ASER 2023 : ASER 2023 (एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट) की जारी हुई रिपोर्ट ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। ASER 2023 की रिपोर्ट प्रथम फाउंडेशन की ओर से बियॉन्ड बेसिक्स नाम से जारी हुई है, जिसमें भारत में युवाओं के बीच बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता के स्तर का विश्लेषण (Analysis) किया गया है। जारी की गई रिपोर्ट में देश के 26 राज्यों के 28 जिलों में पढ़ने वाले लगभग 34 हजार 745 छात्रों का सर्वेक्षण किया गया है। इन छात्रों में सरकारी और प्राइवेट दोनों ही संस्थानों में पढ़ने वाले हैं।
ASER 2023 में हुए चौकने वाले खुलासे
ASER 2023 के मुताबिक भारत में 14 से 18 साल की आयु के लगभग 25 प्रतिशत बच्चे अपनी क्षेत्रीय भाषा में कक्षा दूसरीं के स्तर की पाठों को भी ठीक से नहीं पढ़ सकते हैं। वहीं इस आयु वर्ग के तकरीबन 42.7 फीसदगी स्टू़डेंट्स अंग्रेजी में वाक्य पढ़ने में पूरी तरह से सक्षम नहीं हैं।
![ASER 2023 NEWS](https://chetnamanch.com/wp-content/uploads/2024/01/ASER-2023-NEWS.png)
86.8% बच्चे ही है स्कूल-कॉलेज में नामांकित
पूरे देश में 14 से 18 साल के कुल 86.8 प्रतिशत बच्चों ने स्कूल या कॉलेज में दाखिला ले रखा है। जैसे-जैसे बच्चों की उम्र बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे स्कूल-कॉलेज में इनका नामांकन भी कम होने लग जाता है। फिलहाल स्कूल या कॉलेज में दाखिला नहीं लेने वाले 14 साल तक के बच्चों का आंकड़ा 3.9 प्रतिशत है। वहीं 16 साल के बच्चों में ये आकंड़ा 10.9 प्रतिशत और 18 साल के बच्चों में 32.6 प्रतिशत तक है।
क्या इसके पीछे हैं स्मार्टफोन का हाथ
ASER 2023 के अनुसार लगभग 89 प्रतिशत छात्रों के घर में स्मार्टफोन है। इनमें से 92 प्रतिशत इसे चलाना भी जानते हैं और 31 प्रतिशत के पास खुद का स्मार्टफोन है। स्मार्टफोन मिलने के मामले में फिलहाल छात्राएं काफी पीछे हैं। जिन 31 प्रतिशत छात्रों के पास खुद का स्मार्टफोन हैं, उनमें से 43.7 प्रतिशत छात्र और 19.8 प्रतिशत छात्राएं हैं। स्मार्टफोन तक पहुंच वाले 90.5 प्रतिशत छात्र सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं। जिस वजह से वह पढ़ाई में मन नहीं लगा पा रहे हैं।
क्या है ASER ?
ASER भारत में हर साल राष्ट्रीय स्तर पर घरों में किया जाने वाला एक सर्वेक्षण है, जो यह पता लगाता है कि क्या बच्चे विद्यालय में नामांकित हैं और क्या वे सीख रहे हैं। साल 2005 के बाद से हर साल ASER जारी की जाती है। ASER 2023 ग्रामीण भारत में 5 से 16 आयु वर्ग के बच्चों की स्कूली शिक्षा की स्थिति पर रिपोर्ट प्रदान करती है, जिसमें बुनियादी पढ़ने और अंकगणितीय कार्यों को करने की क्षमता भी शामिल है।
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