Indian Army: भारतीय सेना के अधिकारियों में होने जा रहा बड़ा बदलाव

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locationभारत
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calendar10 May 2023 02:44 AM
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Indian Army नई दिल्ली। भारतीय सेना ने फैसला किया है कि एक अगस्त से ब्रिगेडियर और उससे ऊपर के रैंक के अधिकारियों की एक समान वर्दी होगी, भले ही उनका मूल कैडर और नियुक्ति कुछ भी हो। सैन्य सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

सूत्रों ने बताया कि यह फैसला हाल ही में संपन्न सेना कमांडरों के सम्मेलन के दौरान विस्तृत चर्चा और सभी हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद लिया गया। यह निर्णय एक अगस्त से प्रभावी होगा।

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एक सूत्र ने बताया कि भारतीय सेना ने रेजिमेंट की सीमाओं से परे, वरिष्ठ नेतृत्व के बीच सेवा मामलों में सामान्य पहचान और दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए ब्रिगेडियर और उससे ऊपर के रैंक के अधिकारियों के लिए एक समान वर्दी अपनाने का फैसला किया है। यह भारतीय सेना की निष्पक्ष और न्यायसंगत संगठन होने की खासियत को और भी सशक्त करेगा।

सूत्रों ने बताया कि फैसले के तहत वरिष्ठ अधिकारियों की टोपी, कंधे पर बैज, गोरगेट पैच, बेल्ट और जूते का मानकीकरण किया जाएगा। फ्लैग-रैंक अधिकारी अब कोई पट्टा (कमरबंद) नहीं पहनेंगे।

कर्नल और नीचे के रंग के अधिकारियों की वर्दी में बदलाव नहीं

कर्नल और नीचे के रैंक के अधिकारियों की वर्दी में कोई बदलाव नहीं होगा। भारतीय सेना में ब्रिगेडियर और ऊपर के अधिकारी वे होते हैं जो पहले से ही यूनिट और बटालियनों की कमान संभाल चुके होते हैं और उनमें से ज्यादातर मुख्यालय या प्रतिष्ठानों में तैनात होते हैं, जहां सभी अंगों और सेवाओं के अधिकारी एक साथ काम करते हैं और कार्य करते हैं।

सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना की सच्ची प्रकृति को दर्शाते हुए एक मानक वर्दी वरिष्ठ रैंक के सभी अधिकारियों के लिए एक सामान्य पहचान सुनिश्चित करेगी।

विभिन्न प्रकार की वर्दी और साज-सज्जा का भारतीय सेना के संबंधित अंगों, रेजिमेंट और सेवाओं से विशिष्ट संबंध है। पिछले साल सेना ने अपने सभी सैनिकों के लिए नई ‘युद्धक वर्दी’ पेश की थी।

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Vajpayee biography: जब अमेरिका में नाइट क्लब पहुंचे थे अटल बिहारी वाजपेयी

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:03 AM
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Vajpayee biography: नई दिल्ली। अटल बिहारी वाजपेयी 1960 में पहली बार अमेरिका की यात्रा पर गए और संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में तैनात एक युवा भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी से उनकी दोस्ती हो गई। इसके बाद दोनों ने न्यूयॉर्क की यात्रा की और संग्रहालय, कला दीर्घा, यहां तक की नाइटक्लब भी गए। पूर्व प्रधानमंत्री की नयी जीवनी में यह बातें कही गई हैं।

Vajpayee biography

वाजपेयी जॉन एफ. कैनेडी और रिचर्ड निक्सन के बीच राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान पर्यवेक्षक बनने के लिए अमेरिकी सरकार के निमंत्रण पर वहां गए थे। वह संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा चुने गए प्रतिनिधिमंडल का भी हिस्सा थे।

अभिषेक चौधरी ने अपने दो खंडों के संस्मरण “वाजपेयी: द एसेंट ऑफ द हिंदू राइट” के पहले हिस्से में कहा है कि 25 सितंबर, 1960 की सुबह वाजपेयी अपनी पहली विदेश यात्रा पर अमेरिका जाने के लिए एक विमान में सवार हुए।

रेलवे श्रमिकों के कार्यक्रम का आमंत्रण

उन्होंने लिखा कि अमेरिकी सरकार की ओर से उन्हें राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान एक पर्यवेक्षक के रूप में उपस्थित होने का निमंत्रण दिया गया था। 'ऑर्गनाइजर' में बताया गया है कि उन्हें रेलवे श्रमिकों से संबंधित कार्यक्रम के लिए भी आमंत्रित किया गया था। हालांकि ‘ऑर्गनाइजर’ ने वाजपेयी की यात्रा के दूसरे और शायद अधिक महत्वपूर्ण हिस्से का उल्लेख नहीं किया कि नेहरू ने उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के लिए प्रतिनिधियों की सूची में शामिल किया था।

लेखक के अनुसार, न्यूयॉर्क में अपने प्रवास के दौरान अधिकतर समय वाजपेयी आईएफएस अधिकारी महाराजकृष्ण रसगोत्रा ​​के साथ रहे।

‘पिकाडोर इंडिया’ द्वारा प्रकाशित इस किताब में कहा गया है, “संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में नहीं होने पर, वाजपेयी ने अपना समय (आरएसएस के मुखपत्रों के लिए) लेखन और रसगोत्रा के साथ शहर की यात्रा में बिताया। विऔपनिवेशीकरण के विशेषज्ञ रासगोत्रा ​​ने संयुक्त राष्ट्र के बारे में वाजपेयी की समझ पैनी की, तो उस समय सांसद रहे वाजपेयी ने अपने संसदीय जीवन के किस्से साझा किए।

रसगोत्रा, वाजपेयी को ले गए थे नाइट क्लब

चौधरी ने कहा कि दोनों की आयु 30 साल के आसपास थी और वे कुंवारे थे। उनके बीच थोड़ी बहुत दोस्ती भी थी। रसगोत्रा ​​उन्हें संग्रहालयों और कला दीर्घाओं में ले गए, लेकिन इसमें वाजपेयी को कुछ खास मजा नहीं आया। कई बार रसगोत्रा ​​उन्हें नाइट क्लब भी ले गए। वाजपेयी को यह भी मालूम नहीं था कि वास्तव में नाइट क्लब क्या होता है।

चौधरी ने लिखा कि रसगोत्रा ​​​​ने उन्हें आश्वस्त किया कि यह कोई स्ट्रिप क्लब नहीं है: यहां 'नग्न नृत्य नहीं होता। यहां आपको पता चलेगा कि आधुनिक संगीत क्या आकार ले रहा है - यह जैज, इंस्ट्रूमेंटल लोकल म्यूजिक है।' इस पर वाजपेयी उत्साहित होकर बोले: 'चलिए, ये भी एक नयी दुनिया है।' ऐसे सैर सपाटों के दौरान उन्होंने एकाध पैग भी लगाए। Vajpayee biography

Delhi News: उपराज्यपाल पर भी मुकदमा चलाया जा सकता है: आम आदमी पार्टी

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Delhi News: उपराज्यपाल पर भी मुकदमा चलाया जा सकता है: आम आदमी पार्टी

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 12:02 AM
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Delhi News नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना को आपराधिक मुकदमे से छूट नहीं देने के, गुजरात की अदालत के फैसले हवाला देते हुए मंगलवार को दावा किया कि इससे पता चलता है कि उनपर भी मुकदमा चलाया जा सकता है।

‘आप’ के मुख्य प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एलजी वीके सक्सेना पर 2002 में गुजरात आश्रम में कार्यकर्ता मेधा पाटकर से मारपीट करने का आरोप है। उन्होंने इस मामले में याचिका दायर की थी।

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भारद्वाज ने कहा कि सक्सेना की याचिका में संविधान के अनुच्छेद 361 (2) का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति या किसी राज्य के राज्यपाल के खिलाफ उनके कार्यकाल के दौरान किसी भी अदालत में कोई भी आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती या जारी नहीं रखी जा सकती।

उन्होंने कहा कि राज्यपालों को केंद्र सरकार द्वारा चुना जाता है और भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है, जबकि उपराज्यपाल का चयन और नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

आप नेता ने कहा कि उपराज्यपाल ने संविधान को ही पलट दिया। अदालत में उनके आवेदन में कहा गया है कि वह राज्यपाल से ऊपर और राष्ट्रपति के नीचे हैं। लेकिन अदालत ने उनके आवेदन को खारिज करते हुए कहा है कि उपराज्यपाल को कोई छूट नहीं मिलती। वह हर दिन अपने अधिकार क्षेत्र में नहीं आने वाले काम कराने के लिए सरकारी विभागों को आदेश जारी करते हैं। इससे पता चलता है कि उनकी जवाबदेही भी तय की जा सकती है।

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