Monday, 18 November 2024

भाजपा तथा संघ के बीच बढ़ रहा है तनाव, कुछ भी ठीक नहीं है

RSS : लोकसभा चुनाव के दौरान ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बीच तनाव की…

भाजपा तथा संघ के बीच बढ़ रहा है तनाव, कुछ भी ठीक नहीं है

RSS : लोकसभा चुनाव के दौरान ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बीच तनाव की खबरें आने लगी थीं। यह बात तेजी से फैल रही थी कि  RSS चुनाव में भाजपा की मदद नहीं कर रहा है। चुनाव के नतीजे आने के बाद भाजपा बनाम  RSS की चर्चा बहुत तेज हो गयी है। विश्लेषकों का दावा है कि भाजपा तथा  RSS के बीच में बड़ा तनाव पैदा हो गया है। यानि कि भाजपा तथा  RSS के बीच कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है।

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RSS नेता हो रहे हैं हमलावर

लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से RSS के तमाम बड़े नेता भाजपा पर हमलावर हो रहे हैं। BJP को अहंकारी तक होने का तमगा RSS के नेता दे रहे हैं। अधिक विश्लेषण करने की बजाय उन बयानों को जान लेते हैं जो बयान  RSS के तमाम नेताओं ने भाजपा को लेकर दिए हैं। RSS के नेताओं के बयानों में बहुत बड़ा संदेश छुपा हुआ है। इन बयानों से स्पष्ट हो रहा है कि  RSS तथा BJP के बीच में बड़ा तनाव पैदा हो गया है।

चुनाव परिणाम सामने आने के बाद RSS के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मणिपुर में फैले अशांति का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि  संघर्ष से जूझ रहे राज्य की स्थिति पर प्राथमिकता से विचार किया जाना चाहिए।  RSS प्रमुख ने आगे कहा कि मणिपुर पिछले एक साल से शांति का इंतजार कर रहा है। राज्य में 10 साल पहले शांति थी। ऐसा मालूम पड़ता था कि वहां बंदूक संस्कृति खत्म हो गई है, लेकिन राज्य में अचानक हिंसा देखी गई। यह बहुत ही चिंता और सबक लेने का विषय है।

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RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान के बाद RSS मेंबर रतन शारदा ने  RSS के मुखपत्र ‘ऑर्गनाइजर’ में एक लेख लिखा, जिसमें उन्होंने बताया कि क्यों लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन खराब रहा। उन्होंने दावा किया कि भाजपा पार्टी के कार्यकर्ता जनता की आवाज सुनने की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैन फॉलोइंग की चमक का आनंद ले रहे थे। रतन शारदा ने आगे कहा कि भाजपा के नेता चुनावी सहयोग के लिए ‘स्वयंसेवकों’ तक नहीं पहुंचे। भाजपा ने उन कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं दी जो जमीन पर काम कर रहे थे।
वहीं, पार्टी ने उन कार्यकर्ताओं पर भरोसा जताया जो ‘सेल्फी’ के सहारे प्रचार कर रहे थे। आरएसएस मेंबर रतन शारदा ने लेख में आगे लिखा,”यह चुनाव परिणाम भाजपा के लिए एक ‘रियलिटी चेक’ है।” वहीं RSS कार्यकर्ता ने लिखा कि भाजपा ने महाराष्ट्र की राजनीति में जरूरत से ज्यादा सक्रियता दिखाई। वहीं, भाजपा का एनसीपी और शिवसेना दलों को साथ हाथ मिलाना कई पार्टी कार्यकर्ताओं को नगवार गुजरा, जिसका बुरा असर चुनाव पर पड़ा।

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अहंकार का नाश हुआ

इसके बाद  RSS की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य तथा  RSS  के प्रमुख नेता इंद्रेश कुमार ने इशारों-इशारों में भाजपा को अहंकारी बता दिया। इंद्रेश कुमार ने आगे कहा कि प्रभु राम सभी के साथ न्याय करते हैं। उनका न्याय बहुत विचित्र है, जो 2024 के चुनाव में भी दिखा। RSS नेता ने कहा कि जिन लोगों ने राम की भक्ति की, लेकिन उनमें अहंकार आ गया तो उनको प्रभु ने सबसे बड़ी पार्टी तो बनाया लेकिन वो शक्ति और पूरा हक नहीं दिया जो मिलना चाहिए था। ये सब अहंकार के कारण हुआ।
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने अबकी बार 400 पार का नारा दिया था। भाजपा को उम्मीद थी कि इस चुनाव में एनडीए गठबंधन 400 से ज्यादा सीटें जीतेगी। हालांकि, चुनाव परिणाम सामने आने के बाद एनडीए को 293 सीटें ही मिल सकी। वहीं, भाजपा अपने दम पर बहुमत लाने में नाकामयाब रही। पार्टी को 240 सीटें मिली। RSS तथा भाजपा के बीच जो भी चल रहा है इन बयानों से साफ हो रहा है।

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