Business News : भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन के फरवरी में चालू हो जाने की संभावना

India
India-Bangladesh friendship pipeline likely to become operational in February
locationभारत
userचेतना मंच
calendar08 Jan 2023 08:23 PM
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गुवाहाटी। भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन (आईबीएफपीएल) अगले महीने चालू हो सकती है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। 130 किलोमीटर लंबी इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर 377.08 करोड़ रुपये की लागत आई है।

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अंतरराष्ट्रीय तेल पाइपलाइन आईबीएफपीएल के माध्यम से असम स्थित नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) के पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में स्थित विपणन टर्मिनल से बांग्लादेश पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसी) के परबतीपुर डिपो तक ईंधन पहुंचाया जाएगा।

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एनआरएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत द्वारा वित्तपोषित इस द्विपक्षीय परियोजना का यांत्रिक कार्य पिछले साल 12 दिसंबर को पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि हमने फरवरी, 2023 में इसे चालू करने का लक्ष्य रखा है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये भारत और बांग्लादेश के प्रधानमंत्रियों की उपस्थिति में सितंबर, 2018 में इस पाइपलाइन का शिलान्यास हुआ था।

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पूर्वोत्तर की सबसे बड़ी रिफाइनरी कंपनी के इस वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह परियोजना सही मायने में एक इंजीनियरिंग ‘चमत्कार’ है। हमने कई बाधाओं का सामना किया, लेकिन दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग और तकनीकी समझ के साथ यह अंतरराष्ट्रीय परियोजना पूरी हो सकी है। उन्होंने कहा कि आईबीएफपीएल को भारत और बांग्लादेश के बीच सच्ची दोस्ती के कारण सफलतापूर्वक लागू किया गया है और यह दो दक्षिण- एशियाई देशों के बीच अच्छे संबंधों का प्रमाण है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ बैठक में इस 10 लाख टन सालाना क्षमता की पाइपलाइन के वित्तपोषण की सहमति जताई थी आईबीएफपीएल के निर्माण की कुल लागत 377.08 करोड़ रुपये है। इसमें से एनआरएल का निवेश पाइपलाइन के भारत के हिस्से के लिए 91.84 करोड़ रुपये है, जबकि बांग्लादेश के हिस्से के लिए शेष 285.24 करोड़ रुपये अनुदान सहायता के रूप में भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित किए जा रहे हैं। पड़ोसी देश के विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के अवसर पर असम विधानसभा द्वारा हाल ही में तैयार एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश इस साल के अंत में एनआरएल से गैस और तेल आयात करना शुरू कर देगा।
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Diamond Import Duty : बजट में कृत्रिम हीरे के कच्चे माल पर आयात शुल्क हटाने की मांग

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Diamond Import Duty
locationभारत
userचेतना मंच
calendar08 Jan 2023 08:04 PM
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Diamond Import Duty : नयी दिल्ली। रत्न एवं आभूषण निर्यातकों ने सरकार से आगामी बजट में प्रयोगशाला में तैयार होने वाले हीरे के कच्चे माल पर आयात शुल्क खत्म करने के साथ ही आभूषण मरम्मत नीति के ऐलान की मांग की है।

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रत्न एवं आभूषण उद्योग ने सरकार से विशिष्ट अधिसूचित क्षेत्रों में हीरों की बिक्री पर अनुमानित कर लगाने का सुझाव भी दिया है। इसके अलावा विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) के लिए लाए जा रहे नए ‘देश’ विधेयक को लागू करने की भी मांग की गई है।

उद्योग ने एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में एक तरह के ‘हीरा पैकेज’ की घोषणा करने का सरकार से अनुरोध करते हुए कहा है कि अमेरिका और यूरोप में उच्च मुद्रास्फीति एवं आर्थिक संकट पैदा होने के साथ ही चीन में लॉकडाउन से हीरे के निर्यात एवं इसमें मिलने वाले रोजगार पर प्रतिकूल असर पड़ा है।

प्राकृतिक रूप से मिलने वाले हीरे के उत्खनन पर आने वाली ऊंची लागत को देखते हुए प्रयोगशाला में हीरा बनाने (एलजीडी) पर काफी जोर दिया जा रहा है। एलजीडी को विशेष मानकों का ध्यान रखते हुए प्रयोगशाला के भीतर अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी की मदद से तैयार किया जाता है। इसके लिए एक बीज का इस्तेमाल किया जाता है जो कि खास किस्म का कच्चा माल होता है।

कामा ज्वेलरी के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक कोलिन शाह ने कहा कि वर्ष 2025 तक वैश्विक रत्न एवं आभूषण निर्यात में एलजीडी का हिस्सा 10 प्रतिशत होने की संभावना है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में एलजीडी को प्रोत्साहन देकर निर्यात वृद्धि के अलावा रोजगार भी पैदा किया जा सकता है। अगर एलजीडी के बीज पर आयात शुल्क हटा दिया जाता है, तो इसे बहुत मजबूती मिलेगी।’’

रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद के पूर्व अध्यक्ष शाह ने आभूषण मरम्मत के लिए नीति लाने की भी मांग करते हुए कहा है कि भारत के रत्न एवं आभूषण की मरम्मत का वैश्विक केंद्र बनने की संभावना है। इससे प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण होने के अलावा नए रोजगार भी पैदा होंगे।

सूरत स्थित इंडियन डायमंड इंस्टिट्यूट के चेयरमैन दिनेश नवाडिया ने सरकार से बजट में हीरा उद्योग के लिए खास पैकेज घोषित करने की मांग करते हुए कहा है कि इस प्रोत्साहन से निर्यात संभावनाओं को बल मिलेगा।

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Business News : खारी जमीन की नीलामी के लिए नीति पर काम कर रही है सरकार

Khari
Government is working on a policy for the auction of saline land
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 01:22 PM
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नई दिल्ली। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) निजी क्षेत्र की कंपनियों को खारी जमीन (साल्ट लैंड) की नीलामी के लिए नीति पर काम कर रहा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। नमक स्रोत वाले नदी, तालाब आदि सूखने से प्राप्त जमीन को साल्ट लैंड कहा जाता है।

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विभाग को विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, राज्य सरकारों, केंद्रीय और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से मुंबई और उसके उपनगरों के अलावा अन्य स्थानों पर नमक आयुक्त के कार्यालय के जरिये भारत सरकार के स्वामित्व वाली जमीन के हस्तांतरण के लिए अनुरोध मिले हैं। सूत्रों ने बताया कि विभाग निजी कंपनियों को खारी जमीन की नीलामी के लिए नीति के मसौदे को अंतिम रूप दे रहा है। इस तरह की जमीन के लिए ड्रोन सर्वे भी किया जा रहा है। पिछले साल मई में डीपीआईआईटी ने पांच साल की अवधि के लिए नमक आयुक्त संगठन (एससीओ) में मूल्यांककों के पैनल के लिए आवेदन मंगाए थे। विभिन्न राज्यों में लगभग 60,000 एकड़ खारी जमीन उपलब्ध है।

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डीपीआईआईटी ने मूल्यांककों के लिए आवेदन आमंत्रित करते हुए एक दस्तावेज में कहा था कि एससीओ की जरूरत से अधिशेष जमीन का सामान्य वित्तीय नियमों के तहत सार्वजनिक उद्देश्य के लिए हस्तांतरण पर विचार किया जाएगा। मूल्यांककों को तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा के साथ-साथ राजस्थान के तटीय क्षेत्रों में स्थित खारी जमीन के मूल्यांकन के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार करनी होगी। नमक आयुक्त कार्यालय का मुख्यालय जयपुर में है। यह डीपीआईआईटी के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत आता है। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।