चेतना मंच की खबर का असर : नोट गिनते हुए वीडियो वायरल होने के बाद कोतवाल लाइन हाजिर

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Kotwal line spot after note counting video went viral
locationभारत
userचेतना मंच
calendar24 May 2023 07:16 PM
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बुलंदशहर। चेतना मंच की खबर के कारण ककोड़ कोतवाल को लाइन हाजिर कर दिया गया। एसएसपी ने प्राथमिक जांच के बाद लाइन हाजिर किए जाने के आदेश दिए हैं। ककोड़ कोतवाल का नोट गिनते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। इसी वीडियो के वायरल होने के बाद जांच की गई। जांच के बाद यह एक्शन लिया गया है।

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वायरल वीडियो में नोट गिन रहे थे ककोड़ कोतवाल दरअसल, मामला बीते दिनों का है। ककोड़ कोतवाल रामवीर सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था। इस वीडियो में कोतवाल रामवीर सिंह 2000 और 500 के नोट गिनते नजर आ रहे थे। आरोप था कि रामवीर सिंह ने दो पक्षों के बीच विवाद का फैसला करने के लिए 80 हजार की रिश्वत मांगी थी। ककोड़ कोतवाल रामवीर सिंह का कहना है कि आरोप झूठे हैं। दो पक्षों में विवाद हुआ था, जिसके बाद एक पक्ष दूसरे पक्ष को पैसे दे रहा था। वायरल वीडियो में ककोड़ कोतवाल पैसे गिन रहे थे। बराबर में एक शख्स बैठा था, जिसके हाथ में 500 के नोटों की गड्डी थी। दो अन्य लोग भी कोतवाल के पास बैठे हुए थे। वीडियो वायरल होने के बाद बुलंदशहर एसएसपी श्लोक कुमार ने एसपी सिटी सुरेंद्र नाथ तिवारी को मामले की जांच के आदेश दिए थे।

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चेतना मंच ने प्रकाशित की थी खबर अब मामले की प्राथमिक जांच के बाद एक्शन लिया गया है। दरअसल, मामले की प्राथमिक जांच पूरी होने के बाद ककोड़ कोतवाल रामवीर सिंह को लाइन हाजिर किया गया है। चेतना मंच ने इस खबर को प्रमुखता से आपके सामने रखा था। भ्रष्टाचार को उजागर करने वाली खबर का शासन पर असर हुआ, जिसके बाद बुलंदशहर एसएसपी श्लोक कुमार ने ककोड़ कोतवाल रामवीर सिंह को लाइन हाजिर किया है। उत्तर प्रदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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पिता की हत्या से पैदा हुए जुनून ने बना दिया IAS अफसर, बजरंग की सफलता का है ये राज

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UPSC Topper Bajrang Yadav
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:04 AM
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UPSC Topper Bajrang Yadav : एक शायर का शेर है, ''मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है। पंख से कुछ नहीं होता, हौंसलों से उड़ान होती है।।'' जी हां इस शेर को मूर्त रुप देने का काम किया है यूपी के बस्ती जनपद के रहने वाले बजरंग यादव ने। उन्होंने देश के सर्वोच्च एवं प्रतिष्ठित यूपीएससी की परीक्षा पास करके अपने सपनों को उड़ान देने का काम किया है। बजरंग यादव ने यूपीएससी परीक्षा में 454वीं रैंक हासिल की है। दरअसल, पिता की हत्या के बाद बजरंग यादव में IAS अफसर बनने का जुनून पैदा हो गया और अपने जुनून को उन्होंने मंगलवार को साकार कर दिया है।

UPSC Topper Bajrang Yadav

पिता की हत्या के बाद आईएएस बनने की ठानी

UPSC की परीक्षा में 454वीं रैंक हासिल करने वाले बस्ती के बजरंग यादव की कहानी बेहद ही दिलचस्प है। उनके लिए यह परीक्षा पास करना आसान नहीं था, लेकिन उनके पिता की हत्या के बाद उनमें आईएएस अफसर बनने का जुनून सवार हो गया है। आपको बता दें कि बजरंग यादव के पिता राजेश यादव पेश से किसान थे। वह गांव में ही खेती करके अपना गुजर बसर करने के साथ साथ गरीबों की मदद करते थे, लेकिन गांव के कुछ दबंगों को यह कतई पसंद नहीं आया कि राजेश यादव असहाय लोगों की मदद करे। वर्ष 2020 में दबंगों ने बजरंग के पिता राजेश यादव की हत्या कर दी थी। जिसके बाद बजरंग यादव में एक जुनून पैदा हो गया कि वह हर हाल में आईएएस अफसर बनेंगे। इसके बाद उन्होंने मेहनत करना शुरू कर दिया। उनकी मेहनत रंग लाई और UPSC एग्‍जाम में पूरे देश में 454वीं रैंक मिली।

मां है गांव की ग्राम प्रधान

मंगलवार को यूपीएससी परीक्षा 2022 में बहादुरपुर विकास क्षेत्र के धोबहट गांव निवासी बजरंग प्रसाद यादव ने 454 वां स्थान प्राप्त किया है। बजरंग की मां कुसुमकला धोबहट ग्राम पंचायत की ग्राम प्रधान हैं। बजरंग के 4 भाई और एक बहन हैं जिसमें अम्बिका यादव घर का काम देखते हैं। अरविंद यादव इंटरमीडिएट की परीक्षा पास दे रहे हैं और विकास ने अभी 8वीं की परीक्षा पास की है। बहन अभी दो माह पूर्व देश की सेवा के लिए आर्मी में मैटेरियल असिस्टेंट के पद पर भर्ती हुई हैं। बजरंग की इस सफलता पर घर में दादी रेशमा देवी, चाचा दिनेश यादव, चाचा उमेश यादव, चाची सुमनदेवी और मंजू देवी ने खुशी जताई है।

बजरंग यादव की प्राथमिक शिक्षा

बजरंग प्रसाद यादव की प्राथमिक शिक्षा गांव से ही हुई। 10वीं की परीक्षा लिटिल फ्लावर स्कूल कलवारी व इंटरमीडिएट की परीक्षा उर्मिला एजुकेशनल एकेडमी बस्ती से हुई। साल 2019 में बीएससी मैथ से इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से की और UPSC की तैयारी दिल्ली में कर रहे थे। बजरंग की इस सफलता के बाद लोगों में खुशी का माहौल है।

असहायों की मदद को ही बताया लक्ष्‍य

बजरंग यादव ने कहा कि गरीब और असहायों की सेवा करना है ही मेरा लक्ष्य है। उन्‍होंने कहा कि मेरे पिता के साथ जो घटना हुईख्‍ उसमें मैंने यह पाया कि एक बड़ा अधिकारी ही गरीब और असहायों की मदद कर सकता है। एक मसले को हल करने के लिए हर कोई IAS तो नहीं बन सकता, लेकिन एक व्यक्ति IAS बनकर कई मसलों को हल कर सकता है। UPSC Topper Bajrang Yadav

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UPSC Exam : हाथ-पांव खो देने के बावजूद कामयाबी के आसमान पर चमका 'सूरज'

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UPSC Exam: Despite losing hands and legs, the 'sun' shines on the sky of success
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 06:47 PM
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सैय्यद अबू साद UPSC Exam : मैनपुरी। प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। इसके आगे सारी समस्याएं बौनी हैं। इस बात को सही साबित कर दिखाया है मैनपुरी के सूरज तिवारी ने। सूरज के दोनों पैर नहीं हैं, एक हाथ भी नहीं और एक हाथ की दो उंगलियां भी नहीं हैं, बावजूद इसके सूरज ने यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा में क्वालीपाई किया है और 917वीं रैंक हासिल की है।

UPSC Exam :

  आईएएस बनने का सपना पूरा किया सूरज के पिता मैनपुरी में एक दर्जी का काम करते हैं। सूरज के ऊपर क्या नहीं बीती, लेकिन हार ना मानकर उसने लड़ने का फैसला लिया। सूरज ने आर्थिक स्थिति और दिव्यांगता को अपने रास्ते में मुश्किल नहीं बनने दिया और अपनी मंजिल पा ली। दरअसल एक ट्रेन हादसे में सूरज ने दोनों पैर और दायां हाथ, दूसरे हाथ की दो उंगलियां गंवा दी थीं। बावजूद इसके मैनपुरी के सूरज तिवारी देश की सबसे प्रतिष्ठित भारतीय प्रशासनिक परीक्षा में किसी सितारे की तरह चमके। आज उनका यूपीएससी पास करने का सपना पूरा हो गया है। ट्रेन हादसे में हुए दिव्यांग एक समय डिप्रेशन के शिकार हो चुके दर्जी पिता की संतान सूरज ने अपने हौसलों और जिद से नया प्रतिमान गढ़ा है। उनकी कहानी किसी को भी आगे बढ़ने का हौसला दे सकती है। सूरज के पिता मैनपुरी निवासी राजेश तिवारी पेशे से दर्जी हैं। सूरज तिवारी उनके छोटे पुत्र हैं। 29 जनवरी 2017 को सूरज के बड़े भाई राहुल ने जान दी तो परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। परिवार हादसे से उबरने की कोशिश कर ही रहा था कि 27 मई 2017 को सूरज के साथ हुए भीषण ट्रेन हादसे ने पूरे परिवार की उम्मीदों को तोड़ दिया। दिल्ली से घर आते समय बादलपुर रेलवे स्टेशन पर भीड़ के दबाब में उनका पैर फिसला तो वह ट्रेन की चपेट में आ गए और उनके दोनों पैर, दायां हाथ और बाएं हाथ की अंगुलियां कट गईं। [caption id="attachment_91093" align="aligncenter" width="402"]UPSC Exam: Despite losing hands and legs, the 'sun' shines on the sky of success Suraj tiwari[/caption] बेटे ने किया नाम रोशन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बाद भी सूरज ने अपनी दिव्यांगता के साथ ही अपनी मंजिल की ओर बढ़ना शुरू कर दिया और आज उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। सूरज की इस सफलता से जहां एक तरफ उनका परिवार और रिश्तेदार काफी खुश हैं। वहीं जिले के लोग भी सूरज की सफलता का लोहा मान रहे हैं। सूरज के पिता ने बेटे की सफलता पर कहा कि जब लोगों ने मुझे इसकी जानकारी दी तो मुझे तो विश्वास ही नहीं हुआ। मुझे गर्व है कि मेरे बेटे ने आज हमारे परिवार और जिले का नाम रोशन कर दिया है।

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