Noida News : नोएडा प्राधिकरण में घोटालों व घपलों के जरिए अकूत संपत्ति अर्जित करने वाले मोहिंदर सिंह की अब उल्टी गिनती शुरू हो गई है। देर ही सही, प्रवर्तन निदेशालय ने अब बसपा शासन में असरदार सरदार की छवि वाले मोहिंदर सिंह की संपत्तियों को खंगालना शुरू कर दिया है।
मोहिंदर सिंह की रिश्वतखोरी व भ्रष्टाचार का आलम यह था कि स्वयं सीएजी ने भी अपनी ऑडिट में माना है कि नोएडा प्राधिकरण तैनाती के दौर में मोंहिदर सिंह के कार्यकाल में सबसे ज्यादा वित्तीय घोटाले हुए हैं। 2017 में उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद सीएजी ने वर्ष 2005 से लेकर 2015 तक प्राधिकरण में हुए वित्तीय अनियमितताओं की जांच की। मोहिंदर सिंह नोएडा प्राधिकरण में 2007 से 2012 तक बतौर चेयरमैन व सीईओ काबिज रहे।
फार्म हाउस घोटाला Noida News
मोहिंदर सिंह के कार्यकाल में यमुना नदी के किनारे सस्ते दामों पर फार्म हाउस को योजना लांच की गई। प्राधिकरण ने वर्ष-2008 तथा 2010 में दो ओपेन एंड स्कीम के तहत दोबार में फार्म हाउस की योजना निकाली थी। दोनों बार में 305 आवेदन स्वीकार किए गए। इसमें 157 आवंटियों को 18 लाख 37 हजार 340 वर्ग मीटर भूखंड आवंटित किए गए। सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष-2009 में 22 आवंटियों को 3100 रूपये प्रति वर्ग मीटर की दर से भूखंड आवंटित किए गए। जबकि उस वक्त जमीन की दर 15 हजार 914 रूपये प्रति वर्ग मीटर थी। इसी दर से वर्ष-2009-2010 में भी भूखंडों का आवंटन किया गया था।
ईडी की रडार पर मोहिंदर सिंह के
“राजदार” सूत्रों की मानें तो मोहिंदर सिंह के इस गोरखधंधे में शामिल हुए कुछ बिल्डर, सफेदपोश, बसपा के नेता, प्राधिकरण के चंद अफसर भी शामिल हैं जो मोहिंदर सिंह के राजदार थे। उन पर भी ईडी कभी भी शिकंजा कस सकती है। Noida News
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