Mahatma Gandhi Death anniversary- गाँधी जी के जीवन से हमने क्या सीखा, और क्या सीख सकते हैं?




Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करनी वाली हैं। ऐसे में मिडिल क्लास का तबका इस बजट से बहुत ही उम्मीद लगाए हुए बैठा है। वैसे भी मोदी सरकार का यह आखिरी पूर्ण बजट होगा और अगले साल लोकसभा चुनाव भी है। ऐसे में सरकार इस तबके को राहत देने के लिए बजट में प्रावधान जरूर करेगी। सरकार इस बजट में निवेश और आयकर छूट को लेकर कुछ घोषणा कर सकती है। सरकार ने आखिरी बार 2014 में आयकर छूट को बढ़ाया था। ऐसे में विशेषज्ञ उम्मीद जता रहे हैं कि इस बजट में ये घोषणा हो सकती है।
फाइनेंसियल एक्सपर्ट का मानना है कि सरकार इस बजट में इनकम टैक्स की छूट को बढ़ा सकती है। मोदी सरकार का पहला बजट जब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2014 में पेश किया था, उस समय आयकर छूट को 2.5 लाख रुपये किया गया था। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस बजट में इसमें बदलाव हो सकता है। इसके अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा भी 2019 से 50 हजार रुपये पर ही बनी हुई है। ऐसे में कई विशेषज्ञों कह रहे हैं कि महंगाई की वजह से पहले ही वेतनभोगी मिडिल क्लास परेशानी से गुजर रहा है। ऐसे में उन्हें राहत देने के लिए सरकार आयकर छूट सीमा और स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ा सकती है।
वित्त मंत्री ने खुद ऐसा बयान दिया था जिससे लोगों की उम्मीदें और ज्यादा बढ़ गई हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि मैं भी मिडिल क्लास से हूं इसलिए मैं उस वर्ग की दिक्कतों को समझती हूं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार इस वर्ग को राहत देने के लिए बजट में जरूर कुछ न कुछ प्रावधान कर सकती है।
उम्मीद जताई जा रही है कि वित्त मंत्रालय 80C के अंतर्गत मिलने वाली छूट सीमा को बढ़ा सकता है। इसके अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन में भी फेरबदल हो सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो एफडी, लाइफ इंश्योरेंस, बॉन्ड और होम लोन में लोग और ज्यादा निवेश करेंगे, जिससे उन्हें कम से कम कर देना पड़ेगा। आपको बता दें कि वर्तमान में ये सीमा 1.50 लाख रुपये है। सूत्रों के हवाले से खबर ये भी है कि हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम में भी बदलाव हो सकता है। इसके अलावा शेयर मार्केट में कुछ राहत की खबर हो सकती है। जिसके तहत कैपिटल गेन टैक्स के नियमों को आसान बनाया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो मिडिल क्लास को फायदा ही फादया होने वाला है।
देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करनी वाली हैं। ऐसे में मिडिल क्लास का तबका इस बजट से बहुत ही उम्मीद लगाए हुए बैठा है। वैसे भी मोदी सरकार का यह आखिरी पूर्ण बजट होगा और अगले साल लोकसभा चुनाव भी है। ऐसे में सरकार इस तबके को राहत देने के लिए बजट में प्रावधान जरूर करेगी। सरकार इस बजट में निवेश और आयकर छूट को लेकर कुछ घोषणा कर सकती है। सरकार ने आखिरी बार 2014 में आयकर छूट को बढ़ाया था। ऐसे में विशेषज्ञ उम्मीद जता रहे हैं कि इस बजट में ये घोषणा हो सकती है।
फाइनेंसियल एक्सपर्ट का मानना है कि सरकार इस बजट में इनकम टैक्स की छूट को बढ़ा सकती है। मोदी सरकार का पहला बजट जब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2014 में पेश किया था, उस समय आयकर छूट को 2.5 लाख रुपये किया गया था। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस बजट में इसमें बदलाव हो सकता है। इसके अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा भी 2019 से 50 हजार रुपये पर ही बनी हुई है। ऐसे में कई विशेषज्ञों कह रहे हैं कि महंगाई की वजह से पहले ही वेतनभोगी मिडिल क्लास परेशानी से गुजर रहा है। ऐसे में उन्हें राहत देने के लिए सरकार आयकर छूट सीमा और स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ा सकती है।
वित्त मंत्री ने खुद ऐसा बयान दिया था जिससे लोगों की उम्मीदें और ज्यादा बढ़ गई हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि मैं भी मिडिल क्लास से हूं इसलिए मैं उस वर्ग की दिक्कतों को समझती हूं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार इस वर्ग को राहत देने के लिए बजट में जरूर कुछ न कुछ प्रावधान कर सकती है।
उम्मीद जताई जा रही है कि वित्त मंत्रालय 80C के अंतर्गत मिलने वाली छूट सीमा को बढ़ा सकता है। इसके अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन में भी फेरबदल हो सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो एफडी, लाइफ इंश्योरेंस, बॉन्ड और होम लोन में लोग और ज्यादा निवेश करेंगे, जिससे उन्हें कम से कम कर देना पड़ेगा। आपको बता दें कि वर्तमान में ये सीमा 1.50 लाख रुपये है। सूत्रों के हवाले से खबर ये भी है कि हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम में भी बदलाव हो सकता है। इसके अलावा शेयर मार्केट में कुछ राहत की खबर हो सकती है। जिसके तहत कैपिटल गेन टैक्स के नियमों को आसान बनाया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो मिडिल क्लास को फायदा ही फादया होने वाला है।
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Delhi News: नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने पुलिसकर्मियों से दुर्व्यवहार के आरोपी कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान की जमानत याचिका खारिज कर दी और शाहीन बाग थाने के जांच अधिकारी तथा थाना प्रभारी को ‘कारण बताओ’ नोटिस भी जारी किया।
अदालत ने ‘कारण बताओ’ नोटिस में पूछा कि खान की पिछली संलिप्तता रिपोर्ट के संबंध में अदालत को गलत जानकारी देने के चलते दोनों पुलिस अधिकारियों को दंडित क्यों नहीं किया जाना चाहिए।
खान को पांच जनवरी को दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सोनू अग्निहोत्री ने शनिवार को जारी आदेश में कहा, ‘‘अगर कानून लागू करने वालों पर हमला किया जाता है या उनसे दुर्व्यवहार किया जाता है और आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया जाता है, तो यह समाज में गलत संदेश देगा। मेरे विचार से इन परिस्थितियों में आरोपी आसिफ मोहम्मद खान की जमानत अर्जी मंजूर करने लायक नहीं है और इसलिए इसे खारिज किया जाता है।’’
न्यायाधीश ने कहा कि घटना से संबंधित वीडियो में खान के आचरण से प्रथम दृष्टया पता चलता है कि उनके मन में कानून का सम्मान नहीं है और वह खुद को कानून से ऊपर मानते हैं।
अदालत ने कहा, ‘‘जिस तरह से वह (खान) पुलिस अधिकारियों के साथ बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं वह निंदनीय है। किसी व्यक्ति को सरकारी अधिकारियों के खिलाफ जो भी कारण उपलब्ध हो, लेकिन उससे यह अपेक्षा नहीं की जाती है कि वह कानून को अपने हाथ में ले और उन सरकारी अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार करे जो अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं।’’
इसने कहा कि प्राथमिकी के अनुसार, खान ने शिकायतकर्ता कांस्टेबल धर्मपाल को घटनास्थल पर जाने से रोका, उन्हें धमकी दी, आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया और जनता को उकसाने की कोशिश की।
अदालत ने कहा कि इस प्रकार खान ने शिकायतकर्ता के खिलाफ आपराधिक बल का इस्तेमाल किया।
इसने आदेश की प्रति थाना प्रभारी को सूचनार्थ भेजने का निर्देश दिया है। अदालत ने मामले की आगे की कार्यवाही के लिए 10 फरवरी की तारीख मुकर्रर की।
पुलिस ने कहा कि चार जनवरी को मोटर वाहन चोरी की एक घटना के संबंध में जब पुलिस नयी बस्ती इलाके में सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच कर रही थी, तब खान ने कथित तौर पर अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार किया।
खान को इससे पहले नवंबर 2022 की शुरुआत में एक पुलिस अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार करने और उसके साथ मारपीट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
Delhi News: नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने पुलिसकर्मियों से दुर्व्यवहार के आरोपी कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान की जमानत याचिका खारिज कर दी और शाहीन बाग थाने के जांच अधिकारी तथा थाना प्रभारी को ‘कारण बताओ’ नोटिस भी जारी किया।
अदालत ने ‘कारण बताओ’ नोटिस में पूछा कि खान की पिछली संलिप्तता रिपोर्ट के संबंध में अदालत को गलत जानकारी देने के चलते दोनों पुलिस अधिकारियों को दंडित क्यों नहीं किया जाना चाहिए।
खान को पांच जनवरी को दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सोनू अग्निहोत्री ने शनिवार को जारी आदेश में कहा, ‘‘अगर कानून लागू करने वालों पर हमला किया जाता है या उनसे दुर्व्यवहार किया जाता है और आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया जाता है, तो यह समाज में गलत संदेश देगा। मेरे विचार से इन परिस्थितियों में आरोपी आसिफ मोहम्मद खान की जमानत अर्जी मंजूर करने लायक नहीं है और इसलिए इसे खारिज किया जाता है।’’
न्यायाधीश ने कहा कि घटना से संबंधित वीडियो में खान के आचरण से प्रथम दृष्टया पता चलता है कि उनके मन में कानून का सम्मान नहीं है और वह खुद को कानून से ऊपर मानते हैं।
अदालत ने कहा, ‘‘जिस तरह से वह (खान) पुलिस अधिकारियों के साथ बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं वह निंदनीय है। किसी व्यक्ति को सरकारी अधिकारियों के खिलाफ जो भी कारण उपलब्ध हो, लेकिन उससे यह अपेक्षा नहीं की जाती है कि वह कानून को अपने हाथ में ले और उन सरकारी अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार करे जो अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं।’’
इसने कहा कि प्राथमिकी के अनुसार, खान ने शिकायतकर्ता कांस्टेबल धर्मपाल को घटनास्थल पर जाने से रोका, उन्हें धमकी दी, आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया और जनता को उकसाने की कोशिश की।
अदालत ने कहा कि इस प्रकार खान ने शिकायतकर्ता के खिलाफ आपराधिक बल का इस्तेमाल किया।
इसने आदेश की प्रति थाना प्रभारी को सूचनार्थ भेजने का निर्देश दिया है। अदालत ने मामले की आगे की कार्यवाही के लिए 10 फरवरी की तारीख मुकर्रर की।
पुलिस ने कहा कि चार जनवरी को मोटर वाहन चोरी की एक घटना के संबंध में जब पुलिस नयी बस्ती इलाके में सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच कर रही थी, तब खान ने कथित तौर पर अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार किया।
खान को इससे पहले नवंबर 2022 की शुरुआत में एक पुलिस अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार करने और उसके साथ मारपीट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।