच सड़क पर बेहोश हो गया। जिसके बाद उसका पालतू कुत्ता उसकी रखवली के लिए घंटों उसके पास बैठा रहा। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के हसनपुर चौक पर सड़क के बीचों-बीच शराब के नशे में धुत पड़े मालिक को उसका कुत्ता न केवल आती-जाती गाड़ियों से बचाता रहा, बल्कि उसने किसी भी गाड़ी को सड़क पर बेहोश होने पर अपने मालिक के आसपास फटकने नहीं दिया।

कुत्ते ने बचाई मलिक की जान

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की  यह घटना सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। सड़क पर गुजरते लोग भी कुत्ते की वफादारी को देखकर हैरान रह गए है। और कहने लगे ‘दोस्ती हो तो ऐसी’। दरअसल उत्तर प्रदेश के हसनपुर चौक पर सड़क के बीचों-बीच रविवार को एक युवक नशे की हालत में धुत पड़ा था। उसे कुछ होश नहीं था, मगर उसका यह पालतू कुत्ता मालिक के चारों ओर घूम-घूम कर न केवल आती-जाती गाड़ियों से उसकी रखवाली कर रहा था, बल्कि कहीं कोई वाहन उसके मालिक पर न चढ़ जाए, जिसने भी शराबी युवक के पास तक आने की कोशिश की तो कुत्ते ने गुर्राकर और भौंककर उसे दूर कर दिया। Uttar Pradesh News

कुत्ते ने ट्रैफिक पुलिस से मांगी मदद?

एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी जब उस ओर पहुंचा तो कुत्ता उसे पर भी लगातार भौंकता रहा। हालांकि, पुचकारने पर वह शांत हो गया। जैसे उसे लगा कि यह व्यक्ति उसके मालिक की मदद करने के लिए आया है। इसके बाद पुलिसकर्मी ने आसपास मौजूद कुछ लोगों की मदद से बीच सड़क से उठाकर बेसुध युवक को एक खाली प्लॉट में ले जाकर लिटा दिया। इस दौरान कुत्ता निरंतर मलिक के साथ-साथ रहा और जब युवक को होश आया तो उसने भी अपने कुत्ते की वफादारी समझ उस पर अपना प्यार लुटा दिया और सड़क से गुजरते लोग यह देखकर यह कहते सुने गए कि 'दोस्ती हो तो ऐसी'। वहीं, एक ओर जहां सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में हसनपुर चौकी के निकट यह नजारा देखने को मिला तो वहीं इंस्पेक्टर सदर बाजार संतोष कुमार का कहना है कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। Uttar Pradesh News

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भारतीय सेना में बढ़ रहा है नारी शक्ति का बोलबाला, हर मोर्चे पर महिलाएं

Women Empowerment
Women Empowerment
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 04:21 PM
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Women Empowerment : भारत हमेशा से नए-नए प्रयोग करने वाला देश रहा है। पिछले कुछ सालों में भारत ने एक अभूतपूर्व प्रयोग किया है। इस प्रयोग के तहत भारत ने अपनी नारी शक्ति (महिलाओं) को युद्ध के मैदान में उतारा है। भारतीय सेना में जिस प्रकार नारी शक्ति का बोलबाला बढ़ा है उससे साफ जाहिर है कि जल्दी ही भारतीय सेना के हर मोर्चे पर भारत की महिलाएं पुरुषों की बगल में खड़ी हुई नजर आएंगी।

नारी शक्ति सर्वोपरि

भारत की पुरातन परंपरा में नारी शक्ति का महत्व सर्वोपरि रहा है। भारत के पुराने इतिहास की बात करें तो भारतीय महिलाएं न केवल पुरुषों की बराबरी करती रही हैं बल्कि कई मामलों में तो भारत की महिलाएं पुरुषों से आगे रही हैं। विदेशी आक्रमणकारियों की गंदी नीतियों के कारण भारत की महिलाओं का बड़ा नुकसान हुआ और धीरे-धीरे भारत की महिलाएं घरों की चारदीवारों में कैद होती चली गई। समय ने करवट ली है अब भारत की महिलाएं तेजी के साथ घरों की चारदीवारी से बाहर निकल रही हैं। दुनिया के हर क्षेत्र में भारत की महिलाएं अपनी क्षमता साबित कर रही हैं। इसी कड़ी में भारत की आधी आबादी के रूप में परिभाषित भारत के नारी शक्ति को भारतीय सेना के मोर्चे पर तैनात किया जा रहा है। जिस गति से भारत की सेना में महिलाओं की संख्या बढ़ानी चाहिए थी वह अभी तक नहीं हो पाया है किंतु धीरे-धीरे भारत की सेना में महिलाओं का बोलबाला बढ़ रहा है।

हर मोर्चे पर होगी महिलाएं

भारतीय संस्कृति में युगों से महिलाएं साहस और शक्ति का प्रतीक मानी जाती रही हैं। पर दुर्भाग्य से दसवीं सदी से लेकर 19वीं सदी तक गुलामी के समय विदेशी शासकों ने भारतीय नारियों पर अत्याचार करने शुरू किए, जिसके कारण वे घरों में पर्दे में रहने के लिए मजबूर हुईं। लेकिन आजादी के बाद भारतीय महिलाओं को अच्छी शिक्षा और विकास के सारे अवसर मिले, जिससे उन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा, प्रशासन, शिक्षा तथा अन्य क्षेत्रों में पुरुषों के बराबर योगदान देना शुरू किया। आज हर क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर भारत की उन्नति में अपना योगदान दे रही हैं। लेकिन आजादी के बाद भी काफी समय तक सैन्य सेवा का अवसर पुरुषों को ही मिलता रहा। वर्ष 1992 में भारत सरकार ने सेना में महिलाओं को अफसर बनाने के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी और इसके बाद थल सेना में अल्पकालिक सेवा आयोग स्कीम द्वारा महिलाओं को दस वर्ष की आवश्यक सेवा के बाद चार साल की अतिरिक्त सेवा का अवसर प्रदान किया जाता है। Women Empowerment दस साल की सेवा के बाद इनमें चयनित महिला अफसरों को नियमित पूर्णकालीन सेवा का अवसर भी मिलता है। वर्ष 1992 से लेकर 2023 तक 6,993 महिला अफसर तथा 100 महिलाएं सैनिक के रूप में अब तक अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। अब अग्निवीर योजना के तहत अकेले नौसेना में एक हजार अग्निवीर महिलाओं की भर्ती की जा रही है। सैन्य सेवा में महिलाओं के प्रदर्शन और लगन को महिलाओं को देखते हुए 2023 से उन्हें नियमित स्थायी कमीशन स्कीम के तहत भारतीय रक्षा अकादमी खडक़वासला पुणे में भर्ती किया गया, जहां से वे पुरुषों की तरह ट्रेनिंग पूरी करके भारतीय रक्षा अकादमी देहरादून से पूरी सेवा के लिए अफसर बनेंगी। शुरू में इन्हें थल सैना में लिया जाता था, परंतु कुछ समय बाद ही महिलाओं को वायुसेना तथा नौसेना में भी सेवा का अवसर मिलने लगा है। थल सेना में इन्फेंट्री तथा आम्र्ड कोर (टैंक कोर) दुश्मन से आमने-सामने का युद्ध लड़ती है और युद्ध में कभी-कभी दुश्मन सैनिकों के साथ द्वंद्व युद्ध और हाथापाई तक की नौबत आ जाती है। उल्लेखनीय है कि 1971 के युद्ध में फाजिल्का की सीमा पर भारत के मेजर नारायण सिंह ने पाकिस्तान के मेजर शरीफ के साथ कुश्ती लड़ी थी और कुछ वर्ष पहले 2019 में गलवान में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच लाठी-डंडों से युद्ध लड़ा गया था। इसे देखते हुए इन्फेंट्री और आम्र्ड कोर के अलावा सेना के अन्य 11 विभागों-इंजीनियरिंग, सिग्नल, आर्मी सर्विस कोर, आर्मी ऑर्डिनेंस कोर इत्यादि में महिलाओं को अफसर के रूप में सेवा के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। महिलाओं को सैनिक के रूप में आर्मी सर्विस कोर, आर्मी ऑर्डिनेस तथा मिलिट्री पुलिस इत्यादि में भर्ती हो रही है। वहीं पर वायु और नौसेना की सेवा में दुश्मन से सीधा आमना सामना न होने कारण इन्हें बिना लैंगिक भेदभाव के हर विभाग में सेवा का पूरा अवसर प्रदान किया जाता है। अब तक थलसेना में 120 महिलाओं को कर्नल के पद के लिए चयनित किया है।यह देश के लिए गर्व का विषय है कि संयुक्त राष्टï्र द्वारा विभिन्न देशों में भेजे गए भारत के शांति दलों में 20 फीसदी महिला अधिकारी हैं। सेना में महिलाओं की कॅरिअर प्लानिंग के लिए भारत सरकार ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया है कि योजनाबद्ध तरीके से महिला सैनिक अधिकारियों के कॅरिअर की प्रगति पर एक विस्तृत नीति बनाई जा रही है, जिसे 31 मार्च तक तैयार कर लिया जाएगा। इससे महिलाओं के लिए सेना की यूनिटों में कमान संभालने के अवसरों तथा कॅरिअर के लिए विस्तृत प्रणाली उपलब्ध होगी। Women Empowerment पिछले साल वृंदावन के वत्सल ग्राम में साध्वी ऋतंभरा ने देश का पहला महिला सैनिक स्कूल स्थापित किया है, जिसका उद्घाटन भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया था। लडक़ों के लिए देश के हर राज्य में सैनिक स्कूल हैं, परंतु लड़कियों को सेना में प्रवेश के लिए तैयार करने वाला वृंदावन में यह पहला स्कूल खोला गया है। ज्यादा से ज्यादा लड़कियों को सैनिक सेवा के लिए एनसीसी तथा सैनिक और मिलिट्री स्कूलों द्वारा तैयार किए जाने से भारत की प्रथम और द्वितीय श्रेणी की सुरक्षा प्रणाली भी मजबूत की जा सकती है।

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भारत में कोई नहीं रहेगा बेरोजगार, अकेले डिजिटल सेक्टर में मिलेगी 8 करोड़ नौकरी

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Jobs in Digital Sector
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 01:35 PM
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Jobs in Digital Sector : भारत के युवा वर्ग के लिए बेहतरीन खबर सामने आई है। खबर यह है कि अगले 6 वर्षों के बाद भारत में कोई भी पढ़ा-लिखा युवक अथवा युवती बेरोजगार नहीं रहेगा। भारत के पढ़े-लिखे बेरोजगारों को अगले 6 वर्षों में आठ करोड़ नौकरी तो अकेला डिजिटल सेक्टर ही देने वाला है। भारत के युवाओं के लिए यह अच्छी खबर अलग सर्वे तथा स्टडी में सामने आई है। भारत के सूचना तथा प्रसारण मंत्रालय के सचिव ने दावा किया है कि भारत का डिजिटल मीडिया 30 प्रतिशत की दर से शानदार विकास कर रहा है।

Jobs in Digital Sector

अकेले डिजिटल सेक्टर में नौकरियों का अंबार

भारत के युवा वर्ग में रोजगार को लेकर हमेशा से ही चिंता रही है। भारत में तेजी से बढ़ रहे डिजिटल मीडिया सेक्टर ने इस चिंता को काफी हद तक खत्म करने के संकेत दिए हैं। विशेषज्ञों की बात को माने तो भारत में डिजिटल सेक्टर भारत के युवा वर्ग की बेरोजगारी की समस्या को खत्म करने वाला है। स्टेट ऑफ वर्किंग इंडिया 2023 की रिपोर्ट के अनुसार देश में 25 साल से कम उम्र के 42 प्रतिशत ग्रेजुएट युवा बेरोजगार हैं। अगर आप भी ग्रेजुएशन के बाद रोजगार की तलाश में हैं तो डिजिटल सेक्टर आपके लिए एक बेहतर कॅरियर विकल्प साबित हो सकता है। इंडिया स्किल्स रिपोर्ट 2024 के अनुसार डिजिटल सेक्टर में 2027 तक 6.9 करोड़ नौकरियां निकलेंगी। वहीं विश्व आर्थिक मंच के अनुसार डिजिटल सेक्टर की उभरती स्किल्स के जरिये आगामी 5-6 वर्षों में 8.3 करोड़ जॉब के अवसर मिलेंगे।

 भारत को रोजगारयुक्त बनाएगा डिजिटल मीडिया

भारत के सूचना तथा प्रसारण विभाग के सचिव संजय जाजू ने कहा है कि भारत को बेरोजगारी की समस्या से छुटकारा दिलाने में डिजिटल मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। भारत के सूचना तथा प्रसारण सचिव संजय जाजू मंगलवार को मुंबई के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में भारत सरकार के सूचना सचिव संजय जाजू ने कहा कि भारत को सॉफ्ट पावर बनाने में मीडिया और मनोरंजन (एम एंड ई) क्षेत्र की अहम भूमिका है। इस क्षेत्र में विकास और रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। यह हमारी अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सामूहिक सहभागिता आवश्यक है। जाजू ने कहा कि भारत इस समय डिजिटल परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। ऑनलाइन मीडिया सामग्री की क्षे उपलब्धता के कारण मीडिया और भारत मनोरंजन क्षेत्र में भी तेजी से बदलाव आया है। देश में 90 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता, 60 करोड़ से अधिक स्मार्टफोन और 4 करोड़ से अधिक कनेक्टेड टीवी हैं। यह उद्योग अपनी रचनात्मकता, नवीनता और सांस्कृतिक समृद्धि के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र हमारी अर्थव्यवस्था में गुणांक के रूप में वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जाजू ने कहा कि फिक्की-अर्नेस्ट एंड यंग रिपोर्ट के अनुसार, देश के डिजिटल मीडिया सेगमेंट में साल-दर- साल 30 प्रतिशत की भारी वृद्धि देखी गई है। ओटीटी सेगमेंट की वृद्धि ने इस क्षेत्र में वास्तविक बदलाव लाया है। इस समय देश में करीब 60 ओटीटी प्लेटफॉर्म काम कर रहे हैं और इनमें से कई क्षेत्रीय भाषाओं में कार्यक्रम प्रसारित कर रहे हैं। भारत में ओटीटी सेगमेंट का मौजूदा कारोबार 10 हजार करोड़ रुपये का है।

पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में नोएडा STF की बड़ी कार्रवाई, बर्खास्त वायुसेना कर्मी को दबोचा

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