सार
इन दिनों AI यानि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की हर जगह चर्चा हो रही है। हर कोई AI के फायदें गिनाने में लगा हुआ है। टीवी चैनल हो अथवा सोशल मीडिया सभी जगह AI को लेकर चर्चा हो चल रही है। बड़ी संख्या में तकनीक के जानकार लोग AI के नुकसान भी गिनवा रहे हैं। अब भारत के सुरक्षा सलाहकार NSA अजीत डोभाल ने भी एआई के खतरों को बताना शुरू कर दिया है।
विस्तार
Internet Technology : भारत के NSA अजीत डोभाल इन दिनों साउथ अफ्रीका की यात्रा पर हैं। सोमवार को उन्होंने जोहांसबर्ग में मित्र देशों की एक बैठक में भाग लिया। इस बैठक में NSA अजीत डोभाल ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हाल ही में आई AI तकनीक से दुनियाभर में साइबर खतरें बढ़ जाएंगे। उन्होंने कहा कि वें AI तकनीक को बुरा या अच्छा बताने में अपना समय बर्बाद नहीं करेंगे। उनकी चिंता तो AI के आ जाने के बाद साइबर अपराध व साइबर हमलों को लेकर है।
उन्होंने सभी देशों से आग्रह किया कि AI के कारण भविष्य में बढ़ने वाले साइबर खतरों से हमे मिल जुलकर निपटना पड़ेगा। इस बैठक में दक्षिण अफ्रीका के मंत्री खुम्बुदजो नत्शावेनी, रूस के निकोलाई पेत्रुशेव, चीन के वांग यी भी उपस्थित थे। बैठक में रूस और चीन के प्रतिनिधियों के अलावा ब्रिक्स के मित्र देश बेलारूस, बुरुंडी, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, मिस्र, कजाकिस्तान और क्यूबा ने भी चर्चा में भाग लिया।
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सोशल मीडिया का दुरुपयोग
NSA अजीत डोभाल ने एआई के खतरों की चिंता बताने के साथ ही साथ सोशल मीडिया के खतरों को भी इंगित किया है। डोभाल ने कहा कि युवा आबादी सोशल मीडिया साइटों के माध्यम से चरमपंथी विचारधाराओं के प्रसार के प्रति संवेदनशील है। इसकी वजह है कि वे तकनीक के जानकार हैं और उनका तेज दिमाग तेजी से चीजें ग्रहण करता है। डोभाल ने कहा कि ग्लोबल साउथ को विशेष रूप से संसाधनों की सीमाओं पर काबू पाने की जरूरत है।
क्या है एआई Artificial Intelligence ?
यदि आपने एआई के विषय में नहीं सुना है तो आज जान लीजिए कि एआई क्या है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के प्रकार :
> पूर्णतः प्रतिक्रियात्मक (Purely Reactive)
> सीमित स्मृति (Limited Memory)
> मस्तिष्क सिद्धांत (Brain Theory)
> आत्म-चेतन (Self Conscious)
> आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है — बनावटी (कृत्रिम) तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता।
> आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक जॉन मैकार्थी के अनुसार यह बुद्धिमान मशीनों, विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाने का विज्ञान और अभियांत्रिकी है अर्थात यह मशीनों द्वारा प्रदर्शित की गई इंटेलिजेंस है।
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