Friday, 15 November 2024

भारत में आज से लागू हो गया CAA, जारी हुआ नोटिफिकेशन

CAA Notification : इस समय देश की राजधानी दिल्ली से आज की सबसे बड़ी खबर आ रही है। खबर यह…

भारत में आज से लागू हो गया CAA, जारी हुआ नोटिफिकेशन

CAA Notification : इस समय देश की राजधानी दिल्ली से आज की सबसे बड़ी खबर आ रही है। खबर यह है कि केन्द्र सरकार ने आज से भारत में नागरिकता संशोधन कानून यानि  CAA लागू कर दिया है।  केन्द्र सरकार की तरफ से  CAA  का विधिवत नोटिफिकेशन जारी हो गया है। CAA का नोटिफेकिशन जारी होते ही पूरे देश में एक साथ यह महत्वपूर्ण कानून CAA लागू हो गया है।

CAA Notification

आज से लागू हुआ  CAA

केंद्र सरकार ने देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू कर दिया है। इसका नोटिफिकेशन जारी हो गया है। आज से ही देश में नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA लागू हो गया। दरअसल,  CAA  संसद से पारित हुए करीब पांच साल बीत चुके हैं। अब केंद्र सरकार आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले सीएए को देश में लागू करने जा रही है।

गृह मंत्री अमित शाह अपने चुनावी भाषणों में कई बार नागरिकता संशोधन कानून या CAA  को लागू करने की बात कर चुके हैं। उन्होंने ऐलान किया था कि लोकसभा चुनाव से पहले इसे लागू कर दिया जाएगा। ऐसे में गृह मंत्रालय की तरफ से इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।

CAA  के तहत मुस्लिम समुदाय को छोडक़र तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी मुल्कों से आने वाले बाकी धर्मों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है। केंद्र सरकार ने सीएए से संबंधित एक वेब पोर्टल भी तैयार कर लिया है, जिसे नोटिफिकेशन के बाद लॉन्च किया जाएगा। तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी मुल्कों से आने वाले वहां के अल्पसंख्यकों को इस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा और सरकारी जांच पड़ताल के बाद उन्हें कानून के तहत नागरिकता दी जाएगी। इसके लिए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए विस्थापित अल्पसंख्यकों को कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी।

वर्ष 2019 में किया था बदलाव

साल 2019 में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने नागरिकता कानून में संशोधन किया था। इसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 से पहले आने वाले छह अल्पसंख्यकों (हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी) को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया था. नियमों के मुताबिक, नागरिकता देने का अधिकार केंद्र सरकार के हाथों में होगा। बता दें कि संसदीय प्रक्रियाओं की नियमावली के मुताबिक किसी भी कानून के नियम राष्ट्रपति की सहमति के 6 महीने के भीतर तैयार किए जाने चाहिए। ऐसा ना होने पर लोकसभा और राज्यसभा में अधीनस्थ विधान समितियों से विस्तार की मांग की जानी चाहिए. सीएए के केस में 2020 से गृह मंत्रालय नियम बनाने के लिए संसदीय समितियों से नियमित अंतराल में एक्सटेंशन लेता रहा है।

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