Friday, 15 November 2024

Hyderabad Salar Jung Museum: “सालार जंग”मीर यूसुफ़ अली खान, जिसने जीवन भर की कमाई लगा दी इस संग्रहालय में

  Hyderabad Salar Jung Museum:  तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद मे सालारजंग म्यूजियम एक कला संग्रहालय है । मुसी नदी के…

Hyderabad Salar Jung Museum: “सालार जंग”मीर यूसुफ़ अली खान, जिसने जीवन भर की कमाई लगा दी इस संग्रहालय में

 

Hyderabad Salar Jung Museum:  तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद मे सालारजंग म्यूजियम एक कला संग्रहालय है । मुसी नदी के तट पर सालार जंग संग्रहालय दारुशिफा में स्थित देश के तीन राष्ट्रीय संग्रहालयों में से एक है। जिसमें उपलब्ध अधिकांश कलाकृतियों को संजोने का श्रेय Mir Yousuf Ali Khan,(मीर यूसुफ़ अली खान), जिसे सालारजंग तृतीय नाम से जाना जाता है, को जाता है। सालार जंग दस लाख से अधिक चित्रों, मूर्तियों, नक्काशी, पांडुलिपियों और कलाकृतियों के साथ, संग्रहालय कला संग्रहों का भंडार है।

सालार जंग
सालार जंग

सालार जंग हैदराबाद जिसमे देखने को मिलती है अनोखी कला और संस्कृति

इस संग्रहालय मे कुछ दुर्लभ और मूल्यवान चीजें देखने को मिलती है । इस संग्रहालय मे 40,000 से भी अधिक कलाकृतियां प्रदर्शित की गयी हैं जिनको धैर्य पूर्वक देखने के लिये एक सप्ताह का समय भी कम ही है। यह म्यूजियम जिन सालारजंग तृतीय ने बनवाया वह हैदराबाद के निज़ाम के जमाने में राज्य के दीवान (प्रधानमंत्री) थे और अपनी अपनी आय का अधिकांश भाग देश विदेश से दुर्लभ कलाकृतियां खरीदने में ही व्यय करते थे। यूसुफ अली खान ने दुर्लभ और कीमती कला वस्तुओं को इकट्ठा करने के प्रतिष्ठित पद को भी त्याग दिया था।

salar jung museum
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Hyderabad Salar Jung Museum:  इस संग्रहालय को भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, 16 दिसंबर, 1951 द्वारा आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक रूप से आरंभ करके जनता के लिए खोला गया था। इस संग्रह में वील्ड रेबेका की एक संगमरमर की मूर्ति है, जिसे सलारजंग – I द्वारा रोम से लाया गया था। इसके अलावा, हाथी दांत से बनी कुर्सियों का एक जोड़ा है, जिसे फ्रांस के लुईस – XVI ने मैसूर के टीपू सुल्तान को उपहार में दिया गया था।  इस संग्रहालय में हरे पत्‍थर से बना एक बुक-स्टैंड, ‘रेहल’ जिस पर ‘शमसुद्दीन अल्तमिश’ का नाम लिखा है, एक निशानेबाज की अंगूठी है, जिस पर ‘साहिब-ए-किरण-ए-सनी’ मुगल सम्राट शाहजहां का नाम लिखा गया है, शामिल हैं। संग्रहालय में कई बेशकीमती मूर्तियां हैं। डबल स्टैच्यू ऑफ मेफिस्टोफेल्स और मार्गरेटा एव संग्रहालय का सबसे बड़ा आकर्षण संगीत की घड़ी है।

Hyderabad Salar Jung Museum:  संग्रहालय की बनावट:

सालार जंग संग्रहालय एक भव्य सफेद संरचना के साथ अर्धवृत्ताकार आकार का है।इस शानदार इमारत को 38 दीर्घाओं में विभाजित किया गया है।यह दो मंजिलों में फैली हुई है।इसमे तीन भवन हैं । उसमे पूर्वी ब्लॉक (मीर लाइक अली खान भवन), पश्चिमी ब्लॉक (मीर तुराब अली खान भवन) और भारतीय ब्लॉक। ज्यादातर दीर्घाएं, 27 संग्रहालय के केंद्रीय ब्लॉक में हैं।

संग्रहालय की कलाकृतियां:

salar jung museum
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संग्रहालय में संग्रह ग्रीक से लेकर बौद्ध संस्कृति तक विभिन्न संस्कृतियों के संग्रह हैं। उस संग्रहों को भारतीय कला, मध्य-पूर्व कला और सुदूर-पूर्वी कला जैसे अलग वर्गों में बॉटा गया है।भारतीय कला वस्तुओं में पत्थर की मूर्तियां, कांस्य प्रतिमा, चित्रित वस्त्र (कलामरकारी), लकड़ी के नक्काशी, जेड नक्काशी, धातु के बर्तन, पांडुलिपियों हथियार और कवच आदि शामिल हैं।

salar jung museum
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यहां की कला में चीनी मिट्टी के बरतन, कांस्य, तामचीनी, लाक्वेयर वेयर, कढ़ाई, पेंटिंग, लकड़ी और जड़ना का काम शामिल है। इस संग्रह में हरे पत्‍थर से बना एक बड़ा चाकू और फल काटनेवाला एक चाकू भी शामिल हैं, जिन्‍हें कीमती पत्थरों से सजाया गया है । इस संग्रहलय में पक्षियों को पिंजरे में कैद रखी घड़ियां, ब्रैकेट – घड़ियां, परदादा – घड़ियां, कंकाल – घड़ियों इत्यादि शामिल हैं।

संग्रहालय का समय और टिकट:

सालार जंग संग्रहालय का समय बताए तो शुक्रवार को छोड़कर सभी दिनों में खुला रहता है। उसको हर सुबह 10 बजे से पर्यटकों को देखने के लिए खोल दिया जाता है। और शाम 5 बजे तक उसको खुला रखा जाता है।

salar jung museum
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सालार जंग संग्रहालय मे प्रति व्यक्ति प्रवेश शुल्क 20 रुपये है ।उसमे 18 वर्ष के कम उम्र के बच्चों के लियें निशुल्क प्रवेश है इसके लियें बच्चों को अपना पहचान पत्र दिखाना जरुरी।उसमे प्रवेश के लिए आर्मी कर्मियों के लिए 50% की छूट है। यहाँ विदेशी पर्यटकों के प्रवेश के लिए 500 रुपये प्रति व्यक्ति कीमत है।यहां आपको फोटो क्लिक करने के लियें अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है जो 50 रुपये है ।

बबीता आर्या

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