दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता की गंभीर स्थिति, नोएडा की हालत खराब

राजधानी में शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 385 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। यह शुक्रवार के मुकाबले 53 अंक अधिक है। दिल्ली एनसीआर में सबसे प्रदूषित शहर नोएडा है। यहां का एक्यूआई सर्वाधिक है। जो 409 एक्यूआई पर पहुंचा हुआ है जो अति गंभीर श्रेणी में आती है।

pradushan
नोएडा में वायु प्रदूषण का हालत
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar27 Dec 2025 06:43 PM
bookmark

Noida News : दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक बढ़ गया है। राजधानी में शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 385 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। यह शुक्रवार के मुकाबले 53 अंक अधिक है। दिल्ली एनसीआर में सबसे प्रदूषित शहर नोएडा है। यहां का एक्यूआई सर्वाधिक है। जो 409 एक्यूआई पर पहुंचा हुआ है जो अति गंभीर श्रेणी में आती है।

सबसे प्रदूषित और सबसे साफ क्षेत्र

* नोएडा एक्यूआई 409 (गंभीर श्रेणी)

* गाजियाबाद एक्यूआई 404

* ग्रेटर नोएडा एक्यूआई 395

* गुरुग्राम एक्यूआई 299

* फरीदाबाद एक्यूआई 249 (खराब श्रेणी, बाकी शहरों से बेहतर)

इस सूची से पता चलता है कि नोएडा और गाजियाबाद में वायु सबसे अधिक जहरीली है, जबकि फरीदाबाद में हालात अपेक्षाकृत बेहतर हैं।

प्रदूषण के मुख्य स्रोत

दिल्ली में वायु प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं:

* वाहन 16.17%

* औद्योगिक गतिविधियां 8.42%

* आवासीय क्षेत्र 4.04%

* निर्माण कार्य 1.46%

* सड़क धूल 1.15%

स्वास्थ्य पर असर

सांस लेने में कठिनाई, खांसी, आंखों में जलन और सिर दर्द जैसी समस्याएं हो रही हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अनुमान है कि मंगलवार तक वायु की स्थिति इसी गंभीर स्तर पर बनी रहेगी। एनसीआर में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब है। नोएडा और गाजियाबाद सबसे प्रदूषित हैं, जबकि फरीदाबाद में स्थिति थोड़ी बेहतर है। सभी लोग, खासकर सांस रोगियों को इस समय बाहर निकलते समय सतर्क रहने की जरूरत है।

संबंधित खबरें

अगली खबर पढ़ें

80 गांवों में बसने जा रहा ‘न्यू नोएडा’, जल्द लगेगी सरकारी मुहर

जानकारी के मुताबिक, इस मुद्दे पर एक बैठक पहले ही हो चुकी है और अब उसी के आधार पर अंतिम ढांचा तय करने की दिशा में काम आगे बढ़ाया जा रहा है, ताकि न्यू नोएडा की योजना कागजों से निकलकर तय समयरेखा में जमीन पर उतर सके।

80 गांवों की जमीन पर बसने जा रहा “भविष्य का शहर”
80 गांवों की जमीन पर बसने जा रहा “भविष्य का शहर” न्यू नोएडा
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar27 Dec 2025 03:50 PM
bookmark

Noida News : न्यू नोएडा को लेकर बड़ी और गेमचेंजर अपडेट सामने आ रही है। जिस ‘न्यू नोएडा’ को अब तक लोग सिर्फ प्लानिंग और फाइलों में देखते थे, वह अब निर्णायक फैसले की दहलीज पर पहुंच चुका है। नोएडा प्राधिकरण ने न्यू नोएडा को लेकर अहम जानकारी साझा की है। नोएडा प्राधिकरण ने भूमि अधिग्रहण की रणनीति लगभग फाइनल कर ली है और संकेत हैं कि अगले एक से डेढ़ महीने में शासन स्तर से इस प्रक्रिया पर अंतिम मुहर लग सकती है। शुरुआती रोडमैप के अनुसार, प्राधिकरण हाइब्रिड मॉडल को आगे बढ़ा रहा हैजिसमें एक तरफ किसानों से आपसी सहमति के आधार पर सीधी खरीद का विकल्प रहेगा, तो दूसरी तरफ जरूरत पड़ने पर जिला प्रशासन के जरिए अधिग्रहण की वैधानिक प्रक्रिया भी अपनाई जा सकेगी। नोएडा प्राधिकरण का मानना है कि यह ड्यूल-ट्रैक मॉडल न्यू नोएडा की टाइमलाइन को तेज करने के साथ-साथ नोएडा के विकास एजेंडे में पारदर्शिता और किसानों के हितों का संतुलन भी सुनिश्चित करेगा।

80 गांवों की जमीन पर ‘नया नोएडा’

न्यू नोएडा की परिकल्पना दादरी और बुलंदशहर बेल्ट के करीब 80 गांवों की जमीन पर टिकी है, जिसे दस्तावेजों में डीएनजीआईआर (Dadri–Noida–Ghaziabad Investment Region) का नाम दिया गया है। नोएडा प्राधिकरण की कोशिश है कि जमीन लेने की प्रक्रिया “टकराव नहीं, संवाद” के सिद्धांत पर आगे बढ़े। मकसद साफ है: आज के नोएडा के अनुभवों से सीख लेते हुए भविष्य का नोएडा ऐसी योजना के साथ खड़ा हो, जहां कनेक्टिविटी, इंडस्ट्रियल क्लस्टर, हाउसिंग और नागरिक सुविधाएं पहले से तय रोडमैप पर विकसित हों और शहर की ग्रोथ रफ्तार के साथ-साथ व्यवस्था भी मजबूत रहे।

जनवरी में मुआवजा दरों पर बैठक

अधिकारियों का कहना है कि न्यू नोएडा में जमीन लेने से पहले सबसे अहम कदम मुआवजा दरों का निर्धारण पूरा किया जाएगा। इसी कड़ी में जनवरी में एक निर्णायक बैठक प्रस्तावित है, जिसके लिए नोएडा प्राधिकरण अपना प्रस्ताव तैयार कर चुका है। उधर, जमीन अधिग्रहण किस “रूट” से आगे बढ़ेगा इस मॉडल को लेकर भी शासन स्तर पर मंथन तेज है। जानकारी के मुताबिक, इस मुद्दे पर एक बैठक पहले ही हो चुकी है और अब उसी के आधार पर अंतिम ढांचा तय करने की दिशा में काम आगे बढ़ाया जा रहा है, ताकि न्यू नोएडा की योजना कागजों से निकलकर तय समयरेखा में जमीन पर उतर सके।

क्या है ‘हाइब्रिड मॉडल’?

हाइब्रिड मॉडल के तहत न्यू नोएडा में जमीन लेने की रणनीति दोहरी राह पर आगे बढ़ेगी। पहली राह में नोएडा प्राधिकरण या अधिकृत डेवलपर किसानों से आपसी सहमति के आधार पर सीधे खरीद कर सकता है, ताकि बातचीत के जरिए सौदा तय हो और प्रक्रिया विवाद-मुक्त रहे। दूसरी राह “बैकअप विकल्प” के तौर पर खुली रहेगी यदि कहीं सहमति अटके या जरूरत बने, तो जिला प्रशासन के माध्यम से धारा 4 और 6 के तहत अधिग्रहण की वैधानिक प्रक्रिया अपनाई जा सकेगी। प्राधिकरण के अधिकारियों का मानना है कि न्यू नोएडा के लिए यही मॉडल सबसे व्यावहारिक है, क्योंकि इससे परियोजना को गति भी मिलेगी और जमीन अधिग्रहण का काम परिस्थितियों के मुताबिक लचीलेपन के साथ आगे बढ़ सकेगा।

सबसे पहले यहां से शुरू होगी जमीन लेने की प्रक्रिया

न्यू नोएडा की जमीन पर पहली चाल रणनीतिक लोकेशन से चलने वाली है। शुरुआती चरण में अधिग्रहण की शुरुआत ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और जीटी रोड के जंक्शन के आसपास खासकर जोखाबाद और सांवली के नजदीकी इलाकों से करने की तैयारी है। नोएडा प्राधिकरण की योजना साफ है: शासन से हरी झंडी मिलते ही प्रक्रिया को फेज-वाइज आगे बढ़ाया जाए, ताकि कनेक्टिविटी वाले इस कॉरिडोर से न्यू नोएडा का विकास तेज़ रफ्तार पकड़ सके और आगे के चरणों के लिए एक मजबूत आधार तैयार हो।

मास्टर प्लान 2041 को अक्टूबर 2024 में मिली थी मंजूरी

गौरतलब है कि डीएनजीआईआर (DNGIR) मास्टर प्लान–2041 को उत्तर प्रदेश सरकार ने अक्टूबर 2024 में मंजूरी दे दी थी। इसके बाद से न्यू नोएडा की परिकल्पना फाइलों और नक्शों से निकलकर जमीन पर उतरने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ी है। अब असली परीक्षा इस बात की है कि जमीन अधिग्रहण का मॉडल, मुआवजा दरें और प्रशासनिक मशीनरी तीनों को एक ही फ्रेम में लाकर बिना अड़चन लागू किया जाए। इसी तैयारी के तहत नोएडा प्राधिकरण ने शासन से एक बार फिर अतिरिक्त स्टाफ की मांग की है, जिसमें 3 तहसीलदार, 6 कानूनगो और लेखपाल शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि कुछ तहसीलदारों ने प्राधिकरण में तैनाती के लिए सहमति भी जता दी है

चार चरणों में बनेगा ‘नया नोएडा’

नोएडा प्राधिकरण का कहना है कि न्यू नोएडा को “एक साथ नहीं, चरण-दर-चरण” विकसित किया जाएगा, ताकि शहर का विस्तार नियंत्रित रहे और इन्फ्रास्ट्रक्चर की रफ्तार आबादी व निवेश के साथ संतुलन में चल सके। कुल मिलाकर करीब 21,000 हेक्टेयर क्षेत्र में प्रस्तावित इस मेगा-प्रोजेक्ट का फेज़-वाइज रोडमैप तैयार कर लिया गया है। योजना के मुताबिक, 2027 तक पहले चरण में 3,165 हेक्टेयर विकसित होगा। इसके बाद 2027 से 2032 के बीच 3,798 हेक्टेयर क्षेत्र में विकास कार्य होंगे। तीसरे चरण में 2032 से 2037 के दौरान 5,908 हेक्टेयर पर काम आगे बढ़ेगा, जबकि अंतिम और सबसे बड़े चरण में 2037 से 2041 के बीच 8,230 हेक्टेयर क्षेत्र विकसित किया जाएगा। Noida News


संबंधित खबरें

अगली खबर पढ़ें

नोएडा को मिलेगा ‘गोल्डन’ फायदा, फरीदाबाद जाने की झंझट होगी खत्म

गोल्डन लाइन (फेज-5A) के विस्तार के साथ नोएडा के यात्रियों के लिए मेट्रो सफर की तस्वीर बदलने वाली है। तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज तक सीधी मेट्रो कनेक्टिविटी बनने के बाद फरीदाबाद जाने के लिए बार-बार लाइन बदलने की झंझट खत्म हो जाएगी।

नोएडा से फरीदाबाद का सफर होगा स्मूद
नोएडा से फरीदाबाद का सफर होगा स्मूद
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar27 Dec 2025 02:18 PM
bookmark

Noida News : दिल्ली-एनसीआर में मेट्रो से रोजाना सफर करने वाले लाखों लोगों के लिए राहत की बड़ी खबर है। नोएडा से फरीदाबाद का रास्ता अब सिर्फ दूरी नहीं, समय की बचत भी बनकर सामने आने वाला है। दिल्ली मेट्रो की गोल्डन लाइन के प्रस्तावित विस्तार और मंझावली पुल की अप्रोच रोड के निर्माण से नोएडा–ग्रेटर नोएडा का हरियाणा से कनेक्शन तेज, सीधा और कहीं ज्यादा सुविधाजनक होगा। यह बदलाव केवल यात्रियों के लिए नहीं, बल्कि NCR की रफ्तार, रोजगार और रियल-एस्टेट मूवमेंट के लिए भी गेमचेंजर साबित हो सकता है।

नोएडा से फरीदाबाद का सफर होगा सीधा और सुगम

गोल्डन लाइन (फेज-5A) के विस्तार के साथ नोएडा के यात्रियों के लिए मेट्रो सफर की तस्वीर बदलने वाली है। तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज तक सीधी मेट्रो कनेक्टिविटी बनने के बाद फरीदाबाद जाने के लिए बार-बार लाइन बदलने की झंझट खत्म हो जाएगी। अभी नोएडा से निकलने वाले यात्रियों को बॉटेनिकल गार्डन और कालकाजी जैसे स्टेशनों पर मेट्रो बदलनी पड़ती है, जिससे समय भी जाता है और सफर भी थकाऊ हो जाता है। नया रूट शुरू होते ही नोएडा से फरीदाबाद की यात्रा ज्यादा सीधी, तेज और भरोसेमंद हो जाएगी जो रोजाना अप-डाउन करने वालों के लिए बड़ी राहत साबित होगी।

एक हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश

करीब 3 किलोमीटर लंबे इस नए मेट्रो कॉरिडोर पर लगभग 1024.8 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है, जो नोएडा की ट्रांजिट क्षमता को नई मजबूती देगा। परियोजना के तहत एक आधुनिक मेट्रो स्टेशन भी विकसित किया जाएगा, जिससे नोएडा और आसपास के रिहायशी व व्यावसायिक क्षेत्रों को सीधा फायदा मिलेगा। अधिकारियों के मुताबिक इस विस्तार को तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। फिलहाल नोएडा से फरीदाबाद जाने में यात्रियों का 15 से 30 मिनट अतिरिक्त समय सिर्फ मेट्रो बदलने और लंबा पैदल रास्ता तय करने में चला जाता है, खासकर कालकाजी इलाके में। गोल्डन लाइन के विस्तार के बाद यह समय बचेगा और नोएडा से फरीदाबाद का सफर ज्यादा तेज़, सुगम और तनावमुक्त हो जाएगा।

मंझावली पुल की अप्रोच रोड से नोएडा-हरियाणा लिंक मजबूत

नोएडा और हरियाणा को सड़क से जोड़ने वाली तस्वीर भी अब तेजी से साफ होती जा रही है। यमुना नदी पर बना 630 मीटर लंबा मंझावली पुल तैयार है और अब इसकी अप्रोच रोड पर काम रफ्तार पकड़ चुका है।  उत्तर प्रदेश की सीमा में करीब 6.4 किलोमीटर और हरियाणा की तरफ 1.7 किलोमीटर लंबी सड़क विकसित की जा रही है, जिस पर लगभग 66.50 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस प्रोजेक्ट के पूरा होते ही नोएडा से फरीदाबाद की ड्राइव ज्यादा सीधी और सुगम हो जाएगी, वहीं जेवर एयरपोर्ट कॉरिडोर की तरफ जाने वालों के लिए भी यह रोड एक नया तेज विकल्प बनकर उभरेगी।

साझा विकास का प्रतीक बना नोएडा-हरियाणा प्रोजेक्ट

शिलान्यास कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा समेत कई जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी ने इस परियोजना का सियासी और विकासात्मक महत्व साफ कर दिया। मंच से इसे उत्तर प्रदेश–हरियाणा की साझा विकास साझेदारी का ठोस उदाहरण बताया गया। नेताओं का कहना है कि मंझावली–जेवर मार्ग और गोल्डन लाइन का विस्तार मिलकर नोएडा की कनेक्टिविटी को नई धार देंगे और शहर को NCR के नक्शे पर एक मजबूत ट्रांजिट हब के रूप में स्थापित करने में मदद करेंगे,जिसका सीधा फायदा रोजगार, निवेश और शहरी विस्तार को मिलेगा। Noida News

संबंधित खबरें