बेंगलुरु। कर्नाटक में ‘शक्ति’ योजना की शुरुआत के बाद मंगलवार को 51.53 लाख महिलाओं ने सरकारी बसों में निशुल्क यात्रा की। इससे सरकारी खजाने पर 10.82 करोड़ रुपये का भार पड़ा। इसके साथ ही योजना के तहत अब तक करीब एक करोड़ महिलाओं ने सड़क परिवहन निगम की सामान्य बसों में सफर किया।
‘Shakti’ Scheme
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11 जून को लागू हुई थी योजना
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, रविवार को शुरू हुई योजना के तीसरे दिन मंगलवार को 20.57 लाख लोगों ने बेंगलुरु सिटी बसों में निशुल्क सफर किया। इसके लिए सरकार को 2.02 करोड़ रुपये का भार वहन करना पड़ा। हालांकि, कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में यात्रा करने वाली 13.98 लाख महिलाओं पर राज्य सरकार ने अधिकतम 4.12 करोड़ रुपये खर्च किए।
‘Shakti’ Scheme
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खजाने पर पड़ा 21.06 करोड़ का बोझ
आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर पश्चिम कर्नाटक सड़क परिवहन निगम की बसों में 11.09 लाख महिलाओं ने यात्रा की। शक्ति योजना की शुरुआत के बाद से सिर्फ तीन दिनों में राज्य में 98,58,518 महिलाओं ने राज्य की सरकारी बसों में निशुल्क यात्रा की। इससे राज्य के खजाने पर 21.06 करोड़ रुपये का भार पड़ा। गौरतबल है कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान सत्ता में आने पर शक्ति योजना लागू करने का वादा किया था।
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