Agriculture News: टमाटर, प्याज की कीमतों में भारी गिरावट

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यहां यशवंतपुर कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) के सूत्रों के अनुसार, कुछ दिन पहले प्याज की कीमतें घटकर 2 से 10 रुपये प्रति किलो के बीच आ गई थीं। हालांकि, गुणवत्ता के आधार पर अब प्याज की कीमत 12 रुपये से 18 रुपये प्रति किलोग्राम के दायरे में स्थिर है। बेंगलुरु के एक प्याज उत्पादक ने कहा, 12 रुपये किलो की कीमत भी हमारी सभी कठिनाइयों के सामने काफी कम कीमत है। परिवहन, माल लदान और उतारने तथा फसल उगाने पर किए गए खर्च में एक अच्छी खासी रकम लग जाती है। दूर-दराज के इलाकों से अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद में अपनी उपज बाजार में लाने वाले लोग काफी निराश थे। उत्तरी कर्नाटक में गडग जिले के थिम्मापुरा के किसान पावडेप्पा हल्लीकेरी को प्याज की अच्छी पैदावार मिली और इसे गडग एपीएमसी यार्ड में बेचने के बजाय, उन्होंने इसे बेंगलुरु में बेचने का फैसला किया।Agriculture News
जब वह 22 नवंबर को 205 किलो प्याज लेकर बेंगलुरु के बाजार में पहुंचे तो उन्हें पता चला कि शहर में कीमत गिरकर दो रुपये प्रति किलो रह गई है। इस प्रकार, उन्हें 410 रुपये मिले और उन्हें 401.64 रुपये अपनी उपज ट्रक से उतारने के शुल्क के रूप में देने पड़े। उनके पास महज 8.36 रुपये हाथ में आए और उनके बिल की ‘कॉपी’ अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। प्याज उत्पादक ने कहा, प्याज उगाना और अच्छे लाभ के लिए इसे बेंगलुरु ले जाना एक गलती थी। हल्लीकेरी ने कहा कि उनके क्षेत्र के किसानों के लिए यह दोहरी मार थी - क्षेत्र में बाढ़ आ गई और कीमतें गिर गईं।Agriculture News
दक्षिण कर्नाटक के टमाटर उत्पादकों का संकट उत्तरी कर्नाटक के प्याज उत्पादकों से अलग नहीं है। यहां केआर मार्केट के थोक सब्जी कारोबारी मंजूनाथ के अनुसार थोक बाजार में टमाटर 5 रुपये से 6 रुपये प्रति किलो बिक रहा है जबकि फुटकर में टमाटर 8 रुपये से 12 रुपये प्रति किलो के बीच है। कोलार जिला फल और सब्जी उत्पादक संघर्ष समिति के अध्यक्ष नीलातुरू चिनप्पा रेड्डी ने मांग की है कि सरकार प्याज, आलू और टमाटर के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा करे। रेड्डी ने बताया, हम सब्जी उत्पादक काफी परेशान हैं। तमाम मेहनत, श्रम, निवेश और महीनों के इंतजार के बावजूद हमें आज मुश्किल से एक किलो टमाटर के 1.5 रुपये ही मिल रहा है। दो क्विंटल टमाटर उगाने के लिए हमें केवल 300 रुपये मिल रहे हैं।’’JNU News : जेएनयू में ब्राह्मण विरोधी नारे, इमारतों में तोड़फोड़
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यहां यशवंतपुर कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) के सूत्रों के अनुसार, कुछ दिन पहले प्याज की कीमतें घटकर 2 से 10 रुपये प्रति किलो के बीच आ गई थीं। हालांकि, गुणवत्ता के आधार पर अब प्याज की कीमत 12 रुपये से 18 रुपये प्रति किलोग्राम के दायरे में स्थिर है। बेंगलुरु के एक प्याज उत्पादक ने कहा, 12 रुपये किलो की कीमत भी हमारी सभी कठिनाइयों के सामने काफी कम कीमत है। परिवहन, माल लदान और उतारने तथा फसल उगाने पर किए गए खर्च में एक अच्छी खासी रकम लग जाती है। दूर-दराज के इलाकों से अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद में अपनी उपज बाजार में लाने वाले लोग काफी निराश थे। उत्तरी कर्नाटक में गडग जिले के थिम्मापुरा के किसान पावडेप्पा हल्लीकेरी को प्याज की अच्छी पैदावार मिली और इसे गडग एपीएमसी यार्ड में बेचने के बजाय, उन्होंने इसे बेंगलुरु में बेचने का फैसला किया।Agriculture News
जब वह 22 नवंबर को 205 किलो प्याज लेकर बेंगलुरु के बाजार में पहुंचे तो उन्हें पता चला कि शहर में कीमत गिरकर दो रुपये प्रति किलो रह गई है। इस प्रकार, उन्हें 410 रुपये मिले और उन्हें 401.64 रुपये अपनी उपज ट्रक से उतारने के शुल्क के रूप में देने पड़े। उनके पास महज 8.36 रुपये हाथ में आए और उनके बिल की ‘कॉपी’ अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। प्याज उत्पादक ने कहा, प्याज उगाना और अच्छे लाभ के लिए इसे बेंगलुरु ले जाना एक गलती थी। हल्लीकेरी ने कहा कि उनके क्षेत्र के किसानों के लिए यह दोहरी मार थी - क्षेत्र में बाढ़ आ गई और कीमतें गिर गईं।Agriculture News
दक्षिण कर्नाटक के टमाटर उत्पादकों का संकट उत्तरी कर्नाटक के प्याज उत्पादकों से अलग नहीं है। यहां केआर मार्केट के थोक सब्जी कारोबारी मंजूनाथ के अनुसार थोक बाजार में टमाटर 5 रुपये से 6 रुपये प्रति किलो बिक रहा है जबकि फुटकर में टमाटर 8 रुपये से 12 रुपये प्रति किलो के बीच है। कोलार जिला फल और सब्जी उत्पादक संघर्ष समिति के अध्यक्ष नीलातुरू चिनप्पा रेड्डी ने मांग की है कि सरकार प्याज, आलू और टमाटर के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा करे। रेड्डी ने बताया, हम सब्जी उत्पादक काफी परेशान हैं। तमाम मेहनत, श्रम, निवेश और महीनों के इंतजार के बावजूद हमें आज मुश्किल से एक किलो टमाटर के 1.5 रुपये ही मिल रहा है। दो क्विंटल टमाटर उगाने के लिए हमें केवल 300 रुपये मिल रहे हैं।’’JNU News : जेएनयू में ब्राह्मण विरोधी नारे, इमारतों में तोड़फोड़
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