Kishore Biyani : कभी ना कभी अपने पैंटालून कंपनी का नाम जरुर सुना होगा। पैंटालून का नहीं तो फ्यूचर ग्रुप का नाम तो जरूर ही सुना होगा। इन दोनों ही कंपनियों के मालिक किशोर बियानी हैं। कुछ साल पहले तक पैंटालून कंपनी के मालिक किशोर बियानी अरबपति थे। किशोर बियानी का नाम दुनिया के टॉप-10 पूंजीपत्तियों में लिया जाता था। यही किशोर बियानी कर्ज में डूबकर पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं।
कौन है किशोर बियानी
आज हम आपको जीरो से हीरो बनने तथा हीरो से फिर जीरो बनने की सच्ची घटना बता रहे हैं। यह मामला है पैंटालून तथा फ्यूचर ग्रुप ऑफ कंपनी के मालिक किशोर बियानी का। अब से मात्र 7 साल पहले तक किशोर बियानी भारत के बहुत बड़े पूंजीपति थे। वर्ष 2017 में किशोर बियानी दुनिया के टॉप 10 पूंजीपतियों की सूची में शामिल हो गए थे। मात्र 7 साल में किशोर बियानी बर्बाद हो गए हैं। उनकी बनाई गई बड़ी-बड़ी कंपनियां या तो बेची जा चुकी हैं या बिकने के लिए तैयार हैं। भारत के इतने बड़े पूंजीपति किशोर बियानी की बर्बादी का कारण रहा है कर्ज। उन्होंने वित्तीय संस्थानों तथा बैंकों से इतना कर्ज ले रखा था कि इस कर्ज के बोझ से दबकर किशोर बियानी बर्बाद हो गए हैं। किशोर बियानी को भारत में मॉल कल्चर शुरू करने का जनक भी कहा जाता है। मुंबई में सबसे पहले माल भी किशोर बियानी ने ही खोला था। अब किशोर बियानी पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं। उनके वापस आबाद होने की कोई संभावना नहीं है।
बिक गया सबसे पहला मॉल
आपको बता दें कि किशोर बियानी ने मुंबई में अपना सबसे पुराना मॉल बेच दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक K रहेजा कॉर्प ने मॉल को खरीदने की डील पूरी की। K रहेजा कॉर्प ने बैंकों को सीधे भुगतान किया। जिसके बदले में मॉल कंपनी को ट्रांसफर कर दिया गया. यह मॉल मुबंई का सबसे पुराना मॉल है, जिसका मालिकाना हक बियानी परिवार के पास था, लेकिन अब के रहेजा कॉर्प ने एसओबीओ सेंट्रल मॉल को खरीद लिया है।
मुंबई का सोबो मॉल (SOBO Mall)कोविड के दौरान पूरी तरह से बंद हो चुका था। इस मॉल में अभी भी 1.5 लाख वर्ग फुट एरिया लीज पर देने के लिए खाली है, लेकिन कोविड के बाद से ज्यादातर शॉप बंद होने से किराए पर लेने के लिए कोई खरीदार मिल नहीं रहे हैं, जिस कारण इसे चलाने वाली कंपनी बंसी मॉल मैंनेजमेंट पर 571 करोड़ का कर्जा हो गया. ऐसे में इस मॉल को अब बेचना पड़ा है।
इस कंपनी पर केनरा बैंक का 131 करोड़ रुपये का बकाया है, जबकि पंजाब नेंशनल बैंक (PNB) का 90 करोड़ रुपये। इसके अलावा, यूनियन बैंक का फ्यूचर ब्रांड पर 350 करोड़ रुपये का बकाया है।
Kishore Biyani
कपड़ा कारोबारी के घर में जन्में बियानी ने साल 1980 के दशक में स्टोन वॉश डेनिम फैब्रिक को बेचने से अपना कारोबारी सफर शुरू किया था. हालांकि इसके बाद ये रिटेल बिजनेस में उतर गए और 1987 में मैन्स वियर प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी की शुरुआत की, जिसका नाम 1991 में बदलकर पैंटालून फैंशन इंडिया लिमिटेड रख दिया गया. साल 1992 में इस कंपनी का आईपीओ आया था, जबकि 1994 में देशभर में स्टोर्स खुलने शुरू हो गए.
फ्यूचर ग्रुप के तहत 2002 में बिग बाजार की शुरुआत हुई, जिसे 2003 तक कई शहरों तक स्टोर्स के जरिए फैला दिया गया. यह एक ऐसी स्?टोर थी, जो सस्ते कीमत पर सामान बेचने के लिए जानी जाती थी. इस कारण देखते ही देखते देशभर में इसके स्टोर्स खुलने लगे। फ्यूचर ग्रुप के चेन के बढऩे के साथ ही बियानी ने भी खूब तरक्की की. आलम ये रहा कि ये दुनिया के टॉप 10 अमीरों की लिस्ट में शामिल हो गए. इन्हें रिटेल का किंग तक कहा जाने लगा. इनका नेटवर्थ 2017 में 2.8 अरब डॉलर था, जो 2019 में घटकर 1.8 अरब डॉलर हो गया।
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