Saturday, 27 July 2024

Cyclone Biparjoy : कोशिश है कि कम से कम हो नुकसान : अतुल करवाल

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक (डीजी) अतुल करवाल ने गुरुवार को कहा कि गुजरात में चक्रवात…

Cyclone Biparjoy : कोशिश है कि कम से कम हो नुकसान : अतुल करवाल

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक (डीजी) अतुल करवाल ने गुरुवार को कहा कि गुजरात में चक्रवात बिपारजॉय के संभावित खतरे के मद्देनजर लगभग एक लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ सहित अन्य एजेंसियां यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही हैं कि चक्रवात से जानमाल का कम से कम नुकसान हो।

Cyclone Biparjoy

बड़े जहाजों को गहरे समुद्र में भेजा गया

करवाल ने कहा कि चक्रवात के मद्देनजर मछली पकड़ने वाली नौकाओं को तटों पर खड़ा कर दिया गया है। बड़े जहाजों को गहरे समुद्र में भेज दिया गया है, चार हजार से अधिक होर्डिंग को हटा दिया गया है। नमक मजदूरों एवं गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है।

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अलर्ट पर हैं 15 टीमें

एनडीआरएफ महानिदेशक ने बताया कि एनडीआरएफ ने देश के उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी हिस्से में 15 टीमों को अलर्ट पर रखा है। जरूरत पड़ने पर उन्हें हवाई मार्ग से गुजरात व महाराष्ट्र लाया जा सके तथा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों के लिए तैनात 33 दलों को मदद उपलब्ध कराई जा सके। करवाल के मुताबिक, चक्रवाती तूफान की दस्तक और तेज हवाओं के साथ होने वाली भारी बारिश से गुजरात के सबसे ज्यादा प्रभावित होने की आशंका के मद्देनजर राज्य में एनडीआरएफ के 18 दल तैनात किए गए हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, ‘बिपारजॉय’ के गुरुवार की शाम अधिकतम 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज हवाओं के साथ एक बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान (वीएससीएस) के रूप में जखौ बंदरगाह के पास टकराने का अनुमान है।

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पेड़ और खंभे काटने वाले कटर से लैस हैं टीमें

करवाल ने गुजरात सरकार के अधिकारियों द्वारा साझा की गई सूचना के आधार पर दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि राज्य के तटीय क्षेत्रों और निचले इलाकों से गुरुवार सुबह नौ बजे तक लगभग एक लाख लोगों को निकाला गया। उन्होंने कहा कि गुजरात में त्वरित राहत अभियान चलाने के लिए हमने एनडीआरएफ के 18 दलों को तैयार रखा है। करवाल के मुताबिक, कच्छ जिले में एनडीआरएफ के सर्वाधिक चार दल तैनात किए गए हैं। करवाल ने कहा कि हमारा मकसद यह सुनिश्चित करना है कि चक्रवात से जान-माल का कम से कम नुकसान हो। हमने अपनी कई टीम को पेड़ और खंभे काटने वाले कटर से लैस किया है, ताकि चक्रवात का प्रभाव खत्म होने के बाद संचार सेवाओं की जल्द से जल्द बहाली सुनिश्चित की जा सके।

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कुछ इलाकों में हो सकता है बाढ़ का खतरा

एनडीआरएफ महानिदेशक ने कहा कि भारी बारिश के कारण कुछ निचले इलाकों को बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में इन इलाकों में फंसे लोगों को निकालने के लिए हमारी टीम के पास इन्फ्लेटेबल बोट (ऐसी नौकाएं, जिनका तत्काल हवा भरकर इस्तेमाल किया जा सकता है) होंगी। उत्तर (बठिंडा, पंजाब), पूर्वी (मुंडली, ओडिशा) और दक्षिण (अराकोणम, चेन्नई) में एनडीआरएफ की पांच-पांच टीमों को तैयार रखा गया है। जरूरत पड़ने पर उन्हें भारतीय वायुसेना के विमान से तत्काल प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाया जाएगा। हमने जरूरत से ज्यादा तैयारी की है। सभी एजेंसियां जान-माल का ​​कम से कम नुकसान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से काम कर रही हैं। वहीं केंद्र-शासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव के दीव में एक दल को भेजा गया है। दीव उत्तर में गुजरात के गिर सोमनाथ और अमरेली जिलों से, जबकि बाकी तीन दिशाओं में अरब सागर से घिरा हुआ है।

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