Friday, 8 November 2024

OPS : आम लोगों की कीमत पर होगा सरकारी कर्मचारियों को फायदा : डी. सुब्बाराव

नई दिल्ली। पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को फिर से शुरू करने का कुछ राज्यों का फैसला निश्चित रूप से पीछे…

OPS : आम लोगों की कीमत पर होगा सरकारी कर्मचारियों को फायदा : डी. सुब्बाराव

नई दिल्ली। पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को फिर से शुरू करने का कुछ राज्यों का फैसला निश्चित रूप से पीछे जाने वाला कदम होगा। आरबीआई के पूर्व गवर्नर डी. सुब्बाराव ने यह बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि ओपीएस से आम लोगों की कीमत पर सरकारी कर्मचारियों को विशेषाधिकार मिलेगा, जबकि आम जनता में ज्यादातर के पास कोई विशेष सामाजिक सुरक्षा नहीं है।

OPS

उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत की जिम्मेदार कंपनी का मालिक व मालकिन फरार

ओपीएस के तहत कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन मिलती है। एक कर्मचारी पेंशन के रूप में अंतिम प्राप्त वेतन के मुकाबले 50 प्रतिशत राशि पाने का हकदार है। ओपीएस को एनडीए सरकार ने एक अप्रैल 2004 से बंद करने का फैसला किया था। सुब्बाराव ने कहा कि राजकोषीय उत्तरदायित्व के लिए हमारी प्रतिबद्धता और हमारे सुधारों की विश्वसनीयता, दोनों लिहाज से यह निश्चित रूप से पीछे जाने वाला कदम होगा। नयी पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10 प्रतिशत योगदान करते हैं, जबकि सरकार 14 प्रतिशत योगदान करती है।

उन्होंने कहा कि ऐसे देश में जहां ज्यादातर लोगों के पास कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं है, वहां निश्चित पेंशन वाले सरकारी कर्मचारी विशेषाधिकार प्राप्त लोग हैं। सुब्बाराव ने कहा कि अगर राज्य सरकारें पुरानी पेंशन योजना पर वापस लौटती हैं, तो पेंशन का बोझ मौजूदा राजस्व पर पड़ेगा, जिसका अर्थ है स्कूलों, अस्पतालों, सड़कों और सिंचाई के लिए कम आवंटन।

OPS

Political News : नहीं मिली डेटा संरक्षण विधेयक को संसदीय समिति की मंजूरी : कार्ति चिदंबरम

राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की सरकारों ने अपने कर्मचारियों के लिए ओपीएस को फिर से शुरू करने का फैसला किया है। उन्होंने इस बारे में केंद्र सरकार/पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) को बता दिया है। इसके अलावा पंजाब, झारखंड और हिमाचल प्रदेश ने भी ओपीएस पर लौटने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

भारत के बढ़ते चालू खाता घाटे (सीएडी) पर सुब्बाराव ने कहा कि इस साल की शुरुआत में कुछ चिंताएं थीं, लेकिन पिछले कुछ महीनों में दबाव कम हो गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा जिंस कीमतों में नरमी के कारण हुआ, जो अपने उच्च स्तर से करीब 15 प्रतिशत तक कम हो गई हैं।

देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें।

देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।

Related Post