Tuesday, 26 November 2024

नोएडा में कूड़ा फैलाने वालों ने पर्यावरण स्वच्छता सिखाने वालों को ही भगा दिया

Noida News : हम टीम आर डब्लू ए वाले हैं। कहते हैं एक साथ रहने में बहुत दम है। अब…

नोएडा में कूड़ा फैलाने वालों ने पर्यावरण स्वच्छता सिखाने वालों को ही भगा दिया

Noida News : हम टीम आर डब्लू ए वाले हैं। कहते हैं एक साथ रहने में बहुत दम है। अब इसके असर भी  नजर आने लगे हैं। लेकिन क्या ये दबंगई नहीं है ?

अंजना भागी

2 अक्टूबर 2014 को माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी ने स्वच्छता संरक्षण सर्वेक्षण अभियान की शुरुआत की । एच सी एल फाउंडेशन ने भी इसको अपनाया और 2018 में नोएडा के लगभग 90 सेक्टरों को गोद लिया। देखते ही देखते की इन सेक्टरों में परिणाम भी नजर आने लगे। वे लोगों को स्वच्छ रहना या पर्यावरण को सुरक्षित कैसे रखें सिखाने आते हैं। कभी नोएडा के सेक्टर की महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी, कभी हाइजीन संबंधी, कभी पर्यावरण तथा कूडे का सर्वेक्षण प्रबंधन सिखाने के विषय में वर्कशॉप करते हैं। कभी घरेलू सहायिकाओं को वर्कशाप लगा प्रशिक्षित करते हैं। उन्हें जागरूक करने को कार्यक्रम संबंधी तोहफे रिफ्रेशमेंट भी देते हैं।  बदले में आपको हरा ताजगी भरा सेक्टर बनाने में मदद देते हैं। आर डब्लू ए से कुछ भी डिमांड नहीं करते। कम्यूनिटी सेंटर के पार्क में ही इनके लगभग सभी कार्यक्रम होते हैं। लगभग सब ही सेक्टर इनका भाग बनना चाहते हैं। मैंने भी बहुत प्रयास किया अंतत; कामयाब हो ही गई।

पर्यावरण को सुरक्षित कैसे रखें

लेकिन मैं हैरान परेशान तब हुई  जब 28 जनवरी 2024, को एच सी एल की टीम के युवाओं  अनीता, करण, कफील, प्रियांशु  ने मुझे फोन पर सूचना दी की वे कम्यूनिटी सेन्ट्रर में रि फ़्रेशमेंट रखने आए हैं। लेकिन उन्हें वहाँ बॉक्स नहीं रखने दिया जा रहा है। सब ही युवा ग्रेजुऐट हैं उन्हें दुतकारने वालों की क्वालीफिकेशन है “4/5 टीम आर डब्लू ए”।  वर्कशाप दोपहर में कम्यूनिटी सेन्ट्रर के पार्क में थी । पढ़े लिखे युवाओं को लताड़ कर भगा देना। मैं सचमुच बहुत हैरान थी। क्या इसका मतलब यह नहीं कि आप के सेक्टर के लोग जुड़े ही नहीं ? एचसीएल फाउंडेशन की टीम नोएडा  के बहुत से सेक्टरॉ की आर डब्लू ए के साथ काम कर रही है। ऐसा व्यवहार तो उनके साथ किसी भी सेक्टर में नहीं किया गाया। 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छता संरक्षण सर्वेक्षण की शुरुआत हुई।  2018 में एच सी एल कंपनी के साथ जुड़ने से 2024 आते-आते हमारा स्थान यूपी में पहले रैंक पर आ गया है और इसका पूरे भारत में 14वां  रैंक है।

नोएडा स्वच्छता में हुआ आगे Noida News

नोएडा के किसी भी सेक्टर को स्वच्छ रखने या किसी शहर को एकदम से स्वच्छता की ओर मोड़ लेना कोई आसान काम नहीं है। इसके लिए इस फाऊनडेशन ने पढ़े लिखे युवक युवतियों को इस कार्य के लिए लगाया है। वे जिस भी सेक्टर के साथ काम करते हैं। वहां आए दिन  वर्कशॉप लगाते हैं। जिसमें सबसे पहले वहां पर घरों में काम करने वाली सहायिकाओं को शिक्षित करते हैं वहाँ के सफाई कर्मचारियों को सिखाते समझाते हैं। उन्हें अपने को साफ कैसे रखना है फिर जहां भी काम कर रहे हैं उस एनवायरमेंट को साफ कैसे रखना है। सिखाते हैं। वैसे ही नोएडा के सेक्टर की महिलाओं के साथ कार्यक्रम रखते हैं वर्कशॉप लगाते हैं । हम किस तरह से गैस का, पानी का सही इस्तेमाल करें।  आए दिन आम फैलने वाली बीमारियों से स्वयं को कैसे सुरक्षित रखें यह सब सीखते हैं। नोएडा के जिस सेक्टर में भी यह फाउंडेशन काम करने लगती है उस सेक्टर में इसका प्रभाव भी पूरी तरह से नजर आने लगता है। पर्यावरण कैसे सुरक्षित होगा जो भी हम पर्यावरण से या पृथ्वी से लेते हैं उसको यदि वैसे ही लौटाएं भी। घर में जो गीला कूड़ा है जैसे सब्जी के छिलके फलों के छिलके यह जो भी लिविंग चीजों से कचरा बनता है यदि हम इसका निस्तारण करें उसको धरती को वापस करें तो हमारा पर्यावरण सुरक्षित होगा इसी तरह से पेड़ लगाएं, पेड़ों की सुरक्षा करें खतरनाक कूड़े को अलग करें। बहुत ही आम बातें हैं।  पर हम उन्हें व्यवहार में लाएँ के लिए ही वे हमें प्रेरित करते हैं।

पर्यावरण स्वच्छता सिखाने वालों को ही भगा दिया !

Noida News

बहुत ही अजीब बात है नोएडा सेक्टर 11 में कम्यूनिटी सेंटर में यह वर्कशाप होने वाली थी सब ही रेजिडेंट्स को इन्फॉर्म किया गया था। उन्होंने अध्यक्ष से समय फिक्स किया था। स्थान की बात की थी अध्यक्ष ने पूरे सेक्टर में इस बात का संदेश भेजा और बहुत सी महिलाओं ने  इस कार्यक्रम को अटेंड करना  था लेकिन कब्जेदारों को ऐसा कोई भी कार्यक्रम पसंद नहीं जिससे उनको कुछ अर्थ लाभ न हो।  और हैरानी तब हुई जब उन्होंने इन पढ़े-लिखे युवाओं  को  भगा दिया कि यहां पर ऐसा कोई भी कार्यक्रम नहीं होगा। जबकि इस बारे में नोएडा प्राधिकरण से भी बात की गई थी। वहां भी पता चला कि जो कम्युनिटी सेंटर का खुला पार्क है वहां पर स्वच्छता को लेकर इस प्रकार की वर्कशाप लगाई जा सकती हैं। ये  वही लोग हैं जो कि इतनी खराब एयर क्वालिटी इंडेक्स के समय पेड़ों को बुरी तरह कटवा देते हैं।  बिना प्राधिकरण या अन्य किसी की परमिशन के? क्योंकि इनका गुमान, या महत्वाकांक्षा सिर्फ यहीं तक है कि हम देखेंगे या मैं देखता हूं कौन क्या करेगा? यदि कोई कुछ भी नहीं करेगा, तो भी आपने क्या कर दिया? जब आपको यही ज्ञान नहीं है तो  अब मैं इससे ज्यादा क्या कहूं?

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