Jodhpur Highcourt- राजस्थान राज्य के जोधपुर जिले से एक बेहद महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। जोधपुर हाईकोर्ट द्वारा एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। एक महिला के मां बनने की इच्छा और अधिकार को ध्यान में रखते हुए जोधपुर हाईकोर्ट (Jodhpur Highcourt) ने महिला के जेल में बंद पति को 15 दिन का परोल देने का फैसला लिया है।
हाईकोर्ट में महिला ने की यह अपील –
यह मामला राजस्थान के भीलवाड़ा (Bhilwara, Rajasthan) जिले का है। जिले के रबारियों की ढाणी के रहने वाले नंदलाल को साल 2019 में शादी के कुछ दिन बाद ही जुर्म की वजह से उम्र कैद की सजा सुना दी गई और उसे अजमेर जेल में बंद कर दिया गया।
नंद लाल की पत्नी ने कलेक्टर के सामने पति के परोल की गुहार लगाई लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। तब थक हार कर नंदलाल की पत्नी ने हाईकोर्ट की शरण ली। इनकी पत्नी का कहना था कि उनके पति यानी नंदलाल जेल के सभी नियम कानून का सही तरह से पालन करते हैं और वह कोई व्यवसायिक अपराधी नहीं है, ऐसे में उनके जेल के प्रति व्यवहार को देखते हुए तथा पत्नी के मां बनने के अधिकार को देखते हुए उन्हें कम से कम 15 दिन का परोल दिया जाए।
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हाईकोर्ट ने महिला के पक्ष में दिया फैसला –
नंदलाल की पत्नी की दलील को सुनते हुए जोधपुर हाई कोर्ट (Jodhpur Highcourt) के जज संदीप मेहता व फरजंद अली की खंडपीठ ने महिला के पक्ष में इस तर्क के साथ फैसला दिया कि संतान उत्पत्ति के लिए परोल से जुड़ा कोई साफ नियम नहीं है लेकिन वंश के संरक्षण के लिए संतान उत्पत्ति जरूरी है। ऋग्वेद तथा वैदिक काल का उदाहरण देते हुए कोर्ट ने संतान उत्पत्ति को मौलिक अधिकार बताया और पत्नी की शादीशुदा जिंदगी से संबंधित यौन और भावनात्मक जरूरतों की रक्षा’ के लिए पति को 15 दिन का परोल देने का फैसला लिया।