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कमाल की खबर : पढ़कर रोंगटे खड़े हो जाएंगे आपके भी, एक घर में घुसा बाघ, किन्तु नहीं कर पाया कुछ भी

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You will get goosebumps after reading, a tiger entered a house, but could not do anything

पटना। जाको राखे साइयां मार सके न कोय। यह कहावत तो आपने सुनी ही होगी। यह कहावत बिहार के बेतिया जिले के गौनाह प्रखंड के रूपवलिया गांव में चरितार्थ हुई। यहां वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से भटककर टाइगर रूपवलिया गांव पहुंच गया और कमलेश उरांव के घर में घुस गया। घर में सो रही कमलेश की पत्नी और बच्चों पर हमला किया, लेकिन वह शिकार नहीं कर सका। बाद में ग्रामीणों की जानकारी पर पहुंची वन विभाग की टीम ने बाघ को पकड़कर पटना के चिड़ियाघर में भेज दिया। वहां जांच के बाद पता चला कि मोतियांबिंद के कारण टाइगर कुछ देख नहीं सका, जिससे किसी को नुकसान नहीं हुआ।

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गांव से एक किलोमीटर दूर है वाल्मीकि टाइगर रिजर्व

रूपवलिया गांव से सिर्फ एक किलोमीटर की दूर पर ही वा​ल्मीकि टाइगर रिजर्व है। एक टाइगर रास्ता भटककर रूपवलिया गांव में कमलेश के घर में घुस गया। वहां कमलेश की पत्नी और बच्चे घर में सो रहे थे। बाघ ने कमलेश की पत्नी पर हमला कर दिया। टाइगर ने जैसे ही अटैक किया, चीख-पुकार मच गई। सभी जान-बचाकर भागने लगे। इस हमले में कमलेश की पत्नी बाल-बाल बच गईं। कारण था कि टाइगर को कुछ साफ दिखाई नहीं दिया, जिससे उसका निशाना चूक गया।

वन विभाग की टीम ने महिला और तीन बच्चों को बचाया

शोर सुनकर कमलेश के घर के बाहर गांव वालों का जमघट लग गया। उन्होंने वन विभाग को मामले की जानकारी दी। मौके पर पहुंची टीम ने कमलेश के घर के चारो ओर जाल बिछाया और टाइगर को पकड़कर पटना के चिड़ियाघर भेज दिया। वन विभाग की टीम में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि ट्रंक्यूलाजर लगाकर टाइगर को पकड़ा गया। उन्होंने बताया कि जिस समय उसे पकड़ा गया, उसी समय उन्हें कुछ शक हुआ। लेकिन, बिना जांच के वह कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं थे। उन्होंंने बताया कि अगर बाघ नेचुरल लिविंग के लिए ठीक होगा तो उसे जंगल में छोड़ दिया जाएगा।

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मेडिकल जांच ने चौंकाया

पटना में हुई मेडिकल जांच में पता चला कि टाइगर को मोतियाबिंद है। अंधेपन की वजह से वह अपने शिकार पर सटीक हमला नहीं कर सका, जिससे कमलेश की पत्नी और बच्चों की जान बच सकी। मुख्य वन संरक्षक के. नेशमनी ने बताया कि टाइगर को मोतियाबिंद के इलाज के लिए राजगीर भेजा जा रहा है।

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