Wednesday, 18 December 2024

आज लोकसभा में पेश होगा “एक देश-एक चुनाव” बिल, विरोध में विपक्षी दल

One Nation One Election Bill : लोकसभा में आज (17 दिसंबर) “एक देश, एक चुनाव” बिल पेश किया जाएगा। केंद्रीय…

आज लोकसभा में पेश होगा “एक देश-एक चुनाव” बिल, विरोध में विपक्षी दल

One Nation One Election Bill : लोकसभा में आज (17 दिसंबर) “एक देश, एक चुनाव” बिल पेश किया जाएगा। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल इसे 12 बजे सदन में पेश करेंगे। यह बिल, जिसे 12 दिसंबर को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिली थी, 129वें संविधान संशोधन के रूप में प्रस्तुत होगा। इसे लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीव्र बहस हो रही है और इस मुद्दे पर विरोध भी बढ़ता जा रहा है।

विकास कार्यों पर कितना होगा असर?

बीजेपी, शिवसेना और अन्य NDA सहयोगी दल “एक देश, एक चुनाव” के समर्थन में खड़े हैं। इन दलों का कहना है कि इस योजना से चुनावी खर्च में कमी आएगी, चुनावों की प्रक्रिया सरल होगी और आचार संहिता केवल एक बार लागू होगी। इसके अतिरिक्त, वे यह भी दावा कर रहे हैं कि इससे लोकतंत्र में ज्यादा भागीदारी होगी, क्योंकि एक ही समय में चुनाव होने से मतदान बढ़ सकता है। इसके अलावा, सरकार का कहना है कि इससे विकास कार्यों पर कोई असर नहीं पड़ेगा और यह सरकार को जवाबदेह बनाए रखेगा। इस बिल के समर्थन में भाजपा और शिवसेना ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है, जिसमें उन्हें सदन में मौजूद रहने के लिए कहा गया है।

बिल के विरोध में विपक्षी दल

वहीं सपा, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध किया है। उनका कहना है कि “एक देश, एक चुनाव” से सरकार की निरंकुशता बढ़ेगी और लोकतांत्रिक जवाबदेही कम हो जाएगी। विपक्ष का कहना है कि जब पांच साल में एक बार चुनाव होगा, तो सरकार का नियंत्रण बढ़ जाएगा और इसके कारण क्षेत्रीय मुद्दों की अनदेखी हो सकती है। साथ ही वे इसे संविधान के खिलाफ मानते हैं, क्योंकि यह कई राज्य सरकारों के लिए चुनौतियां उत्पन्न कर सकता है। विपक्ष यह भी कह रहा है कि इस बिल का मुख्य उद्देश्य असल मुद्दों से ध्यान हटाना और जनता को भटकाना है। इसके अलावा, उनके मुताबिक यह बिल देश के लोकतांत्रिक तंत्र को कमजोर कर सकता है।

क्या है रामनाथ कोविंद कमेटी की सिफारिशें?

  • सभी विधानसभाओं का कार्यकाल 2029 तक बढ़ाया जाए।
  • यदि किसी विधानसभा में हंगामा हो या नो कॉन्फिडेंस मोशन पास हो तो उसके लिए नए चुनाव कराए जाएं।
  • पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं।
  • दूसरे चरण में 100 दिनों के अंदर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएं।
  • चुनाव आयोग एक एकल वोटर लिस्ट तैयार करेगा, जिससे चुनाव की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और व्यवस्थित होगी।

आने वाले दिनों में छिड़ सकती है बहस

लोकसभा में आज “एक देश एक, चुनाव” बिल को पेश किया जाएगा और इसे जेपीसी (जॉइंट पेरलियामेंटरी कमेटी) के पास भेजे जाने की संभावना है, ताकि इस पर विस्तार से चर्चा की जा सके। इस बिल का विरोध करने वाले विपक्षी दलों का कहना है कि, इस पर गहरी विचार-विमर्श की आवश्यकता है जबकि सरकार इसे जल्दी से जल्दी लागू करने की कोशिश कर रही है। इस मुद्दे पर आने वाले दिनों में और बहस हो सकती है क्योंकि यह भारत के लोकतांत्रिक ढांचे और चुनावी प्रक्रिया पर गहरा असर डाल सकता है।

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