Bangladesh : बांग्लादेश (Bangladesh) में हिंदुओं के खिलाफ हो रही बढ़ती हिंसा को लेकर अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। यह शिकायत ICC के अनुच्छेद 15 के तहत दायर की जाएगी, जिसमें हत्याओं, उत्पीड़न और अल्पसंख्यकों के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं। बांग्लादेश में यह हिंसा खासकर शेख हसीना के तख्तापलट के बाद बढ़ी है, और इसने देश की कानून व्यवस्था को भी प्रभावित किया है।
बांग्लादेश (Bangladesh) में हिंसा और अत्याचार
शेख हसीना के शासन के बाद, बांग्लादेश (Bangladesh) में अल्पसंख्यकों, पत्रकारों और अन्य कमजोर वर्गों के खिलाफ अत्याचार आम हो गए हैं। हिंदू समुदाय को निशाना बनाकर मंदिरों को तोड़ा जा रहा है और उन्हें हिंसा का शिकार बनाया जा रहा है। भारत ने कई बार बांग्लादेश सरकार को अलर्ट किया है, लेकिन यूनुस प्रशासन ने इन चेतावनियों की अनदेखी की। इसके परिणामस्वरूप, अब यूनुस प्रशासन को ICC में जवाबदेह ठहराए जाने का खतरा बढ़ गया है।
ICC में शिकायत और अनुच्छेद 15
स्टीवन पॉवेल्स के.सी. और डौटी स्ट्रीट चैंबर्स के वकील ICC के अनुच्छेद 15 के तहत शिकायत तैयार कर रहे हैं। अनुच्छेद 15 के तहत, ICC अभियोजक को अपराधों की जांच की मांग की जा सकती है। अगर ICC अभियोजक जांच के आदेश देते हैं, तो यूनुस प्रशासन को गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ेगा। यह शिकायत उन हिंसक घटनाओं पर आधारित होगी, जो 8 अगस्त 2024 को यूनुस के सत्ता संभालने के बाद बांग्लादेश में हुईं।
हिंसा के गंभीर आरोप
इन आरोपों में पत्रकारों, पुलिस अधिकारियों और अवामी लीग से जुड़े लोगों पर हमले, झूठे आरोपों में जेल भेजना, और अनियंत्रित भीड़ द्वारा हिंसा फैलाने की घटनाएं शामिल हैं। इसके अलावा, बांग्लादेश (Bangladesh) में हिंदू समुदाय के खिलाफ धार्मिक हिंसा भड़काने, मंदिरों को तोड़ने और हमले करने के आरोप भी हैं। इन अपराधों के अपराधियों के खिलाफ यूनुस सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
बांग्लादेश(Bangladesh) में मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप
ICC के अनुच्छेद 15 के तहत संचार की प्रक्रिया के लिए बांग्लादेश में हुई हिंसा के पीड़ितों और गवाहों से साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। इन हमलों की व्यवस्थित प्रकृति से यह साफ दिखता है कि यह बड़ी योजना का हिस्सा थे और ये ICC के अनुच्छेद 7 के तहत मानवता के खिलाफ अपराधों के बराबर हैं। इसमें हत्याएं, उत्पीड़न, और अवैध कारावास जैसी गंभीर घटनाएं शामिल हैं।
कानून से ऊपर कोई नहीं
स्टीवन पॉवेल्स के.सी. ने कहा, “कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। अगर ICC के अधिकार क्षेत्र में अपराधों के पीड़ितों को अपने देश में न्याय नहीं मिल सकता है, तो इन अपराधों को ICC के पास लाना आवश्यक है, ताकि एक निष्पक्ष और सशक्त जांच हो सके।”
इस तरह, बांग्लादेश (Bangladesh) में बढ़ती हिंसा के कारण यूनुस प्रशासन को अब अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने अपनी जवाबदेही का सामना करना पड़ सकता है।Bangladesh :
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