प्रसिद्ध आंदोलनकारी अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र सरकार के मंदिर न खोलने के फैसले पर आपत्ति जताई है। उन्होंने साफ कर दिया है कि अगर मंदिरों पर लगे प्रतिबंध के विरुद्ध राज्य की सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जाता है तो वे उसे अपना समर्थन देंगे। इसके अलावा अन्ना ने सीएम ठाकरे से राज्य में खुली शराब की दुकानों और उनके बाहर लगी लंबी कतारों पर जवाब मांगा है। बता दें, अहमदनगर के रालेगण सिद्धि गांव में शनिवार को हजारे ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए बताया कि मंदिरों के खोलने की मांग को लेकर कुछ लोगों ने उनसे मुलाकात की थी। उनका कहना था कि अगर सरकार कोरोना की वजह से मंदिर पर ताला मारे बैठी है तो शराब के ठेकों के बाहर लगी लंबी कतारें भी तो कोविड के दृष्टिकोण से गंभीर स्थिति उत्पन्न कर सकती हैं।
मालूम हो, राज्य में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सभी सार्वजनिक स्थानों को पूरी तरह पबंद कर दिया गया था। जिसके बाद कोविड के प्रसार में कमी आने के बाद सरकार ने मुंबई में लोकल ट्रेनों के संचालन की अनुमति दे दी थी साथ ही अन्य चीजों पर लगी रोक को सुविधानुसार हटाया जा चुका है। हालांकि, ठाकरे सरकार अभी कोरोना के मद्देनजर मंदिरों को पुन: खोलने से कतरा रही है। वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी लगातार सरकार पर भक्तों के लिए मंदिरों को खोलने का दवाब बना रही है।
गौरतलब है, देश में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर आशंका जताई जा रही है कि सितंबर और अक्टूर के माह में एक बार कोरोना का भयावह रुप देखने को मिल सकता है। नीति आयोग द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर और अक्टूबर में लगभग 4 लाख केस रोजाना दर्ज किए जा सकते हैं। वहीं, इस लहर के दौरान युवा और बच्चों के सबसे अधिक प्रभावित होने की संभावना है।