Noida News : एक पेड़ दो व्यक्तियों के लिए जीवन भर के लिए जीवनदायनी ऑक्सिजन (Oxygen) दे देता है। जैसी गर्मी 2024 में पड़ी है ऐसी गर्मी पहले कभी महसूस ना हुई थी। घर का हर प्राणी बेचैन परेशान, सडक़, मोहल्लों, राहगीरों सभी ने तोबा कर ली। बल्कि यूं कहिये कि घरों के बजट ही बिगड़ गये। बच्चे खेलने बाहर जाना भूल गए, जिसके पास जो साधन था पंखा, कूलर या ऐसी सब उसी के सामने डटे रहे। कामगारों के काम करने की क्षमता तक जवाब दे गई। गर्मी और पानी का तो चोली दामन का साथ है। अत: जितनी अधिक गर्मी उतनी ही पानी की समस्या भी बढ़ी इसी ने आज सबको सिखा दिया। अगर आगे ऐसा जीवन नहीं बिताना है तो पर्यावरण को बचाना ही है।
अब जब सावन आ ही गया है तो सबको यह भी समझ आ गया है कि यदि ऐसी गर्मी से स्वयं को बचाना है तो सभी को मिलजुल कर हरियाली को बढ़ाना है। यही कारण है जो आज पेड़ तो सबके हाथ में है लेकिन सब एक दूसरे की तरफ देख रहे हैं कि लगाना कहां है? ऐसे में यदि एक पेड़ को 7 लोग मिलकर लगा भी दें तो उसको लगाने से पहले क्या यह विमर्श नहीं होना चाहिए कि सातों में से इनको पानी कौन देगा? एक या सातों व्यक्ति एक एक दिन मिलकर। यदि आपने कहीं दूर दराज पेड़ लगा भी दिया तो यदि पानी की व्यवस्था ही नहीं है तो पेड़ कैसे जियेगा। लेकिन ये इतना मुश्किल भी नहीं है। जहां आपने अपने इस दोस्त को लगाया है ज्यादा से ज्यादा 1 साल 6 महीने उसके बाद तो वह स्वयं भी अपने लिए जमीन से पानी सोखने लायक हो जाएगा। यदि आपने ठान ही लिया तो इतना मुश्किल भी नहीं है। दो-ढाई लीटर की बोतल भर आप उठाकर ले जाऐ। पैदल चलते हैं तो पैदल स्कूटी या रिक्शा जो भी आपके लिए संभव हों,
इस तरह से आप हफ्ते में यदि किसी पेड़ को चार बार भी पानी दे आते हैं तो वह जम ही जाएगा। अभी डेढ़ महीना तो इन पेड़ों पर कुदरत ही मेहरबान रहेगी बाद में सर्दी आ जाएगी। पेड़ को पानी भी कम ही चाहिए होगा। रही स्थान की बात तो मैं बता देती हूं नोएडा का सिंचाई नाला सबसे उपयुक्त जगह है उसके आसपास जगह भी है यदि आप चाहें तो एक नीम और एक पेड़ बरगद का लगाते जाये इसके आसपास जगह मिल ही जायेगी। वहाँ आपको पेड़ की ज्यादा सेवा भी नहीं करनी पड़ेगी। कुछ दिन आपसे पानी लेगा फिर तो भोजन, पानी, खाद को पेड़ नाले से ही ले लेगा और बदले में नाले से उड़ती गंध बदबू सब ले हवाएं शुद्ध कर, शुद्ध वायु आपको देगा।
आजकल हर सेक्टर में लगभग हर जगह लोग जागरुक है। जहां भी जरा खाली जगह थी वहीं सब पेड़ लगा रहे हैं। कितना अच्छा हो यदि पौधा लगाने से पहले हम यह प्रण भी ले लें कि यह हमारा दोस्त है इसकी सेवा कर हम इसे बड़ा करेंगे। ऐसा कौन सा कार्य है जो अपने जीवन में यदि ठान लें तो हम कोशिश नहीं करते। अपने छोटे से बच्चों को इतने वर्ष तक बड़ा करके काबिल बना देते हैं तो पौधे को तो ज्यादा से ज्यादा पेड़ बनने में दो-तीन वर्ष ही लगते हैं। आज से लगभग एक डेढ़ साल पहले सडक़ों के किनारे जितने भी पेड लगे हुए थे। कुछ भाग्यवान पेड़ों को छोडक़र सभी की जडें टायलों से पूरी तरह से ढकी हुई थी, लेकिन यह तो वंदना त्रिपाठी (OSD नोएडा प्राधिकरण आई जिन्होंने सख्ती से इन पेड़ों को मिलने वाली सांस खुलवाई।
यदि ऐसा ना हुआ होता तो इनमें से भी कई पेड गिर चुके होते और तापमान कहां पहुंचता? यह तापमान अब सब की समस्या है किसी एक कि नहीं। इसलिए हम सबको इस वर्ष बरसात में अधिक से अधिक पीपल, बढ़, नीम जैसे वृक्षों को लगाना है और अपने लिए, अपने आने वाली संतान के लिए पर्यावरण को बचाना है। Noida News :
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