नोएडा से एटीएस ने धार्मिक पुस्तकों की आड़ में टेरर फंडिंग के आरोप में की गिरफ्तारी

खुफिया इनपुट के अनुसार, तुर्की, जर्मनी, बांग्लादेश, पाकिस्तान के नागरिकों को यहाँ ठहराया गया था। इस फंड का उपयोग उत्तर प्रदेश के अमरोहा तथा पंजाब में मदरसे, मस्जिदों और कंपनियों के नाम पर जमीन खरीदने में किया गया बताया गया है।

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फरहान नबी सिद्दीकी
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar30 Nov 2025 02:38 PM
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यूपी एटीएस ने फरहान नबी सिद्दीकी को ग्रेटर नोएडा के कासना इलाके से गिरफ्तार किया है, जिस पर कई गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि फरहान धार्मिक पुस्तकों के नाम पर ऐसी सामग्री प्रकाशित कर रहा था, जो विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य और धार्मिक उन्माद को बढ़ावा देती थी। जांच में यह सामने आया कि उसके द्वारा संचालित कंपनियों के माध्यम से विदेशी फंडिंग (विशेषकर तुर्की व जर्मनी से) हवाला नेटवर्क द्वारा ली जा रही थी। लगभग 11 करोड़ तक की राशि का पता चला है।

कई कंपनियों के माध्यम से कर रहा था यह काम

यह टेरर फंडिंग कई कंपनियों के माध्यम से की जाती थी। धार्मिक पुस्तक के प्रकाशन के लिए एक प्रिंटिंग यूनिट भी कासना में खोल रखी थी। इसके अतिरिक्त, फरहान पर अवैध प्रवासियों को पनाह देने तथा बिना सूचना के हॉस्टल लगाने का भी आरोप है। खुफिया इनपुट के अनुसार, तुर्की, जर्मनी, बांग्लादेश, पाकिस्तान के नागरिकों को यहाँ ठहराया गया था। इस फंड का उपयोग उत्तर प्रदेश के अमरोहा तथा पंजाब में मदरसे, मस्जिदों और कंपनियों के नाम पर जमीन खरीदने में किया गया बताया गया है।

आगे की कार्रवाई और जांच

एटीएस ने प्रिंटिंग यूनिट और कंपनियों में दबिश दी है, उन कंपनियों के संचालकों व सह-निदेशकों की भूमिका खंगाली जा रही है। 

आरोपी फरहान नबी सिद्दीकी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसकी वित्तीय लेन-देनों, विदेशी संपर्कों व प्रकाशन सामग्री की जांच की जा रही है। इस मामले में आगे केंद्रीय एजेंसियाँ जैसे ईडी और सीबीआई भी शामिल हो सकती हैं।

धार्मिक प्रकाशन की आड़ में चल रहा था धंधायह मामला दिखाता है कि कैसे धार्मिक प्रकाशन की आड़ में वित्तीय नेटवर्क, हवाला लेन-देन, और प्रवासी पनाहगाह जैसे काम हो सकते हैं। ऐसा प्रकाशन, जिसमें धार्मिक उन्माद या वैमनस्य बढ़ाने वाली सामग्री हो, सामाजिक विश्रांति के लिए बहुत खतरनाक होता है।

विदेश से धन प्राप्ति और उसका उपयोग स्थानीय गतिविधियों (जमीन, संस्थाएं) में करना जांच एजेंसियों के लिए सतर्कता का विषय है।

प्रवासियों को पनाह देना और हॉस्टल संचालन जैसे कामों में सरकारी अनुमति-सूचना की कमी एक अलग मुद्दा बन जाता है।


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वाराणसी में रेलवे विकास का नया दौर शुरू

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को बनारस में रेलवे स्टेशनों और रेलवे कारखाने का निरीक्षण कर बड़ा संकेत दिया है कि अब बनारस के रेलवे स्टेशनों पर रोजाना 400-500 ट्रेनों का संचालन संभव हो सकेगा। उन्होंने इसके लिए आवश्यक योजना और रणनीति की चर्चा की और अधिकारियों को आगे बढ़ने के निर्देश दिए।

Union Railway Minister Ashwini Vaishnav Banaras
बनारस रेल इंजन कारखाने का निरीक्षण करते अश्वनी वैष्णव (फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar01 Dec 2025 07:22 PM
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बता दे कि मंत्री ने शुरुआत में वाराणसी के रेलवे स्टेशन कैंट, बनारस, काशी और बनारस रेल कारखाने का दौरा किया। उन्होंने यहाँ चल रहे विकास कार्यों का जायजा लिया और अधिकारियों से वाराणसी में रेलवे की क्षमता बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वाराणसी के विभिन्न स्टेशनों पर रोजाना लगभग 150 ट्रेनें आती हैं, लेकिन इस संख्या को बढ़ाकर 400-500 करने का लक्ष्य है ताकि ट्रेनों की संख्या बढ़ाकर यात्रियों की सुविधा और शहर का विकास दोनों को बढ़ावा दिया जा सके।

अश्विनी वैष्णव ने अरनास कैंट रेलवे स्टेशन के विकास की बात

मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वाराणसी की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को देखते हुए इसकी रेलवे नेटवर्क को मजबूत और आधुनिक बनाने की योजना है। इसके लिए बनारस रेलवे स्टेशन, कैंट और काशी स्टेशन का एक संयुक्त मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा, जिसमें लांग टर्म डेवलपमेंट की रणनीति शामिल होगी। उन्होंने ट्रैफिक मुक्ति के लिए अरनास कैंट रेलवे स्टेशन के विकास की भी बात कही, ताकि यातायात का दबाव कम किया जा सके।

रेलवे के इंजन कारखाने का किया निरीक्षण 

मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे के इंजन कारखाने का भी निरीक्षण किया, जहां उन्होंने लोको फ्रेम, लोको असेम्बली और लोको टेस्ट शॉप का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने कर्मचारियों से संवाद किया और लोको निर्माण की गुणवत्ता और दक्षता बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने महिला कर्मचारियों का उत्साहवर्धन किया और कहा कि क्वालिटी से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। साथ ही, उन्होंने सुझाव दिए कि बरेका में काम की गुणवत्ता और नवाचार को और भी मजबूत किया जाए।

मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रोपवे परियोजना का किया जिक्र 

इसके अलावा, मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रोपवे परियोजना का भी जिक्र किया, जिसे रेलवे स्टेशन के साथ इंटीग्रेट करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इससे यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी और काशी स्टेशन का विस्तार और आधुनिकीकरण संभव हो सकेगा। इस निरीक्षण के दौरान रेल बोर्ड अध्यक्ष सतीश कुमार और बरेका महाप्रबंधक सोमेश कुमार भी मौजूद थे। आश्वासन दिया गया है कि इन सभी योजनाओं को जल्द से जल्द पूरा कर वाराणसी को एक आधुनिक, सुव्यवस्थित और यातायात सुविधा से भरपूर रेलवे नेटवर्क बनाया जाएगा, ताकि शहर की ऐतिहासिकता और सांस्कृतिक विरासत को और भी निखारा जा सके।

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उत्तर प्रदेश में बनेगा 2300 मीटर लंबा फ्लाईओवर, सफर होगा आसान

इस फ्लाईओवर के निर्माण पर करीब 315 करोड़ रुपये की लागत आएगी। परियोजना पूरी होने के बाद उत्तर प्रदेश की राजधानी के हजरतगंज से शहीद पथ तक का सफर और भी तेज, सीधा और सुगम हो जाएगा।

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4-लेन फ्लाईओवर
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar01 Dec 2025 06:23 PM
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उत्तर प्रदेश के लखनऊवासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। शहर में जल्द ही ट्रैफिक जाम की समस्या से राहत देने के लिए एक और बड़ा फ्लाईओवर बनने जा रहा है। उत्तर प्रदेश का लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ग्रीन कॉरिडोर परियोजना के तहत 2300 मीटर लंबा 4-लेन फ्लाईओवर बनाने जा रहा है, जो लामार्टीनियर कॉलेज से जी-20 रोड तक बनेगाइस फ्लाईओवर के निर्माण पर करीब 315 करोड़ रुपये की लागत आएगी। परियोजना पूरी होने के बाद उत्तर प्रदेश की राजधानी के हजरतगंज से शहीद पथ तक का सफर और भी तेज, सीधा और सुगम हो जाएगाशहर को ट्रैफिक जाम से राहत देने की दिशा में बड़ा कदउत्तर प्रदेश में लखनऊ की बढ़ती जनसंख्या और वाहनों की संख्या के कारण शहर में प्रमुख इलाकों में जाम आम बात बन गई है। विशेष रूप से हजरतगंज, विक्रमादित्य मार्ग, 1090 चौराहा और इकाना स्टेडियम की ओर जाने वाले रास्तों पर रोजाना भारी ट्रैफिक दबाव रहता है। ऐसे में एलडीए की इस परियोजना से लोगों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। एलडीए के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने और प्रमुख स्थानों के बीच सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करने के उद्देश्य से ग्रीन कॉरिडोर परियोजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा हैफ्लाईओवर की खासियतें

फ्लाईओवर लामार्टीनियर कॉलेज के पास से शुरू होकर पिपराघाट रेलवे लाइन और गोमती नदी के किनारे से होकर जी-20 रोड तक जाएगा। यह एक फ्लाईओवर कम रेल ओवरब्रिज होगा, जिससे सड़क और रेल यातायात दोनों में सुविधा होगी। फ्लाईओवर बनने के बाद 1090 चौराहा, कालीदास मार्ग, विक्रमादित्य मार्ग और लामार्टीनियर क्षेत्र से इकाना स्टेडियम, एयरपोर्ट, पुलिस मुख्यालय और अयोध्या रोड तक सीधी पहुंच संभव होगी। निर्माण कार्य पूरा होने में लगभग दो वर्ष का समय लगेगा।गोमती नदी पर बनेगा नया 250 मीटर लंबा ब्रिज

ग्रीन कॉरिडोर परियोजना के इस चरण में गोमती नदी पर एक 250 मीटर लंबा नया ब्रिज भी बनाया जाएगा। यह ब्रिज आर्मी लैंड और जी-20 रोड को जोड़ने वाली बंधा रोड पर बनाया जाएगा। परियोजना की अनुमानित लागत करीब 60 करोड़ है और इसे एक वर्ष के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया हैग्रीन कॉरिडोर परियोजना का विस्तार

लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा शुरू की गई ग्रीन कॉरिडोर परियोजना शहर की सबसे महत्वाकांक्षी यातायात योजनाओं में से एक है। इसका उद्देश्य शहर के भीतर प्रमुख इलाकों को बिना रुकावट, चौड़ी और सुरक्षित सड़कों से जोड़ना है। पहले चरण में आईआईएम रोड से पक्का पुल तक सड़क चौड़ीकरण और फ्लाईओवर निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। दूसरे चरण में पक्का पुल से समतामूलक चौराहा तक सड़क चौड़ीकरण, फ्लाईओवर और रेल ओवरब्रिज निर्माण का काम अंतिम चरण में है। तीसरे चरण में लामार्टीनियर से जी-20 रोड तक नया फ्लाईओवर और ब्रिज निक्या होंगे फायदे

* हजरतगंज से शहीद पथ तक यात्रा समय में भारी कमी आएगी।

* ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी, जिससे ईंधन और समय दोनों की बचत होगी।

* शहर के प्रमुख स्थलों तक सीधी और वैकल्पिक पहुंच मार्ग मिलेगा।

* शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर और शहरी सौंदर्य दोनों में सुधार होगा।

अधिकारियों का कहना

प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटेशन यूनिट के प्रभारी एके सिंह सेंगर ने बताया कि यह फ्लाईओवर न केवल ट्रैफिक को सुगम बनाएगा, बल्कि गोमती नदी के दोनों किनारों को जोड़कर शहर के यातायात नेटवर्क को एक नई दिशा देगा। उन्होंने बताया कि टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और निर्माण कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा। ग्रीन कॉरिडोर परियोजना पूरी होने के बाद लखनऊ में यातायात नेटवर्क बेहद आधुनिक और व्यवस्थित होगा। हजरतगंज से लेकर शहीद पथ और एयरपोर्ट तक की दूरी अब कुछ ही मिनटों में तय की जा सकेगी।

यह फ्लाईओवर न केवल शहर की सुगमता बढ़ाएगा बल्कि लखनऊ के स्मार्ट सिटी विजन को भी नई उड़ान देगा।

र्माण।