Budget 2022 इस बार नहीं हुई हलवा सेरेमनी, ऐसे हुई शुरुआत

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Budget 2022
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 08:33 AM
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Budget 2022 केंद्रीय बजट तैयार करने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों तथा वित्त मंत्रालय द्वारा भारतीय परंपरा के अनुसार हलवा सेनेमनी का आयोजन किया जाता था, लेकिन इस बार हलवा सेनेमनी का आयोजन नहीं किया गया है। इस बार इस परंपरा को बदल दिया गया और मिठाई का वितरण कर कर बजट की तैयारी शुरु की गई।

आपको बता दें कि पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के बीच केंद्र सरकार केंद्रीय बजट पेश करने की तैयारी में जुट गई है। बजट 2022 से हर वर्ग के लोगों को काफी उम्मीदें हैं। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि कोरोना वायरस को देखते हुए इस बार पारंपरिक हलवा समारोह को इस साल पहली बार आयोजित नहीं किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय बजट बनाने की प्रक्रिया में जुटे अधिकारियों को उनके कार्यस्थलों पर लॉक-इन कर दिया गया। हर साल उनके लिए हलवा सेरेमनी का आयोजन किया जाता था। हालांकि इस बार महामारी की स्थिति और स्वास्थ्य सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने की आवश्यकता को देखते हुए उन्हें हलवे की जगह मिठाइयां दी गईं।

[caption id="attachment_15544" align="alignnone" width="470"]Budget 2022 Budget 2022[/caption] Read Also- Budget 2022 : जानिए रेल यात्रियों को क्या मिल सकता है तोहफा?

आपको बता दें कि अपने कार्यालयों और वित्त मंत्रालय के बेसमेंट में लॉक इन अधिकारियों को बजट पेश होने के बाद ही किसी से मिलने की अनुमति होती है। केंद्र सरकार की तरफ से यह भी जानकारी दी गई कि पिछले वर्ष की तरह इस साल भी लोकसभा में पेपरलेस बजट पेश किया जाएगा। सदन में मौजूद सभी सदस्यों समेत अन्य सभी लोगों को बजट की डिजिटल कॉपी दी जाएगी। इसे मोबाइल ऐप के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। बता दें कि पेपरलेस बजट के लिए केंद्र सरकार ने यूनियन बजट मोबाइल ऐप बनाया था। इसे हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यमों से उपयोग किया जा सकता है।

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veg fish दिल्ली में बिक रही शाकाहारी मछली, देखकर उड़ रहे लोगों के होश

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veg fish
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Jan 2022 08:14 PM
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veg fish : शुद्ध शाकाहारी मछली (veg fish), सुनने में यह बेहद अजीब सा लगेगा। आप कहेंगे कि मछली तो शाकाहारी हो ही नहीं सकती। लेकिन यह सत्य है और इसे जितने भी लोग देख रहे हैं, उनके होश उड़ रहे हैं। मांसाहार का सेवन करने वाले और शाकाहार का सेवन करने वाले भी इसे ट्राई कर रहे हैं। मजे की बात यह है कि यह वेज फिश सेवन करने में नॉनवेज फिश का ही स्वाद दे रही है।

पूर्वी दिल्ली के एक दुकानदार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। पूर्वी दिल्ली के एक फूड स्टॉल पर दुकानदार धड़ल्ले से शाकाहारी मछली बेच रहे हैं। दुकानदार का दावा है कि वो खासतौर पर शाकाहारी लोगों के लिए मछली बनाता है। उसका दावा है कि इस डिश के स्वाद से आपको बिल्कुल भी समझौता नहीं करना पड़ेगा।

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वायरल हो रहे वीडियो में फूड ब्लॉगर अमर सिरोही एक ऐसे फूड स्टॉल के बारे में बता रहे हैं, जहां शुद्ध शाकाहारी मछली बनाई जाती है। इस डिश में सोयाबीन के साथ अदरक और लहसुन के पेस्ट का इस्तेमाल किया गया है। इसे मछली के शेप में तैयार किया गया है। पहले वो इस फिश को कॉर्नफ्लोर के घोल में मसालों के साथ तैयार करते हैं और फिर ऊपर से कॉर्न और ब्रेड क्रम्ब्स लगाकर डीप फ्राई कर देता है।  दुकानदार ने इसकी कीमत 250 रुपये रखा है।

 
 
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UP elections 2022 चुनाव प्रचार से इस बार दूर क्यों है हेलिकॉप्टर?

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UP elections 2022 चुनाव प्रचार से इस बार दूर क्यों है हेलिकॉप्टर?
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Jan 2022 07:34 PM
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UP elections 2022 इस बार चुनाव प्रचार कुछ फीका फीका सा नजर आ रहा है। चुनावी रैलियों को संबोधित करने के लिए हेलिकॉप्टर में सवार होकर आने वाले नेताओं की धमक भी कम ही नजर आ रही है। चुनाव प्रचार के लिए आकाश में उड़ते हेलिकॉप्टर भी नजर नहीं आ रहे हैं। आखिर इस बार ऐसा क्यों हो रहा है, आईए जानते हैं... कोरोना वायरस के चलते चुनाव आयोग द्वारा विशेष दिशा निर्देश जारी कर चुनावी रैलियों पर प्रतिबंध लगाया गया है। इन प्रतिबंधों के कारण ही हेलिकॉप्टर व चॉपर कंपनियों में उदासी छाई हुई है। चुनावी रैलियों पर रोक लगने के बाद किसी भी पार्टी का स्टार प्रचारक कहीं रैली नहीं कर रहा है।

आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने 31 जनवरी 2022 तक चुनावी रैलियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। जबकि 20 हेलिकॉप्टर और 10 चार्टेड प्लेन राजनीतिक दलों ने बुक कर रखी थी। रोटरी विंग सोसाइटी ऑफ इंडिया के पश्चिमी क्षेत्र के अध्यक्ष उदय गिली ने एक न्यूज एजेंसी से कहा कि हेलिकॉप्टर चार्टर ऑपरेटर के बीच थोड़ी सी उदासी है।

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चार्टर कंपनी एमएएबी एवियेशन प्राइवेट लिमिटेड के मालिक मंदर भारदे ने कहा कि यूपी चुनाव की खूबसूरती यह है कि वहां के नेता 20 से 30 किलोमीटर की छोटी यात्रा करने के लिए भी हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि हेलिकॉप्टर अपने आप में एक बड़ा प्रचार है जो स्थानीय लोगों को रैलियों तक खींच लाता है। 80 फीसदी से ज्यादा लोग पोडियम के मुकाबले हैलिपैड के पास मौजूद होते हैं।

[caption id="attachment_15506" align="alignnone" width="453"]UP elections 2022 चुनाव प्रचार से इस बार दूर क्यों है हेलिकॉप्टर? UP elections 2022 चुनाव प्रचार से इस बार दूर क्यों है हेलिकॉप्टर?[/caption]

मंदर भारदे ने बताया कि मौजूदा वक्त में अगस्तावेस्टलैंड-139 हेलकॉप्टर में एक बार में 14 से 16 लोग सवार हो सकते हैं। वहीं वीवीआईपी दौरे के दौरान उसमें केवल 6 लोग बैठते हैं। साढ़े चार लाख रुपये प्रति घंटा का चार्ज लगता है। जबकि इसकी बुकिंग दो महीने के लिए कम से कम 100 घंटे की बुकिंग होती है। इस दौरान एक ऑपरेटर कम से कम प्रति चुनाव चार से पांच करोड़ रुपये कमाता है। साथ ही यह भी बताया कि सिंगल इंजन वाले चॉपर भी 1.3 लाख प्रति घंटा चार्ज करते हैं। उन्होंने बताया कि प्रचार कर रहे नेता पायलट को गांव के ऊपर-ऊपर दो से तीन राउंड लगाने को भी कहते हैं।