बॉलीवुड और साउथ फ़िल्म इंडस्ट्री की मशहूर एक्ट्रेस रश्मिका मन्दाना के द्वारा DeepFake के खिलाफ सोशल मीडिया पर किये गए कड़े विरोध के बाद सरकार ने इस मुद्दे पर त्वरित कार्यवाही की है। केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए कहा कि विभाग की सभी टेक कम्पनियों के हेड के साथ बातचीत हुई है और उन्होंने इस बात पर सहमति जतायी है कि DeepFake को फ्री स्पीच के अंतर्गत नहीं रखा जा सकता है।
दिसंबर में पुनः होगी बैठक
सोशल मीडिया प्लेटफार्मस के साथ हुई एक मीटिंग के बाद आज केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि डीपफेक समाज और लोकतंत्र दोनों के लिए ही एक बड़ा खतरा है और इस पर तुरंत रोक लगाने के लिए हम कम से कम दिनों में एक सख्त कानून बनाने जा रहे हैं।
DeepFake
आज हुई बैठक के पश्चात दिसंबर के पहले सप्ताह में पुनः एक मीटिंग बुलाई जायेगी जिसमें आज लिए गए निर्णयों पर बातचीत होगी। इसके अलावा यह भी निर्धारित किया जाएगा कि डीपफेक के खिलाफ बनाये जा रहे नियमों में क्या अहम बातें शामिल की जानी चाहिये।
रश्मिका मंदाना और पीएम मोदी के बाद सारा तेंदुलकर ने भी उठायी आवाज़
आपको बता दें कि बीते दिनों रश्मिका मंदाना का एक आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हुआ था जिसमें किसी अन्य महिला के वीडियो में रश्मिका के चेहरे का प्रयोग किया गया था। वीडियो से आहत एक्ट्रेस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इसका कड़ा विरोध कर सरकार का ध्यान खींचा।
इसके बाद एक भाषण में पीएम मोदी भी DeepFake का जिक्र करते दिखे और बताया कि उनके भी कुछ वीडियोज़ सोशल मीडिया पर इस गलत AI टूल की मदद से बनाये गए हैं।
अब सचिन तेंदुलकर की बेटी सारा तेंदुलकर ने भी. अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा है कि उनके कुछ एडिटेड फोटोग्राफ़्स और वीडियोज़ सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहे हैं जो वास्तविकता से बिल्कुल अलग हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे एंटरटेनमेंट कभी भी सच और भरोसे के झूठे मूल्यों पर नहीं हो सकता है।
कानून के साथ जागरूकता भी है जरुरी – अश्विनी वैष्णव
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस बढ़ते हुए समाजिक खतरे के कद को चार अहम जागरूक मुद्दों के साथ कम किया जा सकता है।
- DeepFake वीडियो की जाँच कैसे हो?
- वीडियो को वायरल होने से कैसे रोकें?
- यूजर इसकी रिपोर्ट कैसे कर सकता है?
- अन्य लोगों को इसके बारे में कैसे सचेत करें?
अश्विनी वैष्णव ने यह भी कहा कि अगले कुछ ही हफ्तों में रेगुलेशन ड्राफ्ट बन जाएगा और ज्यादा से ज्यादा सामाजिक संस्थाओं और लोगों को इससे बचाने की कोशिश की जाएगी।