FMCG Bussiness : कंपनियों को मात्रा, मार्जिन के लिहाज से 2023 अच्छा रहने की उम्मीद

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FMCG Bussiness
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 04:12 AM
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FMCG Bussiness: नई दिल्ली। दाम को यथावत रखते हुए उत्पाद के पैकेट के आकार को छोटा कर मात्रा में कमी करना (श्रिंकफ्लेशन) ऐसी चीज है, जो देश में पहले कभी देखने को नहीं मिली थी। लेकिन यूक्रेन में युद्ध के बाद कच्चे माल की कीमतों में जोरदार उछाल के बीच रोजाना के उपभोग का सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली कंपनियों ने कुछ इसी तरह का रुख अपनाना है। इसकी वजह यह है कि एफएमसीजी कंपनियां यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि मांग में जो कमजोर सुधार है, वह पूरी तरह थम नहीं जाए।

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कच्चे माल की लागत बढ़ने के बीच जब एफएमसीजी कंपनियों के पास सारे विकल्प समाप्त हो गए, तो उन्होंने दाम बढ़ाना शुरू किया। एफएमसीजी कंपनियां उम्मीद कर रही हैं कि 2023 का साल उनके लिए कुछ बेहतर साबित होगा और वे मार्जिन के साथ-साथ मात्रा के मोर्चे पर भी बढ़ोतरी दर्ज करेंगी। विशेष रूप से इन कंपनियों को जिंस कीमतों में कमी के बीच ग्रामीण क्षेत्र की मांग में सुधार की उम्मीद है। एफएमसीजी कंपनियां ‘सतर्क के साथ आशान्वित’ भी हैं। उन्हें उम्मीद है कि ग्रामीण बाजार एक बार फिर सुधार की राह पर आएगा। उनकी कुल बिक्री में एक-तिहाई हिस्सा ग्रामीण बाजार का है। अच्छी फसल, सरकारी प्रोत्साहन और कृषि आय में सुधार से ग्रामीण बाजार की स्थिति में सुधार की उम्मीद है। एफएमसीजी क्षेत्र की मांग जिस समय सुधर रही थी, तो यूक्रेन युद्ध ने जिंस कीमतों के दाम चढ़ा दिए। कच्चे माल की ऊंची लागत से निपटने के लिए कई एफएमसीजी कंपनियों ने कीमत में बदलाव नहीं किया, लेकिन उन्होंने अपने उत्पादों के पैकेट और वजन को घटा दिया। इसे ‘श्रिंकफ्लेशन’ कहा जाता है। इसका मतबल है कि उपभोक्ताओं को कम उत्पाद के लिए समान या पुरानी कीमत का भुगतान करना पड़ रहा है। कोविड संक्रमण कम होने और अर्थव्यवस्था के खुलने के साथ 2022 की अंतिम तिमाही में मांग में सुधार होना शुरू हुआ। एफएमसीजी कंपनियां जो महामारी के कारण पिछले दो साल के दौरान गंभीर रूप से प्रभावित हुई थीं, उम्मीद कर रही हैं कि 2023 में चीजें बेहतर होंगी। डाबर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मोहित मल्होत्रा ​​ने कहा, हम वर्ष 2023 को लेकर आशान्वित हैं और हमें ग्रामीण मांग में सुधार की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि उभरते माध्यमों मसलन आधुनिक व्यापार और ई-कॉमर्स के जरिये शहरी मांग में वृद्धि जारी रहेगी। उद्योग में 2022 में कीमत वृद्धि दो अंक यानी 10 प्रतिशत से अधिक रही है। डेटा विश्लेषण कंपनी नील्सनआईक्यू की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि एफएमसीजी उद्योग में पिछले तीन माह की तुलना में सितंबर तिमाही में मात्रा के लिहाज से 0.9 प्रतिशत की गिरावट रही। इमामी के वाइस चेयरमैन मोहन गोयनका ने कहा कि उच्च मुद्रास्फीति और ग्रामीण सुस्ती चिंता का विषय बनी हुई है, लेकिन जिंस कीमतें नीचे आना शुरू हो गई हैं। उन्होंने कहा कि अक्टूबर से जिंस कीमतें नीचे आ रही हैं लेकिन इसका लाभ अगले वित्त वर्ष में ही दिखना शुरू होगा। ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के कार्यकारी वाइस चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक वरुण बेरी ने कहा कि महामारी के बाद मांग स्थिर हुई है। लेकिन लागत और मुनाफे के मोर्चे पर देखा जाए, तो जिंसों के दाम ऊंचे हैं। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि जिंसों के दाम अभी नरम नहीं हुए हैं। हालांकि, हमें उम्मीद है कि आगे चलकर जिंस कीमतें नीचे आएंगी। बेरी ने कहा कि अभी सिर्फ पाम तेल का दाम नीचे आया है। गेहूं के दाम चढ़े हुए हैं जबकि चीनी स्थिर है। हालांकि, आगे हमें स्थिति में सुधार की उम्मीद है।

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Business News : इफको के हेल्प डेस्क से वेंडर को एक ही छत के नीचे मिलेंगी कई सुविधाएं

Iffco
IFFCO's help desk will provide many facilities to vendors under one roof
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userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 09:59 PM
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प्रयागराज। इफको के फूलपुर स्थित संयंत्र में वेंडर्स हेतु एक हेल्प डेस्क का उद्घाटन इकाई प्रमुख संजय कुदेशिया के कर कमलों द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री कुदेशिया ने बताया कि इफको अपने वेंडर्स को अपने परिवार का हिस्सा मानती है और उनके हितों की रक्षा करना अपना दायित्व समझती है।

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हेल्प डेस्क के उद्देश्यों के बाबत फूलपुर संयंत्र के वित्त प्रमुख एसके सिंह ने बताया कि यह इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी के सर्व कल्याणकारी सोच का विस्तार है। यहां इफको के वेंडर्स को जीएसटी एवं आयकर संबंधित सेवा, बीमा सेवा और बैंकिंग सेवा एक ही छत के नीचे उपलब्ध होगी। यही नहीं, कर संबंधित सेवा बाजार दर से न्यूनतम दस प्रतिशत छूट के साथ उपलब्ध होगी। इससे न केवल वेंडर्स राहत महसूस करेंगे, बल्कि इफको फूलपुर को भी जीएसटी संबंधित कई समस्याओं से निजात मिलेगी।

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उल्लेखनीय है कि कर संबंधित सेवा प्रयागराज के प्रसिद्ध चार्टर्ड अकाउंटेंट अमित तिवारी द्वारा अपने फर्म के माध्यम से दी जाएगी। जबकि बीमा सेवा इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा, बैंकिंग सेवा इंडियन ओवरसीज बैंक द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संयुक्त महाप्रबंधक (तकनीकी) संजय वैश्य ने इस प्रयोग के सफलता हेतु अपनी शुभकामनाएं दी। फूलपुर संयंत्र के जनसंपर्क अधिकारी एवं फूलपुर इफको अधिकारी संघ के अध्यक्ष संजय मिश्रा ने कार्यक्रम में आए अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

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संयुक्त महाप्रबंधक संजय वैश्य, एमडी मिश्र, एपी राजेन्द्रन, संजय भंडारी, पीके सिंह, पीके पटेल उपस्थित रहे। विभागाध्यक्ष मानव संसाधन शम्भू शेखर, उपमहाप्रबंधक (वित्त एवं लेखा) संतोष कुमार सिंह, इफको ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय कुमार मिश्र व महामंत्री स्वयं प्रकाश, इफको कर्मचारी संघ के अध्यक्ष पंकज पाण्डेय व महामंत्री विनय यादव कार्यक्रम में शामिल रहे|
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Business News : कंपनियों को भारत में डेटा प्रसंस्करण में निवेश में हो सकती है कठिनाई : आईटीआई

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Companies may find it difficult to invest in data processing in India: ITI
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 08:01 AM
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इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) विधेयक-2022 का मसौदा तैयार किया है और दो जनवरी तक इसपर टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। आईटीआई ने कहा है कि यह विधेयक भारत सरकार की कार्यकारी शाखा को महत्वपूर्ण नियंत्रण प्रदान करता है। इसमें सरकार के लिए कई तरह की छूट हैं, जो कंपनियों के लिए भारत में डेटा केंद्रों और डेटा प्रसंस्करण गतिविधियों में निवेश को मुश्किल बना सकती हैं। नई दिल्ली। प्रस्तावित डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक-2022 के तहत सरकार को महत्वपूर्ण नियंत्रण और छूट से कंपनियों के लिए भारत में डेटा केंद्रों और डेटा प्रसंस्करण गतिविधियों में निवेश करना कठिन हो सकता है। वैश्विक प्रौद्योगिकी उद्योग के निकाय आईटीआई ने यह आशंका जताई है।

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इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) विधेयक-2022 का मसौदा तैयार किया है और दो जनवरी तक इसपर टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। आईटीआई ने कहा है कि यह विधेयक भारत सरकार की कार्यकारी शाखा को महत्वपूर्ण नियंत्रण प्रदान करता है। इसमें सरकार के लिए कई तरह की छूट हैं, जो कंपनियों के लिए भारत में डेटा केंद्रों और डेटा प्रसंस्करण गतिविधियों में निवेश को मुश्किल बना सकती हैं।

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आईटीआई वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, मेटा, ट्विटर और एप्पल का प्रतिनिधित्व करती है। डीपीडीपी के मसौदे में सरकार द्वारा अधिसूचित डेटा न्यासियों को कई अनुपालन बोझ से छूट दी गई है। इनमें डेटा संग्रह के उद्देश्य के बारे में किसी व्यक्ति को सूचित करने से संबंधित प्रावधान, बच्चों के डेटा का संग्रह, सार्वजनिक व्यवस्था के आसपास जोखिम मूल्यांकन, डेटा ऑडिटर की नियुक्ति आदि शामिल है।

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हालांकि, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर का कहना है कि सरकार के लिए छूट केवल सार्वजनिक व्यवस्था को बनाए रखना, आपातस्थिति, महामारी और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों जैसी विशेष परिस्थितियों में ही होगी। हालांकि, उद्योग निकाय ने डेटा को देश के बाहर भंडारित करने की अनुमति जैसे मुद्दों पर विधेयक का समर्थन किया है।