Mahakumbh 2025 : महाकुंभ 2025 के समापन पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धालुओं से माफी मांगते हुए कहा, श्रद्धालुओं की सेवा में भी अगर हमसे कुछ कमी रह गई हो, तो मैं जनता जनार्दन का भी क्षमाप्रार्थी हूं। यह बयान उन्होंने महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ की घटना के संदर्भ में दिया, जिसमें कई श्रद्धालु मारे गए थे और घायल हुए थे। प्रधानमंत्री ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
वीवीआईपी संस्कृति से हटकर आम जनता के साथ जुड़ने का प्रयास
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ में त्रिवेणी संगम पर स्नान किया था। उन्होंने अपने दौरे के दौरान साधारण प्रोटोकॉल अपनाया, जिससे आम श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हुई। उनकी यह पहल वीवीआईपी संस्कृति से हटकर आम जनता के साथ जुड़ने का एक प्रयास थी। हालांकि विपक्ष इस बात पर विशेष हल्ला मचाता रहा कि महाकुंभ के दौरान देश भर से आने वाले वीवीआईपी के आने और स्नान करने से आम जनता को भारी असुविधा हुई।
सांस्कृतिक एकता और अखंडता का भी प्रतीक बना
महाकुंभ 2025 के दौरान, 66.21 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान किया। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक था, बल्कि सांस्कृतिक एकता और अखंडता का भी प्रतीक बना। प्रधानमंत्री ने इस महाकुंभ को ‘एकता का महायज्ञ’ बताते हुए सभी श्रद्धालुओं को धन्यवाद दिया और आयोजन के सफल समापन पर संतोष व्यक्त किया। इस महाकुंभ में विभिन्न जाति समूहों के लोगों ने प्रयाग पहुंचकर एक साथ बिना किसी भेदभाव के स्रान और पूजा अर्चना की, वाकई यह एकता का ही महायज्ञ था।
Mahakumbh 2025: सीएम योगी आदित्यनाथ के गंगा पूजन के साथ महाकुंभ 2025 का औपचारिक समापन
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