देश में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय और नीति आयोग पहले ही चिंता जाहिर कर चुके हैं। केंद्र सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर और अक्टूबर के माह में कोरोना की तीसरी लहर के आने की आशंका जताई गई है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस दौरान युवाओं और बच्चों को संक्रमण का अधिक सामना करना पड़ेगा। इसी बीच कर्नाटक सरकार ने केरल में बेकाबू हो चुकी कोरोना की स्थितियों के मद्देनजर सतर्कता बरतते हुए आदेश जारी किया है। खबरों के मुताबिक, कर्नाटक सरकार की तरफ से दिए गए दिशा-निर्देशों के मुताबिक केरल से आने वाले लोगों के लिए क्वारंटीन पीरीयड अनिवार्य कर दिया गया है। इस दौरान सात दिनों तक लोगों को अपने घर जाने की इजाजत नहीं होगी, उन्हें क्वारंटीन में ही रहना पड़ेगा। एक हफ्ते बाद लोगों का कोविड टेस्ट किया जाएगा नेगेटिव आने पर ही उन्हें घर जाने की इजाजत होगी।
सरकार के इस फैसले पर ज्यादा जानकारी देते केरल सरकार के राजस्व मंत्री आर अशोका ने बताया कि कोरोना से उत्तपन्न हुई स्थितियों पर काबू पाने के लिए कर्नाटक सरकार ने यह एहतियाती कदम उठाया है। बता दें, यह फैसला मंगलवार से पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया है। सरकार के इस निर्णय के तहत केरल की ओर से आने वाले लोगों को सरकारी हॉस्टल में क्वारंटीन किया जाएगा। इसके अलावा अगर सरकारी हॉस्टल में जगह कम पड़ती है तो यात्रियों को होटलों में रखा जाएगा। इस सबका पूरा खर्च सरकार उठाएगी।
गौरतलब है, पिछले कुछ दिनों से कोरोना के आंकड़ों में लगातार हो रही वृद्धि एक बार फिर चिंता का सबब बन गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दर्ज किए जा रहे मामलों में ज्यादातर केस केरल से ही मिले हैं।