चेतना मंच की खबर का असर : नोट गिनते हुए वीडियो वायरल होने के बाद कोतवाल लाइन हाजिर




UPSC Topper Bajrang Yadav : एक शायर का शेर है, ''मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है। पंख से कुछ नहीं होता, हौंसलों से उड़ान होती है।।'' जी हां इस शेर को मूर्त रुप देने का काम किया है यूपी के बस्ती जनपद के रहने वाले बजरंग यादव ने। उन्होंने देश के सर्वोच्च एवं प्रतिष्ठित यूपीएससी की परीक्षा पास करके अपने सपनों को उड़ान देने का काम किया है। बजरंग यादव ने यूपीएससी परीक्षा में 454वीं रैंक हासिल की है। दरअसल, पिता की हत्या के बाद बजरंग यादव में IAS अफसर बनने का जुनून पैदा हो गया और अपने जुनून को उन्होंने मंगलवार को साकार कर दिया है।
UPSC की परीक्षा में 454वीं रैंक हासिल करने वाले बस्ती के बजरंग यादव की कहानी बेहद ही दिलचस्प है। उनके लिए यह परीक्षा पास करना आसान नहीं था, लेकिन उनके पिता की हत्या के बाद उनमें आईएएस अफसर बनने का जुनून सवार हो गया है। आपको बता दें कि बजरंग यादव के पिता राजेश यादव पेश से किसान थे। वह गांव में ही खेती करके अपना गुजर बसर करने के साथ साथ गरीबों की मदद करते थे, लेकिन गांव के कुछ दबंगों को यह कतई पसंद नहीं आया कि राजेश यादव असहाय लोगों की मदद करे। वर्ष 2020 में दबंगों ने बजरंग के पिता राजेश यादव की हत्या कर दी थी। जिसके बाद बजरंग यादव में एक जुनून पैदा हो गया कि वह हर हाल में आईएएस अफसर बनेंगे। इसके बाद उन्होंने मेहनत करना शुरू कर दिया। उनकी मेहनत रंग लाई और UPSC एग्जाम में पूरे देश में 454वीं रैंक मिली।
मंगलवार को यूपीएससी परीक्षा 2022 में बहादुरपुर विकास क्षेत्र के धोबहट गांव निवासी बजरंग प्रसाद यादव ने 454 वां स्थान प्राप्त किया है। बजरंग की मां कुसुमकला धोबहट ग्राम पंचायत की ग्राम प्रधान हैं। बजरंग के 4 भाई और एक बहन हैं जिसमें अम्बिका यादव घर का काम देखते हैं। अरविंद यादव इंटरमीडिएट की परीक्षा पास दे रहे हैं और विकास ने अभी 8वीं की परीक्षा पास की है। बहन अभी दो माह पूर्व देश की सेवा के लिए आर्मी में मैटेरियल असिस्टेंट के पद पर भर्ती हुई हैं। बजरंग की इस सफलता पर घर में दादी रेशमा देवी, चाचा दिनेश यादव, चाचा उमेश यादव, चाची सुमनदेवी और मंजू देवी ने खुशी जताई है।
बजरंग प्रसाद यादव की प्राथमिक शिक्षा गांव से ही हुई। 10वीं की परीक्षा लिटिल फ्लावर स्कूल कलवारी व इंटरमीडिएट की परीक्षा उर्मिला एजुकेशनल एकेडमी बस्ती से हुई। साल 2019 में बीएससी मैथ से इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से की और UPSC की तैयारी दिल्ली में कर रहे थे। बजरंग की इस सफलता के बाद लोगों में खुशी का माहौल है।
बजरंग यादव ने कहा कि गरीब और असहायों की सेवा करना है ही मेरा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि मेरे पिता के साथ जो घटना हुईख् उसमें मैंने यह पाया कि एक बड़ा अधिकारी ही गरीब और असहायों की मदद कर सकता है। एक मसले को हल करने के लिए हर कोई IAS तो नहीं बन सकता, लेकिन एक व्यक्ति IAS बनकर कई मसलों को हल कर सकता है। UPSC Topper Bajrang Yadav
UPSC Topper Bajrang Yadav : एक शायर का शेर है, ''मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है। पंख से कुछ नहीं होता, हौंसलों से उड़ान होती है।।'' जी हां इस शेर को मूर्त रुप देने का काम किया है यूपी के बस्ती जनपद के रहने वाले बजरंग यादव ने। उन्होंने देश के सर्वोच्च एवं प्रतिष्ठित यूपीएससी की परीक्षा पास करके अपने सपनों को उड़ान देने का काम किया है। बजरंग यादव ने यूपीएससी परीक्षा में 454वीं रैंक हासिल की है। दरअसल, पिता की हत्या के बाद बजरंग यादव में IAS अफसर बनने का जुनून पैदा हो गया और अपने जुनून को उन्होंने मंगलवार को साकार कर दिया है।
UPSC की परीक्षा में 454वीं रैंक हासिल करने वाले बस्ती के बजरंग यादव की कहानी बेहद ही दिलचस्प है। उनके लिए यह परीक्षा पास करना आसान नहीं था, लेकिन उनके पिता की हत्या के बाद उनमें आईएएस अफसर बनने का जुनून सवार हो गया है। आपको बता दें कि बजरंग यादव के पिता राजेश यादव पेश से किसान थे। वह गांव में ही खेती करके अपना गुजर बसर करने के साथ साथ गरीबों की मदद करते थे, लेकिन गांव के कुछ दबंगों को यह कतई पसंद नहीं आया कि राजेश यादव असहाय लोगों की मदद करे। वर्ष 2020 में दबंगों ने बजरंग के पिता राजेश यादव की हत्या कर दी थी। जिसके बाद बजरंग यादव में एक जुनून पैदा हो गया कि वह हर हाल में आईएएस अफसर बनेंगे। इसके बाद उन्होंने मेहनत करना शुरू कर दिया। उनकी मेहनत रंग लाई और UPSC एग्जाम में पूरे देश में 454वीं रैंक मिली।
मंगलवार को यूपीएससी परीक्षा 2022 में बहादुरपुर विकास क्षेत्र के धोबहट गांव निवासी बजरंग प्रसाद यादव ने 454 वां स्थान प्राप्त किया है। बजरंग की मां कुसुमकला धोबहट ग्राम पंचायत की ग्राम प्रधान हैं। बजरंग के 4 भाई और एक बहन हैं जिसमें अम्बिका यादव घर का काम देखते हैं। अरविंद यादव इंटरमीडिएट की परीक्षा पास दे रहे हैं और विकास ने अभी 8वीं की परीक्षा पास की है। बहन अभी दो माह पूर्व देश की सेवा के लिए आर्मी में मैटेरियल असिस्टेंट के पद पर भर्ती हुई हैं। बजरंग की इस सफलता पर घर में दादी रेशमा देवी, चाचा दिनेश यादव, चाचा उमेश यादव, चाची सुमनदेवी और मंजू देवी ने खुशी जताई है।
बजरंग प्रसाद यादव की प्राथमिक शिक्षा गांव से ही हुई। 10वीं की परीक्षा लिटिल फ्लावर स्कूल कलवारी व इंटरमीडिएट की परीक्षा उर्मिला एजुकेशनल एकेडमी बस्ती से हुई। साल 2019 में बीएससी मैथ से इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से की और UPSC की तैयारी दिल्ली में कर रहे थे। बजरंग की इस सफलता के बाद लोगों में खुशी का माहौल है।
बजरंग यादव ने कहा कि गरीब और असहायों की सेवा करना है ही मेरा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि मेरे पिता के साथ जो घटना हुईख् उसमें मैंने यह पाया कि एक बड़ा अधिकारी ही गरीब और असहायों की मदद कर सकता है। एक मसले को हल करने के लिए हर कोई IAS तो नहीं बन सकता, लेकिन एक व्यक्ति IAS बनकर कई मसलों को हल कर सकता है। UPSC Topper Bajrang Yadav

Suraj tiwari[/caption]
बेटे ने किया नाम रोशन
आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बाद भी सूरज ने अपनी दिव्यांगता के साथ ही अपनी मंजिल की ओर बढ़ना शुरू कर दिया और आज उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। सूरज की इस सफलता से जहां एक तरफ उनका परिवार और रिश्तेदार काफी खुश हैं। वहीं जिले के लोग भी सूरज की सफलता का लोहा मान रहे हैं। सूरज के पिता ने बेटे की सफलता पर कहा कि जब लोगों ने मुझे इसकी जानकारी दी तो मुझे तो विश्वास ही नहीं हुआ। मुझे गर्व है कि मेरे बेटे ने आज हमारे परिवार और जिले का नाम रोशन कर दिया है।
Suraj tiwari[/caption]
बेटे ने किया नाम रोशन
आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बाद भी सूरज ने अपनी दिव्यांगता के साथ ही अपनी मंजिल की ओर बढ़ना शुरू कर दिया और आज उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। सूरज की इस सफलता से जहां एक तरफ उनका परिवार और रिश्तेदार काफी खुश हैं। वहीं जिले के लोग भी सूरज की सफलता का लोहा मान रहे हैं। सूरज के पिता ने बेटे की सफलता पर कहा कि जब लोगों ने मुझे इसकी जानकारी दी तो मुझे तो विश्वास ही नहीं हुआ। मुझे गर्व है कि मेरे बेटे ने आज हमारे परिवार और जिले का नाम रोशन कर दिया है।