Stock Market: इस हफ्ते शेयर बाजार से निवेशकों को मिली राहत, इन शेयर्स में हुई अधिक बढ़त

648309 senup
Pic Source: Amar Ujala
locationभारत
userचेतना मंच
calendar13 Aug 2022 03:35 PM
bookmark
नई दिल्ली: घरेलू शेयर बाजार (Stock Market) की बात करें तो शुक्रवार के दिन काफी बढ़त हुई थी। BSE का 30 शेयरों वाला Sensex 130.18 अंक यानी 0.22 फीसदी बढ़ने के बाद 59,462.78 अंक के स्तर पर पहुंचकर बंद हो गया था। वहीं NSE Nifty 39.20 अंक यानी 0.22 फीसदी की बढ़त करने के बाद 17,698.20 अंक पर पहुंच गया था। ऑयल एंड गैस इंडिसेज की बात करें तो 2.5 फीसदी - 2.5 फीसदी की तेजी हुई है। वहीं मेटल एवं पावर में 1.5-1.5 फीसदी के हिसाब से बढ़त देखने को मिली है। इसके अलावा Pharma Index एक फीसदी तक कम हो गया था और आईटी इंडेक्स में भी 0.76 फीसदी की कमी हुई है। BSE Midcap और SmallCap Indices मामूली बढ़त करने के बाद बंद हो गया था। इस हफ्ते कुछ शेयर्स (Stock Market) की वजह से निवेशकों को काफी फायदा हुआ है। NTPC और टाटा स्टील (TATA Steel) के शेयरों में तीन-तीन फीसदी से अधिक को उछाल हुई है। इनके साथ ICICI Bank, Powergrid, Reliance Industries और SBI के शेयरों में 2.05 फीसदी तक की बढ़त हुई है। वहीं ITC, Asian Paints, Bajaj Finserv, Axis Bank, HDFC और Dr Reddy's के शेयर भी मुनाफे में पहुंचकर बंद हुए थे।

इन शेयर्स में सबसे अधिक हुई बढ़त

बीएसई के 30 शेयरों को लेकर आधारित सेंसेक्स पर एक्सिस बैंक के शेयरों में सबसे अधिक 2.75 फीसदी की बढ़त हुई है। इसके अलावा Bajaj Finance के शेयरों में 2.36 फीसदी और एचडीएफसी के शेयरों में 2.32 फीसदी की उछाल हुई है। वहीं टेक महिंद्रा (Tech Mahindra), टीसीएस (TCS) और एसबीआई (SBI) एवं विप्रो (Wipro) के स्टॉक में काफी अधिक बढ़त हुई थी। इनके साथ कोटक महिंद्रा बैंक, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक, टाइटन, आईसीआईसीआई बैंक, इन्फोसिस, एचसीएल टेक, लार्सन एंड टुब्रो, बजाज फिनजर्व, डॉक्टर रेड्डीज, रिलायंस इंडस्ट्रीज और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयर में बढ़त हुई थी।

इन शेयर्स में हुई गिरावट

आईटीसी के शेयरों में गुरुवार को सबसे ज्यादा 1.56 फीसदी का नुकसान हुआ है। वहीं NTPC, HUL, Bharti Airtel, Maruti, Nestle India, Powergrid, Asian Paint, M&M, Tata Steel और सन फार्मा (Sun Pharma) के शेयर नुकसान पर पहुंच गए थे।
अगली खबर पढ़ें

Tribute : उम्मीद की दरिया में बहता हुआ पानी थे गुलशन कुमार

Gulshan kumar
locationभारत
userचेतना मंच
calendar12 Aug 2022 07:10 PM
bookmark
{संगीत के बेताज बादशाह की पुण्यतिथि पर विशेष} Mumbai/Noida : मुंबई/नोएडा। छोटे कस्बों, नगरों और गली-मोहल्लों के गायकों को संगीत की दुनिया के फलक पर स्थापित करने वाला शख्स बेशक आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनकी यादें हमारे जेहन में अब भी जिंदा हैं। उस शख्स का नाम है गुलशन कुमार। गुलशन कुमार किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। दिल्ली के दरियागंज में फल और जूस की दुकान से संगीत इंडस्ट्रीज की दुनिया के बेताज बादशाह बनने तक का गुलशन कुमार का सफर सच में रोमांचित करने वाला है। वे उम्मीद के दरिया में बहता हुआ पानी थे, जिसमें डुबकी लगाकर देश के हजारों गायकों ने अपने लिए नया मुकाम बनाने में कामयाबी हासिल की। आज उनकी पुण्यतिथि पर चेतना मंच परिवार की ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। भारत के संगीत जगत ने बीते 100 वर्षों में बहुत से परिवर्तन देखे हैं, जिन्हें कुछ नियत कालों में भी बांटा जा सकता है, जिनमें से एक समय टी-सीरीज के उदय और उसके कारण संगीत उद्योग में आए सकारात्मक परिवर्तन का समय भी है। टी-सीरीज को उस समय मार्केट में कम दरों पर ऑडियो कैसेट बेचने के लिए जाना जाता है, जब बड़ी कम्पनियों की कैसेट बेहद महंगी थीं। वास्तव में टी-सीरीज की स्थापना के साथ ही इसके संस्थापक गुलशन कुमार ने संगीत के कारोबार का एक बहुत बड़ा एम्पायर खड़ा कर दिया। गुलशन कुमार ने अनेक फिल्में भी बनाईं। यद्यपि गुलशन कुमार अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें और टी-सीरीज का सफर अब भी जारी है। गुलशन कुमार की सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी संगीत कम्पनी है। इसकी भारतीय संगीत व्यापार में 35 फीसदी की हिस्सेदारी है। टी-सीरीज यूट्यूब पर 209 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर और 183 बिलियन व्यूज के साथ, मार्च 2022 तक सबसे अधिक देखे जाने वाले और सबसे अधिक सब्सक्राइब किए गए चैनल का मालिक है। गुलशन कुमार के पिता चन्द्रभान की नई दिल्ली के दरियागंज मार्केट में फल और जूस की दुकान थी। गुलशन कुमार के जीवन का प्रारम्भिक समय यहीं बीता था। उन्होंने 23 वर्ष की उम्र में ही अपने परिवार को आर्थिक सहयोग देने के लिए रिकॉर्ड और आडियो कैसेट का व्यापार शुरू किया था। गुलशन कुमार ने हालांकि अपने कॅरियर की शुरुआत छोटे स्तर पर रिकार्ड्स और कैसेट के व्यापार से की थी, लेकिन कालांतर में इसी क्षेत्र में उन्होंने सफलता के नए आयाम स्थापित किए। समय के साथ उन्होंने कैसेट बनाना भी शुरू कर दिया था। धीरे-धीरे उन्होंने “सुपर कैसेट इंडस्ट्रीज” के नाम से बिजनेस स्थापित कर लिया। वास्तव में उस समय प्रतिष्ठित कम्पनियों द्वारा खराब गुणवत्ता की ऑडियो टेप मार्केट में प्रचलित थी। गुलशन कुमार ने इस समस्या को कम करते हुए वर्ष-1970 में कम और सस्ती दर पर अच्छी क्वालिटी की कैसेट बेचना शुरू कर दिया। गुलशन कुमार ने नोएडा में म्यूजिक प्रोडक्शन कम्पनी भी शुरू की और कुछ ही समय में उन्होंने कामयाबी की जो इबारत गढ़ी, उसकी मिसाल अन्यत्र दुर्लभ है। औद्योगिक नगरी नोएडा के कई सेक्टरों में उनकी कंपनियां स्थापित हो गईं। व्यापार के बढ़ने के साथ ही उन्होंने विदेशों में भी अच्छी क्वालिटी की कैसेट बेचना शुरू कर दिया। जल्द ही वो इससे मिलेनियर बन गए और म्यूजिक इंडस्ट्री के बिजनेस में बड़े कारोबारी के रूप में पहचाने जाने लगे। गुलशन कुमार एक अच्छे गायक भी थे। उन्होंने सैंकड़ों भक्ति गीत गाए हैं। उनमें कुछ भोजपुरी गीत भी शामिल हैं। सोनू निगम के अलावा अनुराधा पोडवाल, वन्दना बाजपेयी और कुमार शानू जैसे गायक गायिकाओं को भी गुलशन कुमार ने ही मौका दिया था। गुलशन कुमार फिल्म मीडिया की बड़ी हस्ती होने के बावजूद काफी सामाजिक, मिलनसार और जमीन से जुड़े व्यक्ति थे। वह माता वैष्णो देवी में भक्तों के लिए भंडारे का आयोजन करते रहते थे। वर्ष-1992-93 में वह सबसे ज्यादा टैक्स भरने वाले व्यक्ति थे। गुलशन कुमार की लोकप्रियता के कारण उनके तमाम दुश्मन भी पैदा हो गए। कहा जाता है कि उन्होंने अंडरवर्ल्ड की मांगों को मानने से इंकार कर दिया था, इसलिए उनकी हत्या हो गई। उन्हें 5 अगस्त 1997 से ही डॉन अबू सलेम से धमकियां मिलने लगी थीं, लेकिन इसे वो नजरअंदाज करते रहे। आखिर, 12 अगस्त 1997 की वो मनहूस घड़ी भी आई, जिस दिन वो जब मुंबई के अंधेरी स्थित शिव मन्दिर गए तो मन्दिर के पास छुपे दो राक्षसों ने उन पर गोली चला दी। उन्हें तीन गोलियां लगीं। वो पास ही एक झोपडी में मदद मांगने के लिए गए, लेकिन वहां खड़ी महिला कुछ समझ पाती, उससे पहले ही हत्यारों ने उन 15 गोलियां और चला दीं, जिससे अस्पताल ले जाते हुए उनकी मृत्यु हो गई। और आज की तारीख को एक महान शख्सियत को हमसे छीन लिया। गुलशन कुमार से फिल्म जगत के साथ ही समाज को भी बहुत उम्मीदें थीं, क्योंकि वह बिजनेसमैन के तौर पर एक आदर्श स्थापित कर रहे थे। उस समय जब हर कोई अंडरवर्ल्ड के खौफ में किसी भी सही-गलत काम के लिए तैयार था, तब गुलशन कुमार ने बिना डरे अपना काम किया, जिसके कारण उन्हें अपनी जान तक गंवानी पड़ी। लेकिन, वो अपने पीछे टी-सीरीज के रूप में अमूल्य धरोहर छोड़ गए, जो आज तक बिजनेस के नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। स्वर्गीय गुलशन कुमार के होनहार सुपुत्र भूषण कुमार आज देश ही नहीं, दुनियाभर में म्यूजिक इंडस्ट्री पर राज कर रहे हैं। भूषण ने अपने पिता के सपनों को न केवल जीया है, बल्कि उन सपनों में नित नए रंग भरने का काम भी यह युवा फिल्मकार कर रहा है। गुलशन कुमार की बेटी तुलसी कुमार और खुशहाली कुमार अपने भाई भूषण कुमार के कंधे से कंधा मिलाकर अपने स्वर्गीय पिता के सपनों को साकार करने में लगी हुई हैं। तीनों ही बच्चों का मत है कि वे जो भी कर पा रहे हैं, वह सब कुछ उनके पिता की प्रेरणा से ही हो रहा है। गुलशन कुमार के दामाद हितेश रल्हन भी इस अभियान में परिवार के सहयोग में लगे रहते हैं। एक ओर बहुत महत्वपूर्ण नाम यहां लेना आवश्यक है। किसी समय बैंक के बड़े अधिकारी वेद चानना टी-सीरीज की तमाम गतिविधियों का संचालन करने का जिम्मा संभाले हुए हैं। श्री चानना साफ कहते हैं कि गुलशन जी शारीरिक रूप से आज हमारे साथ हों या न हों, किन्तु आलोकिक रूप से वे हर समय साथ रहते हैं।
अगली खबर पढ़ें

GST Rules: किरायदारों को 18 फीसदी देना होगा जीएसटी, रेंट पर नया नियम हुआ लागू

Images 3 1
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 11:54 PM
bookmark
नई दिल्ली: ताज़ी जानकारी के तहत रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी किराये पर रहने वालों के लिए सरकार ने नया नियम लागू किया है। किरायेदारों (GST Rules) को रेंट के अलावा 18 प्रतिशत जीएसटी भी देना होगा जिसके लिए लोगों को सूचना मिली है। यह फैसला पिछले महीने 18 जुलाई से लागू किया गया है। परंतु इस फैसले में ये जानकारी दी गई है कि ये टैक्स केवल उन्हीं किरायेदारों (GST Rules) को भुगतना करना होगा, जो किसी बिजनेस को लेकर जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड करवा चुके हैं और जो GST भरने वाली श्रेणी में शामिल हैं। पहले वाले नियम के मुताबिक कमर्शियल प्रॉपर्टी जैसे कि ऑफिस या रिटेल स्पेस वाली जगहों को किराये पर लेने पर लीज पर जीएसटी वसूला जाता था। रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी के अलावा कोई कॉरपोरेट हाउस किराये पर ले या फिर कोई भी किरायदार हो, इस पर कोई जीएसटी नहीं वसूला जाता था।

RCM के तहत देना पड़ेगा टैक्स

जानकारी के मुताबिक, जो नियम 18 जुलाई 2022 से लागू कर दिया गया है उनके मुताबिक, जीएसटी रजिस्टर्ड किरायेदार को लेकर रिवर्स चार्ज मैकेनिज़्म के तहत टैक्स देना पड़ेगा। वह इनपुट टैक्स क्रेडिट के तहत डिडक्शन दिखाकर जीएसटी क्लेम करने के बाद फायदा ले सकता है। जानकारी के अनुसार यह 18 प्रतिशत जीएसटी तभी लागू किया जाएगा जब किरायेदार जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड करवा चुका हो और जीएसटी रिटर्न भरने वाली कैटेगरी में मौजूद हो।

टर्नओवर पर आधारित रहेगा जीएसटी

नए जीएसटी कानून के मुताबिक रजिस्टर्ड किरायेदार की श्रेणी को लेकर सामान्य और कॉरपोरेट संस्थाएं भी शामिल हो रही हैं। सालाना टर्नओवर निर्धारित सीमा से ऊपर जाने के साथ बिजनेस मालिक को जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी करवाना होगा। सेवाएं देने वाले बिजनेस मालिकों को लेकर सालाना लिमिट 20 लाख रुपये का टर्नओवर पहुंच गया है। वहीं, सामान बेच जाने या सप्लाई कर रहे बिजनेस मालिकों को लेकर यह लिमिट 40 लाख रुपये तक पहुंच गया है। हालांकि, अगर यह किरायेदार उत्तरपूर्वी राज्यों या विशेष दर्जा प्राप्त वाले राज्य में मौजूद है, तो उसके लिए टर्नओवर वाली निर्धारित सीमा सालाना 10 लाख रुपये पहुंच गई है।