Tribute : अद्भुत हस्ती थे बादल, देश के नेताओं को पढ़ाया सियासी पाठ

Badal 1
Badal was an amazing personality, taught political lessons to the leaders of the country
locationभारत
userचेतना मंच
calendar26 APR 2023 10:25 AM
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चंडीगढ़। प्रकाश सिंह बादल जीवन या राजनीति के क्षेत्र में आसानी से हार मानने वालों में से नहीं थे। पिछले साल ही, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने विधानसभा चुनाव के लिए पंजाब के मुक्तसर जिले में लंबी सीट से उन्हें उम्मीदवार बनाया था।

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रिकार्ड बुक में दर्ज हुआ नाम

प्रकाश सिंह बादल यह चुनाव भले हार गए थे, लेकिन देश में चुनाव लड़ने वाले सबसे उम्रदराज व्यक्ति होने के नाते रिकॉर्ड बुक में उनका नाम दर्ज हो गया। बठिंडा जिले के बादल गांव के सरपंच बनने के साथ शुरू हुए लंबे राजनीतिक करियर में यह उनकी 14वीं चुनावी लड़ाई थी। बादल एक अलग पंजाबी भाषी राज्य के लिए चलाए गए आंदोलन का हिस्सा भी रहे।

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पांच बार मुख्यमंत्री, 11 बार रहे विधायक

पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके बादल का मंगलवार को चंडीगढ़ के पास मोहाली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। सांस लेने में परेशानी होने के बाद उन्हें नौ दिन पहले ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह 95 वर्ष के थे। पंजाब की राजनीति के दिग्गज नेता बादल पहली बार 1970 में मुख्यमंत्री बने और उन्होंने एक गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया, जिसने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया। इसके बाद वह 1977-80, 1997-2002, 2007-12 और 2012-2017 में भी राज्य के मुख्यमंत्री रहे। बादल 11 बार विधायक रहे और केवल दो बार राज्य विधानसभा का चुनाव हारे। वर्ष 1977 में वह केंद्र में कृषि मंत्री के रूप में मोरारजी देसाई की सरकार में थोड़े समय के लिए शामिल हुए। अपने राजनीतिक जीवन के आखिरी दौर में 2008 में बादल ने अकाली दल की बागडोर बेटे सुखबीर सिंह बादल को सौंप दी, जो उनके अधीन पंजाब के उपमुख्यमंत्री भी बने।

1957 से शुरू हुआ सक्रिय सियासी सफर

प्रकाश सिंह बादल का जन्म आठ दिसंबर 1927 को पंजाब के बठिंडा के अबुल खुराना गांव में हुआ था। बादल ने लाहौर के फॉरमैन क्रिश्चियन कॉलेज से स्नातक किया। उन्होंने 1957 में कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में मलोट से पंजाब विधानसभा में प्रवेश किया। 1969 में उन्होंने अकाली दल के टिकट पर गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट से जीत हासिल की। जब पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री गुरनाम सिंह ने 1970 में दल-बदल करके कांग्रेस का दामन थामा था, तब अकाली दल फिर से संगठित हो गया। उसके बाद इसने जनसंघ के समर्थन से राज्य में सरकार बनाई। वह तब देश के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने। यह बात दीगर है कि यह गठबंधन सरकार एक वर्ष से थोड़ा अधिक चली। वर्ष 2017 में बतौर मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल समाप्त किया तो वह इस पर रहने वाले सबसे अधिक उम्र के नेता थे।

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सतलुज यमुना लिंक नहर का किया था कड़ा विरोध

वर्ष 1972 में बादल सदन में विपक्ष के नेता बने, लेकिन बाद में फिर से मुख्यमंत्री बने। बादल के नेतृत्व वाली सरकारों ने किसानों के हितों पर अपना ध्यान केंद्रित किया। उनकी सरकार के महत्वपूर्ण निर्णयों में कृषि के लिए मुफ्त बिजली देने का निर्णय भी शामिल था। अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल ने सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के विचार का कड़ा विरोध किया, जिसका उद्देश्य पड़ोसी राज्य हरियाणा के साथ नदी के पानी को साझा करना था। इस परियोजना को लेकर एक आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए 1982 में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। यह परियोजना पंजाब के निरंतर विरोध के कारण अभी तक लागू नहीं हो सका है। उनके नेतृत्व में राज्य विधानसभा ने विवादास्पद पंजाब सतलुज यमुना लिंक नहर (स्वामित्व अधिकारों का हस्तांतरण) विधेयक, 2016 पारित किया। यह विधेयक परियोजना पर तब तक की प्रगति को उलटने के लिए था।

Tribute : नहीं रहे भारतीय राजनीति के इतिहास पुरुष प्रकाश सिंह बादल

तीन कृषि कानून के कारण तोड़ा बीजेपी से नाता

उनकी पार्टी ने 2020 में केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से अपना नाता तोड़ लिया। प्रकाश सिंह बादल की पत्नी सुरिंदर कौर बादल की 2011 में कैंसर से मौत हो गई थी। उनका बेटा सुखबीर सिंह बादल और बहू हरसिमरत कौर बादल दोनों ही राजनीति में सक्रिय हैं। सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने उन्हें 'पंथ रतन फख्र-ए-कौम' या प्राइड ऑफ द फेथ की उपाधि से सम्मानित किया, जिसकी कई लोगों ने आलोचना भी की। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Tribute : नहीं रहे भारतीय राजनीति के इतिहास पुरुष प्रकाश सिंह बादल

Badal
Prakash Singh Badal, the man in the history of Indian politics, is no more
locationभारत
userचेतना मंच
calendar26 APR 2023 10:00 AM
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नई दिल्ली/चंडीगढ़। भारतीय राजनीति के इतिहास पुरुष प्रकाश सिंह बादल नहीं रहे। पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके बादल का मंगलवार की रात चंडीगढ़ के पास मोहाली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। सांस लेने में परेशानी होने के बाद उन्हें नौ दिन पहले ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह 95 वर्ष के थे। उनके निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देशभर के नेताओं ने दुख व्यक्त किया। इन नेताओं ने देश तथा पंजाब के विकास के लिए उनके अपार योगदान को याद किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि बादल आजादी के बाद के सबसे बड़े राजनीतिक दिग्गजों में से एक थे। उन्होंने ट्वीट कर कहा, हालांकि, सार्वजनिक सेवा में उनका अनुकरणीय करियर काफी हद तक पंजाब तक ही सीमित था, लेकिन देशभर में उनका सम्मान किया जाता था। उनके निधन से एक रिक्तता पैदा हो गयी है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।

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उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बादल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि बादल का निधन पंजाब और देश के लिए बड़ी क्षति है। उपराष्ट्रपति ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें उनके असाधारण नेतृत्व, दूरदृष्टि और लोगों के कल्याण के प्रति अटूट समर्पण के लिए हमेशा याद किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बादल ने न सिर्फ पंजाब की प्रगति के लिए अथक प्रयास किये, बल्कि देश के विकास में भी बहुत योगदान दिया। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, प्रकाश सिंह बादल के निधन से अत्यंत दुखी हूं। वह भारतीय राजनीति के एक विशाल व्यक्तित्व और एक उल्लेखनीय राजनेता थे। उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास में बहुत योगदान दिया। उन्होंने पंजाब की प्रगति के लिए अथक प्रयास किया और महत्वपूर्ण समय के दौरान राज्य को नेतृत्व दिया। बादल के निधन को व्यक्तिगत क्षति बताते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने कई दशकों तक उनके साथ निकटता से बातचीत की है और उनसे बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने कहा कि मुझे उनके साथ हुई कई बातचीत याद है, जिसमें उनकी बुद्धिमत्ता हमेशा स्पष्ट रूप से झलकती थी। उनके परिवार और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति संवेदना।

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बादल ने दशकों तक पंजाब की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और किसानों और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए कई उल्लेखनीय योगदान दिए। राजनाथ ने ट्वीट कर कहा कि बादल साहब माटी के लाल थे, जो जीवनभर अपनी जड़ों से जुड़े रहे। मैं कई मुद्दों पर उनके साथ अपनी बातचीत को बड़े चाव से याद करता हूं। उनके निधन से मुझे गहरा दुख पहुंचा है। उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। उनके शोक संतप्त परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल का निधन भारतीय राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शाह ने कहा कि बादल का बेजोड़ राजनीतिक अनुभव सार्वजनिक जीवन में उनके लिए बहुत मददगार रहा और बादल को सुनना हमेशा सुखद रहता था। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वरिष्ठ राजनेता श्री प्रकाश सिंह बादल साहब का निधन अत्यंत दुखद है। कई दशकों का उनका राजनीतिक जीवन गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित था। उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं। शाह ने कहा कि वह सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें कई बार बादल से मिलने का मौका मिला। एक अन्य ट्वीट में शाह ने कहा कि उनका अद्वितीय राजनीतिक अनुभव मेरे लिए सार्वजनिक जीवन में बहुत मददगार था और उन्हें सुनने में हमेशा आनंद आता था। उनके साथ मुलाकातों की यादें हमेशा मेरे साथ रहेंगी। ओम शांति शांति शांति।

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भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने बादल को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें पंजाब की राजनीति का अगुआ बताया और कहा कि वह एक जमीनी नेता थे। राज्य के विकास के लिए अथक परिश्रम करके उन्होंने खुद को जनता का प्रिय बना लिया। आडवाणी ने अपने शोक संदेश में कहा कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री की पार्टी शिरोमणि अकाली दल भाजपा के सबसे पुराने सहयोगियों में से एक थी। उसने 1990 के दशक में भाजपा के साथ मिलकर केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई। आडवाणी ने कहा कि मैंने उनके साथ एक लंबा और गहरा जुड़ाव साझा किया। मैं किसानों और समाज के कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए उनकी सादगी और प्रतिबद्धता के लिए उनकी प्रशंसा करता हूं। भाजपा नेता ने बादल के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। पंजाब और हरियाणा के राज्यपालों तथा पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बादल के निधन पर शोक व्यक्त किया। पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने बादल को भारतीय राजनीति में एक बड़ी शख्सियत और एक ऐसा नेता बताया, जिसने पंजाब के लोगों की विशिष्टता के साथ सेवा की। बनवारीलाल पुरोहित ने कहा कि बादल ईमानदारी, ज्ञान और करुणा के व्यक्ति थे, जिन्होंने अपना जीवन हमारे लोगों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। वह पंजाब के सच्चे सपूत थे, जिन्होंने हमारे राज्य और यहां के लोगों के हितों को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किया। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बादल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वह एक सक्षम प्रशासक और सबसे बढ़कर एक अच्छे इंसान थे। मोहाली में अस्पताल पहुंचे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बादल के बेटे सुखबीर सिंह बादल को सांत्वना दी। अस्पताल के बाहर मीडिया से बात करते हुए खट्टर ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बादल दूरदर्शिता वाले नेता थे। खट्टर ने कहा कि उन्होंने हमेशा किसानों, गरीबों और दलितों के लिए आवाज उठाई। उन्होंने लोगों की सेवा की और आज उनके निधन से एक युग का अंत हो गया।

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बादल के निधन पर दुख जताया है। योगी आदित्यनाथ ने एक शोक सन्देश में कहा कि श्री प्रकाश सिंह बादल एक वरिष्ठ एवं अनुभवी राजनेता थे। उन्होंने समाज के गरीब, कमजोर, शोषित और वंचित वर्गों के लिए जीवनपर्यन्त संघर्ष किया। पंजाब के मुख्यमंत्री तथा भारत सरकार के मंत्री के रूप में श्री बादल की सेवाओं को सदैव याद रखा जाएगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि बादल एक कद्दावर राजनीतिक शख्सियत थे, जिनका पंजाब के विकास में योगदान बहुत बड़ा है और उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनके निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट कर कहा कि वह एक बड़ी राजनीतिक हस्ती थे, जिनका पंजाब के विकास में बहुत योगदान है और इसे हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिजनों और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। कांग्रेस ने कहा कि उनके निधन से भारतीय राजनीति में एक युग का अंत हुआ। कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और विपक्ष के कई अन्य नेताओं ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निधन पर गहरा शोक जताया और सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को याद किया। खरगे ने ट्वीट कर कह कि प्रकाश सिंह बादल जी भारतीय राजनीति के कद्दावर नेता थे। यद्यपि हमारे बीच वैचारिक मतभेद थे, उन्होंने अपनी सरलता और कार्यकर्ताओं के प्रति वफादारी के चलते पंजाब के लोगों में बहुत सम्मान अर्जित किया था। कई बार मुख्यमंत्री रहे। उनके परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के पूर्व अध्यक्ष सरदार प्रकाश सिंह बादल जी के निधन का समाचार दुखद है। वह आजीवन भारत और पंजाब की राजनीति के एक कद्दावर नेता रहे। उन्होंने कहा कि श्री सुखबीर सिंह बादल समेत उनके सभी शोकाकुल परिजनों और समर्थकों को अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सरदार प्रकाश सिंह बादल जी के निधन की बेहद दुखद जानकारी मिली। वाहेगुरू जी उनकी आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें। मेरी संवेदनाएं सुखबीर बादल जी एवं उनके पूरे परिवार के साथ हैं। जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ़ ललन सिंह ने ट्वीट किया कि देश के वयोवृद्ध राजनीतिज्ञ, शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल जी के निधन की खबर अत्यंत दुखद है। उनके निधन से देश ने एक संघर्षशील नेता खो दिया है। उन्होंने कहा कि ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शान्ति और शोकाकुल परिजनों के लिए दुःख सहने की शक्ति की कामना करता हूं। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और चरणजीत सिंह चन्नी ने भी बादल को श्रद्धांजलि दी। अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह न केवल परिवार के लिए बल्कि पूरे राज्य और पूरे देश के लिए क्षति है। अमरिंदर सिंह ने कहा कि बादल एक कद्दावर नेता थे, जिनका सभी राज्यों और राजनीतिक दलों में सम्मान किया जाता था। उनकी कमी लंबे समय तक महसूस की जाएगी और इससे पैदा हुई कमी को भरना मुश्किल होगा। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि देश के वरिष्ठ राजनेता एवं पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री श्री प्रकाश सिंह बादल जी का निधन, अत्यंत दुखद! ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति व शोक संतप्त परिवार को संबल प्रदान करें। भावभीनी श्रद्धांजलि। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर कहा कि काफी लम्बा सम्मानित राजनीतिक सफर तय करने वाले शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक एवं पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री श्री प्रकाश सिंह बादल जी के आज निधन हो जाने की ख़बर अति-दुःखद। उनके परिवार व समस्त समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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PM Cares Fund: ‘पीएम केयर्स फंड’ ऑडिट और RTI के दायरे में क्यों नहीं: कांग्रेस

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PM Cares Fund
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userचेतना मंच
calendar25 APR 2023 09:45 PM
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PM Cares Fund / नई दिल्ली। कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि ‘पीएम केयर्स फंड’ को लेकर पारदर्शिता और जवाबदेही का अभाव है तथा यह किसी ऑडिट या सूचना के अधिकार (RTI) के दायरे में नहीं आता है।

पार्टी प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने यह भी कहा कि इस कोष में पांच हजार करोड़ रुपये आए हैं और ऐसे में इसका ऑडिट होना चाहिए तथा इसे आरटीआई के दायरे में लाया जाना चाहिए।

PM Cares Fund

उन्होंने कहा कि ‘पीएम केयर्स’ में जो भी धन आया, उनमें से 60 प्रतिशत कुछ सार्वजनिक उपक्रमों से आया है तथा यह संवैधानिक नियमों का उल्लंघन है, क्योंकि बिना किसी कानूनी वैधता के ‘धन एकत्र’ किया जा रहा है।

सिंघवी ने सवाल किया कि आप (सरकार) हर महीने वेबसाइट पर पीएम केयर्स फंड का पूरा खर्चा, प्राप्त राशि, दानदाता के नाम साझा क्यों नहीं करते हैं? कैग को रिपोर्ट क्यों नहीं देते? पारदर्शिता के लिए आप आरटीआई का जवाब क्यों नहीं देते हैं? किसी विधायिका का सहयोग क्यों नहीं लेते या किसी एक्ट के तहत कोई नोटिफिकेशन जारी क्यों नहीं करते हैं?

उन्होंने यह भी पूछा कि इसे आंशिक रूप से कानून का रूप क्यों नहीं देते? इतने वर्षों में आपने एक भी श्वेत पत्र क्यों नहीं जारी किया? पीएम केयर्स फंड का रुपया कहां खर्च हो रहा है? किसी भी क्षेत्र में पैसा खर्च करने का फैसला किस मापदंड के तहत लिया जाता है? कोरोना महामारी के समय ‘पीएम केयर्स फंड’ का गठन किया गया था।

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