Noida News : उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि नोएडा में जालसाजों ने एक नामी बैंक को हैक करके करोड़ों रुपए साफ कर दिया है। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
जहां नोएडा में एक तरफ चोरों का आतंक छाया हुआ है वहीं दूसरी तरफ जालसाजों ने भी अपना दिमाग दौड़ाना शुरू कर दिया है और ठगी के मामले को अंजाम देने लगे हैं। हाल ही में जालसाजों ने नोएडा के सेक्टर 62 में स्थित नैनीताल बैंक के सर्वर को हैक कर लिया और करोड़ों की ठगी की घटना को अंजाम दिया है। बैलेंस सीट मिलान के दौरान जब इस बात का खुलासा हुआ तो बैंक के आईटी मैनेजर के पैरों तले जमीन खिसक गए। जिसके बाद उन्होंने जालसाजों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई। मामले की जानकारी मिलते ही आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस बदमाशों की तलाश में जुट गई है।
16 करोड़ रुपये किए साफ
मामला नोएडा के सेक्टर 62 स्थित नैनीताल बैंक का बताया जा रहा है। जहां साइबर अपराधियों ने बैंक के सर्वर में छेड़छाड़ करते हुए आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रास सेटलमेंट सिस्टम) को हैक कर लिया। इसके बाद ठगों ने कई बार में अलग-अलग खातों में करीब 16 करोड़ एक लाख 3 हजार रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए। इसका खुलासा बैंक की बैलेंस सीट के मिलान के दौरान हुआ। जिसके बाद नोएडा के साइबर क्राइम थाने में बैंक के आईटी मैनेजर ने मुकदमा दर्ज कराया है। इसके अलावा मामले की जांच के लिए बैंक की ओर से सर्ट-इन टीम से भी आग्रह किया गया है। नोएडा पुलिस को दिए गए शिकायत में आईटी मैनेजर ने बताया कि, पिछले महीने 17 जून को आरटीजीएस खातों के बैलेंस सीट का मिलान किया गया। इस दौरान पाया गया कि मूल रिकार्ड में 36 करोड़ 9 लाख 4 हजार 20 रुपये का अंतर है।
84 बार हुई लेनदेन
जानकारी के मुताबिक मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच कराई गई है। इसमें बैंक के सर्वर में कुछ संदिग्ध गतिविधियां चिन्हित की गई। हालांकि शुरूआती जांच में शक हुआ कि सिस्टम लाइन में गड़बड़ी की वजह से रकम का मिलान नहीं हो पा रहा है लेकिन 20 जून को आरबीआई प्रणाली को रिव्यू करने पर पता चला कि बैंक से साइबार अपराधियों द्वारा करीब 84 बार संदिग्ध लेनदेन हुई है। आईटी मैनेजर के अनुसार, यह सारी लेनदेन 17 से 21 जून के बीच हुई हैं। आरटीजीएस सेटलमेंट के जरिए रुपये खाते से निकाले गए हैं।
पुलिस कर रही गम्भीरता के जांच
बताया जा रहा है कि कई बैंकों के अलग अलग खातों में ये राशि ट्रांसफर हुई हैं। जिसके बाद उन सभी बैंक खातों को फ्रीज कराते हुए खाता धारकों को केवाईसी कराने को कहा गया है। इस प्रक्रिया के तहत बैंक ने 69 करोड़ 49 हजार 960 रुपये तो रिकवर कर लिए हैं लेकिन अभी 16 करोड़ 1 लाख 83 हजार 261 रुपये की ठगी की रकम रिकवर नहीं हो सकी है। नोएडा साइबर क्राइम विंग के एसीपी का कहना है कि, बैंक प्रबंधन की शिकायत पर अज्ञात जालसाजों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस जालसाजों के कंप्यूटर का आईपी एड्रेस ट्रेस कर बदमाशों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। पुलिस को बदमाशों के कुछ डंप मिले हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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