मोदी की डिग्री पर गुजरात हाईकोर्ट के फैसले से आश्चर्यचकित हैं लोग : केजरीवाल

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Delhi News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Nov 2025 05:33 AM
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Delhi News दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अकादमिक योग्यता के बारे में जानने का अधिकार रखने वाले लोग गुजरात हाईकोर्ट के फैसले से आश्चर्य में हैं।

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गौरतलब है कि गुजरात हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के 2016 के एक आदेश को शुक्रवार को रद्द कर दिया, जिसमें गुजरात विश्वविद्यालय को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया था।

न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव ने केजरीवाल पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया और उन्हें चार सप्ताह के भीतर गुजरात राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (जीएसएलएसए) में राशि जमा करने का निर्देश दिया।

केजरीवाल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पूरा देश हाईकोर्ट के फैसले से हैरान है क्योंकि लोकतंत्र में सूचना मांगने और सवाल पूछने की आजादी होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री की शिक्षा को लेकर संदेह

उन्होंने आरोप लगाया कि हाईकोर्ट के आदेश ने प्रधानमंत्री की शिक्षा को लेकर संदेह बढ़ा दिया है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री ने गुजरात विश्वविद्यालय या दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई की होती तो वे इस जानकारी को छिपाने के बजाय इसका जश्न मना रहे होते।

उन्होंने पूछा कि अगर मोदी की कोई वैध डिग्री है तो गुजरात विश्वविद्यालय इसे दिखा क्यों नहीं रहा है।

केजरीवाल ने कहा कि गुजरात विश्वविद्यालय के प्रधानमंत्री की अकादमिक योग्यता पर सूचना न देने की दो वजहें हो सकती हैं - यह मोदी का अहंकार हो सकता है या उनकी डिग्री फर्जी है।

अशिक्षित होना अपराध या पाप नहीं

हालांकि, उन्होंने कहा कि अशिक्षित होना कोई ‘अपराध या पाप’ नहीं है क्योंकि देश में बहुत ज्यादा गरीबी है। उन्होंने कहा कि हम में से कई अपने परिवार की वित्तीय हालत के कारण औपचारिक शिक्षा पाने की स्थिति में भी नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी देश में इस तरह की गरीबी है। केजरीवाल ने मोदी की शिक्षा पर सवाल पूछते हुए कहा कि यह सवाल अनिवार्य है क्योंकि देश का ‘शीर्ष प्रबंधक’ होने के कारण मोदी को विज्ञान और अर्थव्यवस्था समेत कई विषयों पर हर दिन कई महत्वपूर्ण फैसले लेने होते हैं।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि अगर प्रधानमंत्री शिक्षित नहीं हैं तो अधिकारी और विभिन्न प्रकार के लोग आएंगे और कहीं भी उनसे हस्ताक्षर करवा लेंगे, उनसे कुछ भी पारित करा लेंगे, जैसे कि नोटबंदी का फैसला जिसके कारण देश को काफी कुछ झेलना पड़ा। अगर प्रधानमंत्री शिक्षित होते तो वह नोटबंदी लागू नहीं करते।

फूंक फूंक कर कदम रख रहा पुलिस प्रशासन, बढ़ाई गई धारा 144 की अवधि

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Punjab News : नवजोत सिंह सिद्धू की रिहाई आज, पटियाला जेल के बाहर जुटे भारी समर्थक

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Punjab News
locationभारत
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calendar29 Nov 2025 07:24 PM
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Punjab News : चंडीगढ़। पटियाला के केंद्रीय कारागार में करीब 10 महीने बिताने के बाद कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू शनिवार को रिहा होंगे। पूर्व क्रिकेटर की रिहाई पर उनका भव्य स्वागत करने के लिए शनिवार को कांग्रेस के कई नेता और समर्थक जेल के बाहर एकत्र हुए और ‘नवजोत सिद्धू जिंदाबाद’ के नारे लगाए।

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सिद्धू (59) के स्वागत के लिए जेल के बाहर खड़े उनके समर्थकों ने ढोल बजाने वालों का भी प्रबंध किया है। सिद्धू के बेटे करण सिद्धू ने शनिवार को अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा कि पूरा परिवार उनके पिता की जेल से रिहाई का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। करण ने कहा कि पिछला कुछ समय उनके परिवार के लिए बहुत मुश्किल भरा रहा, लेकिन अब उनके पिता को जेल से रिहा होता देखकर उन्हें खुशी हो रही है।

नवजोत सिद्धू के स्वागत के लिए समर्थकों ने पटियाला शहर में कई जगहों पर उनके पोस्टर और होर्डिंग लगाए हैं। जेल के बाहर खड़े एक समर्थक ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता सिद्धू की रिहाई को लेकर बहुत खुश हैं। कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक नवतेज सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब के लोग सिद्धू के जेल से बाहर आने का इंतजार कर रहे हैं।

1988 के रोड रेज मामले में गए थे जेल

सिद्धू को वर्ष 1988 के रोड रेज मामले में एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी। कांग्रेस की पंजाब इकाई के पूर्व प्रमुख ने पटियाला की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था, जिसके बाद उन्हें पिछले साल 20 मई को जेल भेज दिया गया था।

सिद्धू के वकील एच पी एस वर्मा ने शुक्रवार को बताया था कि कारावास के दौरान नवजोत सिद्धू के अच्छे आचरण के कारण उनकी रिहाई समय से पहले हो रही है, जैसा कि नियमों के तहत अनुमति है। नवजोत सिद्धू के परिवार को उनकी रिहाई के संबंध में पटियाला जेल के प्राधिकारियों से सूचना मिली थी।

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Ram Navami Violence: रामनवमी के जुलूस के बाद इंटरनेट बैन,माहौल बिगाड़ने की साजिश

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Kolkata News : Situation peaceful in Howrah's Kazipada, prohibitory orders still in force
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 05:08 PM
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Ram Navami Violence: देशभर में 30 मार्च को रामनवमी पर तनावपूर्ण हालात देखने को मिले. महाराष्ट्र, गुजरात, यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और तेलंगाना में करीब 12 जगह हिंसा फैलाई गई. हालांकि में इनमें सबसे ज्यादा बुरे हालात संभाजीनगर, वडोदरा, हावड़ा, सोनीपत, सासाराम और बिहार रशरीफ में देखने को मिले. कई इलाकों में इंटरनेट बैन कर दिया गया है तो कहीं धारा-144 लागू कर दी गई है. पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान कर उनकी धरपकड़ कर रही है. आइए जानते हैं कहां कैसे भड़की हिंसा और अभी वहां क्या हैं हालात. Ram Navami Violence: सासाराम: कई इलाकों में धारा-144 लागू उपद्रवियों ने सासाराम में भी जमकर उत्पात मचाया । सासाराम के सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) मनोज कुमार ने बताया कि शोभायात्रा के दौरान शाह जलाल पीर, सोना पट्टी, कादिर गंज और नवरत्न पीर जैसे इलाकों में आक्रोशित भीड़ ने कई दुकानों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया था. उन्होंने जमकर पत्थरबाजी की थी, जिसमें दो पुलिस कर्मियों समेत कई लोग घायल हुए हैं. इसके बाद कई इलाकों में धारा-144 लागू कर दी है. सासाराम की गोला बाजार, कादिरगंज, मुबारकगंज, चौखंडी और नवरत्न बाजार पूरी तरह से बंद हैं. पुलिस-प्रशासन का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन दोनों पक्षों में तनाव की स्थिति अभी भी बनी हुई है. पूरे इलाके में भारी सुरक्षाबल तैनात है. पुलिस इलाके में मार्च कर रही है. लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 2 अप्रैल को सासाराम में एक कार्यक्रम में शामिल होने आएंगे. Ram Navami Violence:  बिहार शरीफ: 20 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए नालंदा के बिहार शरीफ में भी हिंसा भड़क गई थी. यहां शोभायात्रा निकालने के दौरान दो समुदायों हिंसक झड़प के बाद पत्थरबाजी हुई थी. इस दौरान कई राउंड फायरिंग भी हुई, जिसमें कई जख्मी भी हो गए. कई घरों और दुकानों में भी तोड़-फोड़ की सूचना है. बिहारशरीफ में धारा-144 भी लागू की गई है. यहां भी भारी पुलिस बल तैनात है. एसपी अशोक मिश्रा ने बताया कि पुलिस इलाके में पेट्रोलिंग कर रही है और अलर्ट पर है. हिंसा फैलाने के आरोप में 20 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हिंसा में 8 लोग घायल हो गए हैं जबकि तीन को गोली लगी है. उन्होंने कहा कि लोग अफवाहों पर विश्वास न करे संभाजीनगर: धर्मगुरुओं ने शांत कराया माहौल महाराष्ट्र के संभाजीनगर के किराडपुरा में 30 मार्च को जबरदस्त हिंसा हुई थी. यहां राम मंदिर के बाहर रात करीब 12:30 बजे दो युवकों में बहस हो गई थी. दोनों में विवाद इतना बढ़ा गया कि वहां दो समुदायों के लोग जुटने लगे. इसके बाद देखते ही देखते दोनों तरफ से पत्थरबाजी शुरू हो गई. कई गाड़ियां फूंक दी गई हैं. पुलिस को वाहन भी जला दिए गए. बमबाजी भी हुई. भारी पुलिसबल ने लोगों को कंट्रोल करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए. आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी मौके पर भेजी गईं. बाद में माहौल शांत कराने के लिए धर्मगुरुओं को बुलाया गया. फिलहाल अब इलाके में शांति है. हावड़ा के काजीपाडा में स्थिति शांतिपूर्ण, निषेधाज्ञा अब भी लागू Ram Navami Violence:  पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के काजीपाडा इलाके में राम नवमी पर शोभायात्रा निकाले जाने के दौरान दो समूहों के बीच हुई झड़प के बाद शनिवार को स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है। बहरहाल, इलाके में अभी भी निषेधाज्ञा लागू है। एक अधिकारी ने बताया कि भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच सुबह से वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई और दुकानें तथा बाजार भी खुल गए हैं । उन्होंने बताया कि इलाके में और उसके आसपास दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा अब भी लागू है और इंटरनेट सेवा निलंबित है। इस इलाके में और उसके आसपास झड़पों के दौरान कई दुकानें तथा मकानों में तोड़फोड़ की गई थी। अधिकारी ने बताया कि राज्य अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने झड़पों की जांच पूरी कर ली है। बृहस्पतिवार को राम नवमी के दिन शाम को दो समूहों के बीच उस समय झड़प शुरू हो गई थी, जब शोभायात्रा हावड़ा में काजीपाडा से गुजर रही थी। हिंसा के दौरान कई दुकानों में लूटपाट की गई थी, जबकि कुछ पुलिस वाहनों समेत कई कारों को आग के हवाले कर दिया गया था। इलाके में शुक्रवार दोपहर को स्थानीय लोगों ने पुलिस पर पथराव किया था, जिसके बाद वहां निषेधाज्ञा लागू कर दी गई थी और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि हावड़ा में हुई हिंसा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और बजरंग दल जैसे अन्य दक्षिणपंथी संगठन के कार्यकर्ता हथियारों के साथ शामिल थे। हालांकि, भाजपा ने ममता के आरोपों से इनकार किया है और मामले की राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हावड़ा में हिंसा को लेकर शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस से फोन पर बात की थी और स्थिति का जायजा लिया था। शाह ने इस संबंध में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार से भी बात की थी।

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