Monday, 31 March 2025

नोएडा की इन दो बड़ी इमारतों पर प्राधिकरण ने बहाए करोड़ों, अब तक बनी हुई है शोपीस

Noida News : नोएडा प्राधिकरण द्वारा करोड़ों की लागत से बनाई गई सेक्टर-18 मल्टीलेवल कार पार्किंग और सेक्टर-82 सिटी बस टर्मिनल…

नोएडा की इन दो बड़ी इमारतों पर प्राधिकरण ने बहाए करोड़ों, अब तक बनी हुई है शोपीस

Noida News : नोएडा प्राधिकरण द्वारा करोड़ों की लागत से बनाई गई सेक्टर-18 मल्टीलेवल कार पार्किंग और सेक्टर-82 सिटी बस टर्मिनल अपने मूल उद्देश्यों को पूरा करने में असफल रहे हैं। जहां कार पार्किंग अपनी 3,000 वाहनों की पूरी क्षमता का उपयोग नहीं कर पा रही है। वहीं सिटी बस टर्मिनल भी परिवहन विभाग के लिए लाभदायक नहीं बन सका। अब नोएडा प्राधिकरण इन इमारतों का नया उपयोग तलाश रहा है जिससे न सिर्फ इनका सही इस्तेमाल होगा, बल्कि प्राधिकरण को अतिरिक्त राजस्व भी मिलेगा।

2018 में जनता के लिए खोला गया पार्किंग

बता दें कि, 243.32 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस पार्किंग को 2018 में जनता के लिए खोला गया था। सेक्टर-18 में पहले से कई सरफेस पार्किंग की उपलब्धता के कारण यह पार्किंग अपनी पूरी क्षमता से संचालित नहीं हो सकी। बड़े मॉल और होटलों की निजी पार्किंग सुविधाएं होने के कारण भी लोग यहां कम आते हैं।

इमारत में होगा नया बदलाव

जानकारी के  मुताबिक, इमारत की छत पर एक रूफटॉप होटल बनाया जाएगा जिससे पार्किंग का उपयोग भी बढ़ेगा। इसके लिए एक सलाहकार कंपनी हायर की जाएगी, जो होटल के निर्माण की प्रक्रिया और RFP (Request for Proposal) की शर्तें तय करेगी। होटल बनने से नोएडा प्राधिकरण को राजस्व मिलेगा और लोगों को एक नई पार्टी और एंजॉयमेंट की जगह मिलेगी।

गिने-चुने बसें ही हो रही संचालित

157.84 करोड़ रुपये की लागत से बने इस बस टर्मिनल में 30,784 वर्गमीटर में दो बड़ी इमारतें बनाई गई थीं।

यह टर्मिनल परिवहन विभाग को सौंपा जाना था, लेकिन उन्होंने इसे लेने से इनकार कर दिया।

वर्तमान में यहां से केवल 5-6 बसें ही संचालित हो रही हैं, जबकि अधिकांश टर्मिनल खाली पड़ा है।

कंपनियां कर सकेंगी अंदरूनी बदलाव

अब इस इमारत को अस्पताल के रूप में उपयोग करने की योजना बनाई जा रही है।

इसे किराए पर दिया जाएगा, जिससे प्राधिकरण को स्थायी राजस्व मिलेगा।

तीन कंपनियों ने अस्पताल संचालन में रुचि दिखाई है और उनसे प्रपोजल मांगे गए हैं।

ग्राउंड फ्लोर पर बस टर्मिनल पहले की तरह कार्यरत रहेगा, लेकिन अस्पताल संचालक कंपनियां अंदरूनी बदलाव कर सकेंगी।

डॉ. लोकेश एम ने क्या कहा?

नोएडा प्राधिकरण की कई अन्य इमारतें भी पूरी क्षमता के अनुसार उपयोग में नहीं हैं। सीईओ डॉ. लोकेश एम के अनुसार, ऐसी इमारतों की पहचान कर उनके नए उपयोग तलाशे जाएंगे। बताया जा रहा है कि, बिना लैंड यूज बदले ही इन इमारतों का पुनः उपयोग किया जाएगा। Noida News 

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