National flag : भारत की आजादी का एक दिन 15 अगस्त प्रत्येक भारतीय के लिए खास है। 15 अगस्त के मौके पर हर भारतवासी राष्ट्रीय झंडे को सलाम करता है। हर कोई अपने मकान, दुकान तथा वाहन पर राष्ट्रीय झंडा लगाना चाहता है। राष्ट्रीय झंडा लगाना तथा राष्ट्रीय झंडा फहराना अच्छी बात है। राष्ट्रीय झंडे को लगाने से राष्ट्रीयता का अहसास होता है। राष्ट्रीय झंडा लगाने तथा फहराने के कुछ खास नियम बनाए गए हैं। राष्ट्रीय झंडा लगाने से पहले इन नियमों को जान लेना बेहद जरूरी है।
क्या है राष्ट्रीय झंडा फहराने के नियम
भारत में राष्ट्रीय झंडा फहराने के नियम हमारी संसद ने तय कर रखे हैं। भारत में तिरंगा फहराने से जुड़े सारे नियम-कायदे फ्लैग कोड 2002 के तहत आते हैं. ये फ्लैग कोड 26 जनवरी 2002 से लागू है। 2002 से पहले तिरंगा फहराने के नियम एम्बलेम्स एंड नेम्स (प्रिवेन्शन ऑफ इम्प्रॉपर यूज) एक्ट, 1950 और प्रिवेन्शन ऑफ इंसल्ट्स टू नेशनल ऑनर एक्ट, 1971 के तहत आते थे। इस कोड में कार पर एक तो झंडा लगाने की कुछ लोगों की ही अनुमति है और इसके अलावा वे लोग भी नियमों के हिसाब से झंडा लगा सकते हैं।
बता दें कि जिन लोगों को झंडा लगाने की परमिशन है, वो लोग जब कभी आवश्यक समझें तो अपनी कार पर झंडा लगा सकते हैं। कार में झंडा दाईं तरफ लगा होना चाहिए। अगर किसी गणमान्य व्यक्ति के साथ दूसरे देश के भी गणमान्य व्यक्ति होते हैं तो इस स्थिति में कार में दाईं तरफ भारत का झंडा और बाईं तरफ दूसरे गणमान्य व्यक्ति के देश का झंडा लगाना चाहिए।
कौन लगा सकता है राष्ट्रीय झंडा?
अब जानते हैं कौन लोग झंडा लगा सकते हैं। फ्लैग कोड ऑफ इंडिया के नियमों के अनुसार, राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, राज्यपाल और उप-राज्यपाल, विदेशी दूतावास के अध्यक्ष, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, केंद्रीय राज्य मंत्री, मुख्यमंत्री, अन्य कैबिनेट मंत्री झंडा लगा सकते हैं। इनके अलावा लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के उप-सभापति, राज्य विधानपरिषदों के सभापति, विधानसभा के अध्यक्ष आदि झंडा लगा सकते हैं।
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