धनीराम मित्तल एक ऐसा सुपर चोर है जो भारत की कानून व्यवस्था तथा पुलिस के लिए आज भी पहेली बना हुआ है। जी हां यह कोई फिल्मी कहानी नहीं है बल्कि भारत के सुपर चोर धनीराम मित्तल का सच्चा किस्सा है। धनीराम मित्तल ने दिल्ली, हरियाणा तथा राजस्थान में दिनदहाड़े एक हजार से ज्यादा कारों की चोरी की है। इतना ही नहीं पुलिस के लिए पहली बना धनीराम मित्तल दो महीने के लिए बाकायदा जज भी बना रहा।
कौन है धनीराम मित्तल
धनीराम मित्तल का नाम दिल्ली, हरियाणा तथा राजस्थान की पुलिस भली-भांति जानती है। दिल्ली पुलिस के डीसीपी पुष्पेद्र कुमार के अनुसार धनीराम मित्तल मूलरूप से हरियाणा प्रदेश के भिवानी शहर का रहने वाला है। उसने अपना एक ठिकाना दिल्ली के टीकरी गांव में भी बना रखा था।
धनीराम मित्तल इस समय कहा है ?
किसी को ठीक-ठीक नहीं पता है। लेकिन रिकॉर्ड की माने तो इस समय धनीराम मित्तल की उम्र 81 वर्ष के आसपास हैं।
एक हजार से अधिक चोरी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार धनीराम मित्तल भारत में कारों की चोरी करने वाला सबसे बड़ा चोर रहा है। उसने चोरी की वारदातें करते समय एक हजार से ज्यादा कार चोरी करके बेची हैं। मजेदार बात यह है कि धनीराम मित्तल दिन में ही चोरी करता था।
सुपर चोर से बना जज
धनीराम मित्तल केवल कार चुराने तक ही सीमित नहीं रहा। वह फर्जी कागजात बनाकर बाकायदा जज बन गया। दो महीने तक जज की कुर्सी पर बैठकर धनीराम मित्तल बाकायदा फैसले सुनाता रहा। आपको बता दें कि यह दुनिया की अकेली मिसाल है जब कोई अपराधी खुद ही जज बनकर बैठ गया हो। दरअसल, धनीराम मित्तल ने फर्जी कागजात बनाकर हरियाणा के झज्जर कोर्ट के एडिशनल सेशल जज को करीब दो महीने की छुट्टी पर भेज दिया था और उनके बदले वह खुद जज की कुर्सी पर बैठ गया था। कहा जाता है कि इन दो महीनों में उसने 2000 से ज्यादा अपराधियों को जमानत पर रिहा कर दिया था, लेकिन कईयों को उसने अपने फैसले से जेल भी भिजवाया था। हालांकि बाद में मामले का खुलासा हुआ तो वह पहले ही वहां से भाग चुका था। इसके बाद जिन अपराधियों को उसने जमानत पर रिहा किया था, उन्हें फिर से पकडक़र जेल में डाला गया।
धनीराम मित्तल का एक किस्साा यह भी है कि कई साल पहले उसे गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया था। चूंकि उस समय जो जज थे, वो कई बार उसे अपनी अदालत में देख चुके थे, इसलिए खीझ कर उन्होंने कहा कि तुम मेरी अदालत से बाहर जाओ। इसके बाद वो जाने के लिए उठ गया। उसके साथ आए दो पुलिसकर्मी भी उठकर उसके साथ बाहर चले गए। इसके बाद वो वहीं से गायब हो गया। जब अदालत में उसका नाम पुकारा गया तो पुलिस के हाथ-पांव फूल गए, क्योंकि वो तो भाग चुका था। कहा जाता है कि उसने पुलिसकर्मियों को ये कहा था कि जज साहब ने तो उसे जाने के लिए कहा ही था।
कहते हैं कि धनी राम मित्तल ने एलएलबी की भी पढ़ाई की थी। इसके अलावा उसने हैंडराइटिंग विशेषज्ञ और ग्राफोलॉजी की डिग्री भी हासिल की थी। उसने ये डिग्रियां अपनी चोरी की वारदात को अंजाम देने के लिए हासिल की थी। इन डिग्रियों की बदौलत वह गाड़ी चुराता था और उसके फर्जी कागजात तैयार करके उन्हें बेच देता था।
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